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बठिंडा से श्री अमृतसर साहिब पैदल मार्च करने वाले Amarjeet Mehta के नेतृत्व में वित्त मंत्री मनप्रीत बादल का दफ्तर घेरा, कहा सरकारी कर्मचारियों, व्यापारियों को मिला बाबा जी का ठुल्लू

पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल व पंजाब राज्य जिला (डीसी) दफ्तर कर्मचारी यूनियन के आपसी तालमेल से सैकड़ों समर्थकों की भीड़ उमड़ी, सरकार की "झूठ की पंड" भी जलाई गई

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पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल व पंजाब राज्य जिला (डीसी) दफ्तर कर्मचारी यूनियन के आपसी तालमेल से पंजाब के प्रसिद्ध समाज सेवक और कारोबारी अमरजीत मेहता, सीनियर उप प्रधान, पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के नेतृत्व में वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के दफ्तर का घेराव किया गया। इस दौरान सरकार की “झूठ की पंड” भी जलाई गई। इस मौके सैंकड़ों व्यापारियों और सरकारी कर्मचारियों का हुजूम उमड़ा। इस दौरान जम कर पंजाब सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली। अमरजीत मेहता ने कहा कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों, व्यापारियों को सुविधाएं देने के नाम पर बाबा जी का ठुल्लू दिया है।
 याद रहे कि अमरजीत मेहता द्वारा 7 जुलाई को पैदल यात्रा बठिंडा से श्री हरिमंदिर साहिब के लिए शुरू की गई थी। जो बाजाखाना, कोटकपूरा, जीरा, हरीके, तरनतारन से होती हुई दरबार साहिब में 12 जुलाई को पहुंची। जिसमें डीसी दफ्तर कर्मचारियों ने व्यापारियों को पूरा सहयोग दिया। इस पैदल यात्रा के दरबार साहिब के पास पहुंचने पर भारी बारिश के बावजूद जोरदार ढंग से स्वागत किया गया। इस मौके समस्त पंजाब के डीसी दफ्तरों के कर्मचारी और पंजाब के कोने-कोने से व्यापारी वर्ग बड़ी संख्या में पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रधान अमित कपूर भी उपस्थित थे। 
अमरजीत मेहता ने कहा कि इस व्यापारी वर्ग और कर्मचारी वर्ग के एकत्र होकर लड़े जा रहे संघर्ष से कैप्टन सरकार की जड़ें हिल जाएंगी। यह भी कहा कि इस बार वित्तमंत्री को विधानसभा की सीढ़ियां नहीं चढ़ने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पैदल यात्रा के समाप्ति दौरान समूचे व्यापारी वर्ग और कर्मचारी वर्ग द्वारा संगत के रूप में दरबार साहिब में परिक्रमा करते हुए वाहेगुरू के आगे यह अरदास की गई कि वह कैप्टन साहिब और श्री मनप्रीत बादल को सद्बुद्धि प्रदान करे और वह अपनी गलतियां सुधारते हुए छठा वेतन कमिशन कर्मचारियों की मांग के अनुसार 3.01 के फैक्टर के साथ बढ़ाकर लागू करे। महंगाई भत्तों का बकाया, पुरानी पैंशन स्कीम की बहाली, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करें, पूरा वेतन और भर्ती, नई भर्ती और केंद्र सरकार के सातवें वेतन कमीशन को लागू करने का पत्र वापस लें और वापस लिए गए भत्ते फिर चालू करें, विभागों के पुन:र्गठन दौरान समाप्त की गई असामियों और काडर को फिर बहाल करें, डीसी दफ्तर के कर्मचारियों को पांच प्रतिशत प्रशासकीय भत्ता, सीनियर सहायक से नायब तहसीलदार की भर्ती के लिए कोटा पचास प्रतिशत करें, नया स्टाफ भर्ती करें और पदोन्नतियां करने के अलावा मांग पत्र में शामिल अन्य मांगों को तुरंत लागू करे और इसके साथ-साथ व्यापारियों की जायज मांगें भी लागू करे। उन्होंनेे कहा कि बठिंडा थर्मल प्लांट की जमीन में से 100 से 200 एकड़ जगह बठिंडा निवासियों व व्यापारियों के नाम रिजर्व की जाए ताकि बठिंडा निवासी अपना रोजगार कर सकें। श्री मेहता ने यह भी कहा कि वेतन कमीशन वेतन में विस्तार करने के लिए दस साल बाद बैठाए जाते हैं, परंतु इस वेतन कमीशन की तरफ से वेतन और भत्ते घटाने की सिफारिश की गई है, जो कि कैप्टन सरकार का कर्मचारियों के प्रति बेकार रवैया को दिखाता है। इससे भी कर्मचारी नाराज हैं कि इतने बड़े संघर्ष के बावजूद सरकार द्वारा कोई प्रतीक्रम नहीं आ रहा। सिर्फ वह अपनी कुर्सी की लड़ाई में उलझे हुए हैं, पंजाब का कोई ख्याल नहीं है। इस आने वाले संघर्ष में पंजाब के कैप्टन सरकार से दु:खी दूसरे वर्गों को भी शामिल किया जाएगा। इसकी सारी जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी।

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