इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन की ओर से 3 अक्टूबर की हैदराबाद में नेशनल कॉन्फ्रेंस में मान्यता को लेकर नई रणनीति बनने की उम्मीद
इलेक्ट्रो होम्योपैथी में लंबे समय से जारी निशुल्क क्लासों का जायजा लेने को देहरादून से डॉ सज़जाद अहमद, हकीम आमिर, डॉ जगदेव सिंह लुधियाना, डॉ गुरबंस सिंह फतेहगढ़ साहब और आयुर्वेदिक कंपनी पीसवैल के मैनेजिंग डायरेक्टर विशाल श्रीवास्तव कानपुर पहुंचे
बठिंडा। सीसीएम इन्स्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी में लंबे समय से जारी निशुल्क क्लासों का जायजा लेने के लिए आज शनिवार को देहरादून से डॉक्टर सजजाद अहमद, हकीम आमिर, डॉक्टर जगदेव सिंह लुधियाना, डॉ गुरबंस सिंह फतेहगढ़ साहब और आयुर्वेदिक कंपनी पीसवैल के मैनेजिंग डायरेक्टर विशाल श्रीवास्तव कानपुर पहुंचे। इस दौरान सीसीएम इन्स्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी के प्रमुख प्रोफेसर डॉ हरविंदर सिंह और डॉ वरिंदर कौर ने दूरदराज के क्षेत्रों से पहुंचे उक्त महानुभव का स्वागत किया। इस तरह कलास में उपस्थित विद्यार्थियों के साथ बातचीत करते देहरादून के डॉक्टर सज्जाद अहमद, हकीम आमिर ने कहा की इलेक्ट्रो होम्योपैथिक की दवाइयां सस्ती और त्वरित रिजल्ट देने वाली है बस इनके डिलयूशन का सही ज्ञान होना चाहिए।
विशाल श्रीवास्तव, कानपुर ने कहा कि इसके रिजल्ट उन्होंने खुद देखे हैं। वरिष्ठ डॉक्टरों ने कहा कि इलेक्ट्रो होमियोपैथी भविष्य की पैथी है। 114 पेड़ पौधों पर आधारित उक्त पैथी बहुत सस्ती है। देश में तकरीबन पांच लाख डॉक्टर वर्तमान में उक्त पैथी में प्रमोशन, डिवेलपमेंट व प्रैक्टिस आदि का केंद्र सरकार की ओर से अधिकार दिया गया है लेकिन संपूर्ण मान्यता ना मिलने का इलेक्ट्रोहोम्योपैथी डिग्री डिप्लोमा हासिल करने वाले डॉक्टर सरकारी नौकरी आदि सुविधाओं से वंचित है। इसलिए इसको मान्यता दिलाना जरूरी है।वर्तमान में वक्ताओं ने कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन की ओर से 3 अक्टूबर को जो हैदराबाद में नेशनल कॉन्फ्रेंस की जा रही है उसका पूरे देश भर के इलेक्ट्रो होम्योपैथी डॉक्टरों ने पाज़िटिव मैसेज गया हैं। उन्होंने कहा हैदराबाद कांफ्रेंस के बाद इलेक्ट्रोपैथी की मान्यता की दिशा में एक नई रणनीति बनने की उम्मीद है। इस दौरान डॉ गुरप्रीत सिंह मनदीप धूड़िया, डॉ अजायब सिंह, डॉ सरवर खान, डॉ अमरितपाल सिंह, डॉ लखविंदर सिंह, मनजिंदर सिंह खास तौर पर उपस्थित रहे।