CMIE की रिपोर्ट:देश में नौकरियों की रफ्तार बढ़ी, पर 10 राज्यों में बेरोजगारी दर डबल डिजिट में, उत्तराखंड-हरियाणा टॉप पर
देश में ओवरऑल बेरोजगारी दर घटने के बावजूद 10 राज्यों में नौकरियों हाल बुरा है। इन राज्यों में सितंबर में भी बेरोजगारी दर डबल डिजिट में रही। बेरोजगारी के मामले में उत्तराखंड और हरियाणा टॉप पर हैं। उत्तराखंड में बेरोजगारी दर 22.3% और हरियाणा में 19.7% रही है।
इन राज्यों में डबल डिजिट में बेरोजगारी दर
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तराखंड और हरियाणा के अलावा त्रिपुरा (17.4%), जम्मू और कश्मीर (16.2%), गोवा (15.4%), राजस्थान (15.3%), दिल्ली (12.5%), हिमाचल प्रदेश (12.0%), बिहार (11.9%), पुडुचेरी (10.9%) में भी बेरोजगारी दर डबल डिजिट में है। इसमें उद्योग-धंधे वाले राज्यों में शुमार हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली भी शामिल हैं।
ग्रामीण के मुकाबले शहरी इलाकों में बेरोजगारी ज्यादा
सितंबर में ग्रामीण क्षेत्र के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में ज्यादा बेरोजगारी रही है। CMIE के डाटा के मुताबिक, शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 8.45% रही है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में यह 5.86% रही है। इस दौरान राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 6.67% रही है।
बिहार में चुनावी मुद्दा बन सकती है बेरोजगारी
चुनावी प्रक्रिया से गुजर रहे बिहार में बेरोजगारी दर 11.9% रही है। ऐसे में बेरोजगारी बिहार में चुनावी मुद्दा बन सकती है। राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे महागठबंधन ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में सत्ता में आने पर 10 लाख नौकरियां पैदा करने का वादा किया है।
13 राज्यों में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बेरोजगारी दर
सितंबर में देश में औसत बेरोजगारी दर 6.67% रही है। जबकि, 13 राज्यों में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा रही है। डबल डिजिट वाले राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल (9.3%), पंजाब (9.6%) और झारखंड (8.2%) में भी बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा रही है।
चार राज्यों में 3% से कम बेरोजगारी दर
देश के 4 राज्यों में बेरोजगारी दर 3% से भी कम रही है। इन राज्यों में असम, छत्तीसगढ़, ओडिशा और कर्नाटक शामिल हैं। 3 से 5% बेरोजगारी दर वाले राज्यों में तेलंगाना, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
सितंबर में तीन वजहों से बढ़ी बेरोजगारी दर
- समर फसल की बुवाई और कटाई होने के कारण सीजनल नौकरियों की कमी।
- मनरेगा के तहत कम नौकरियां पैदा होना।
- सर्विस और इंडस्ट्रियल सेक्टर पर पूरी क्षमता पर नहीं लौटना।
सबसे कम बेरोजगारी दर वाले 5 राज्य
राज्य | दर |
असम | 1.2% |
छत्तीसगढ़ | 2.0% |
ओडिशा | 2.1% |
कर्नाटक | 2.4% |
तेलंगाना | 3.3% |
अन्य राज्यों में बेरोजगारी दर
राज्य | दर |
आंध्र प्रदेश | 6.4% |
गुजरात | 3.4% |
झारखंड | 8.2% |
केरल | 5.9% |
मध्य प्रदेश | 3.9% |
महाराष्ट्र | 4.5% |
मेघालय | 4.3% |
पंजाब | 9.6% |
सिक्किम | 5.7% |
तमिलनाडु | 5.0% |
उत्तर प्रदेश | 4.2% |
पश्चिम बंगाल | 9.3% |