Newsportal

CII के प्रोग्राम में प्रधानमंत्री / मोदी ने इकोनॉमी पर कहा- ग्रोथ जरूर लौटेगी, मेड इन इंडिया और मेड फॉर फॉरेन अब देश की जरूरत है

मोदी ने कहा- अगर संकट के समय इतने आत्मविश्वास से बोल पाता हूं तो इसकी वजह देश का टैलेंट और टेक्नोलॉजी

0 1,216

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इंडस्ट्री एसोसिएशन सीआईआई के 125 साल पूरे होने के कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने इंडस्ट्री के लोगों से ज्यादातर इकोनॉमी पर बात की। कुछ नई तो कुछ पुरानी बातें हुईं। मोदी ने भरोसा जताया कि भारत की ग्रोथ फिर से लौटेगी, अनलॉक फेज-1 के जरिए इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।

लॉकडाउन के बाद मोदी ने ये 5 बातें पहली बार कहीं-

1. भारत की ग्रोथ लौटने का भरोसा
मोदी ने कहा- भारत लॉकडाउन को पीछे छोड़कर अनलॉक फेज-1 में एंटर कर चुका है। इस फेज में इकोनॉमी का बहुत बड़ा हिस्सा खुल चुका है। आठ दिन के बाद और काफी हिस्सा खुल जाएगा। यानी ‘गेटिंग ग्रोथ बैक’ की शुरुआत तो चुकी है।

2. इकोनॉमी को मजबूत करना प्रमुख प्राथमिकता
“हमें लोगों का जीवन भी बचाना है और अर्थव्यवस्था को भी संभालना है। कोरोना के खिलाफ इकोनॉमी को फिर से मजबूत करना, ये हमारी प्रमुख प्राथमिकता है। मैं तो ‘गेटिंग ग्रोथ बैक’ से आगे बढ़कर कहूंगा कि यस…वी आर गेटिंग ग्रोथ बैक।”

3. मेड इन इंडिया, मेड फॉर फॉरेन की जरूरत
मोदी पहले भी देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की बात करते रहे हैं, लेकिन इस बार थोड़े अलग अंदाज में बोले। उन्होंने कहा- वर्ल्ड इज लुकिंग फॉर ए रिलाएबल पार्टनर। भारत में इसकी क्षमता है। इंडस्ट्री को इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहिए। ग्लोबल एक्सपोर्ट में हमारा शेयर काफी कम है। उद्योग संगठनों को देश की इंडस्ट्री और बाजार को ज्यादा से ज्यादा ग्लोबल बनाने में मदद करनी है। अब जरूरत है कि देश में ऐसे प्रोडक्ट बनें जो मेड इन इंडिया हों, मेड फॉर फॉरेन हों।

4. इंडस्ट्री एक कदम बढ़ाएगी तो, सरकार चार कदम बढ़ाएगी
देश को आत्मनिर्भर बनाना उद्योग संगठनों की जिम्मेदारी है। आप एक कदम बढ़ाएंगे तो सरकार चार कदम बढ़ाकर आपकी मदद करेगी। प्रधानमंत्री के नाते आपको इसका भरोसा देता हूं। आत्मनिर्भर भारत का मतलब है कि हम और ज्यादा मजबूत होकर दुनिया की इकोनॉमी के साथ इंटीग्रेटेड और सर्पोटिव बनें।

5. लोगों की उम्मीदों से आगे बढ़कर सुधार किए
“सरकार आज ऐसे पॉलिसी रिफॉर्म भी कर रही है जिनकी देश ने उम्मीद भी छोड़ दी थी। लोगों ने मान लिया था कि ये नहीं हो सकता, अब ऐसी चीजें हो रही हैं। एग्रीकल्चर सेक्टर में आजादी के बाद जो नियम बने उनमें किसानों को बिचौलियों के हाथों में छोड़ दिया गया। किसानों के साथ हो रहे अन्याय को दूर करने की इच्छाशक्ति हमारी सरकार ने दिखाई। कानून में बदलाव के साथ अब किसानों को अधिकार मिलेंगे। वे जहां चाहें, जिसे चाहें और जब चाहें अपनी फसल बेच सकते हैं।”

Leave A Reply

Your email address will not be published.