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CDS हेलिकॉप्टर क्रैश LIVE:चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती; मौत की खबर, पुष्टि नहीं, हेलिकॉप्टर में सवार 14 में से 11 के शव मिले

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तमिलनाडु में कुन्नूर के जंगलों में बुधवार को सेना का Mi-17 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। घने जंगलों में हुए इस हादसे के बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत सेना के 14 अफसर सवार थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 11 शव बरामद किए गए हैं, जो बुरी तरह जल चुके हैं।

हादसे के करीब एक घंटे बाद यह जानकारी दी गई कि जनरल रावत को वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया है, हालांकि उनकी स्थिति क्या है, इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि जनरल बिपिन रावत गंभीर रूप से घायल हैं।जबकि कुछ का मानना है कि जनरल की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस हादसे की जानकारी दे दी गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हादसे पर बयान देने संसद पहुंच चुके हैं। इसके बाद कुन्नूर रवाना होंगे।

जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हैं। उन्होंने 1 जनवरी 2020 को यह पद संभाला। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक सेना प्रमुख के पद पर रहे।

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एचएस पनाग ने श्रद्धांजलि दी

अभी जनरल बिपिन रावत के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है, लेकिन सेना के सूत्र और कुछ पूर्व अफसरों ने जनरल बिपिन रावत की मौत को लेकर ट्वीट किया। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एचएस पनाग ने जनरल बिपिन रावत को ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी।

हेलिकॉप्टर में ये लोग सवार थे

1. जनरल बिपिन रावत

2. मधुलिका रावत

3. ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर

4. ले. क. हरजिंदर सिंह

5. नायक गुरसेवक सिंह

6. नायक. जितेंद्र कुमार

7. लांस नायक विवेक कुमार

8. लांंस नायक बी. साई तेजा

9. हवलदार सतपाल

85% तक जल गए हैं शव

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, हेलिकॉप्टर सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन जा रहा था। हेलिकॉप्टर दोपहर 12:20 बजे तब क्रैश हुआ, जब वह लैंडिंग स्पॉट से महज 10 किलोमीटर दूर था। मौके पर डॉक्टर्स, सेना के अफसर और कोबरा कमांडो की टीम मौजूद है। जो शव बरामद किए गए हैं, उनकी पहचान की कोशिश की जा रही है, क्योंकि ये 85% तक जल गए हैं। कुछ और शव पहाड़ी से नीचे नजर आ रहे हैं। हादसे के जो विजुअल सामने आए हैं, उनमें हेलिकॉप्टर पूरी तरह क्षतिग्रस्त नजर आ रहा है और उसमें आग लगी हुई है।

बचावकर्मियों ने 2 शव बरामद किए हैं, जो करीब 80% तक जल गए थे।
बचावकर्मियों ने 2 शव बरामद किए हैं, जो करीब 80% तक जल गए थे।
रावत का हेलिकॉप्टर पहले भी क्रैश हुआ था, बच गए थे
जनरल बिपिन रावत एक बार पहले भी हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो चुके हैं। 3 फरवरी 2015 को उनका चीता हेलिकॉप्टर नगालैंड के दीमापुर में क्रैश हुआ था। तब बिपिन रावत लेफ्टिनेंट जनरल थे।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत।
पिछले महीने भी क्रैश हुआ था Mi-17, सभी 12 सवार मारे गए थे
एक महीने के अंदर देश में दूसरा Mi-17 हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है। पिछला चॉपर 19 नवंबर को अरुणाचल प्रदेश में क्रैश हुआ था। उस घटना में चॉपर में सवार सभी 12 लोग मारे गए थे।

कारगिल में भी इस्तेमाल हुआ था Mi-17, भारी बोझ ढोने में सक्षम
जिस हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत सवार थे, वह Mi-17 सीरीज का हेलिकॉप्टर है। इस हेलिकॉप्टर को सोवियत संघ में बनाया गया था। भारत 2012 से इसे इस्तेमाल कर रहा है। यह मीडियम ट्विट टर्बाइन हेलिकॉप्टर है, जिसमें दो इंजन होते हैं। इस हेलिकॉप्टर को ट्रांसपोर्ट और बैटल दोनों ही रोल में इस्तेमाल किया जाता है।

तकनीकी तौर पर Mi-17 को इसके पिछले वर्जन Mi-8i में सुधार करके विकसित किया गया था। इस चॉपर में भारी बोझ उठाने की क्षमता है। भारत ने कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तानी घुसपैठियों पर अटैक के लिए Mi-17 का इस्तेमाल किया था। दुश्मन की मिसाइल ने एक Mi-17 चॉपर को मार गिराया था। इसके बाद ही भारत ने अपने फाइटर जेट को हमले के लिए भेजा था। भारत में इसे VIP ट्रांसपोर्ट के लिए भी इस्तेमाल किया जा
तमिलनाडु में बुधवार को सेना के 14 अधिकारियों को ले जा रहा Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, अपने स्टाफ और परिवार के सदस्यों के साथ सवार थे। सुलूर स्थित आर्मी बेस से उड़ान भरने के तुरंत बाद ही यह हेलिकॉप्टर नीलगिरी में क्रैश हो गया।

आइए जानते हैं कि जनरल बिपिन रावत को ले जा रहा जो Mi-17V5 हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है, उसकी क्या खासियत है? भारत ने इसे कब खरीदा और आखिर क्यों ये दुनिया के सबसे मॉडर्न हेलिकॉप्टर्स में से एक है?

सबसे पहले Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर के बारे में जानते हैं

Mi-17V-5 रूस द्वारा निर्मित एक ट्विन इंजन मल्टीपर्पज हेलिकॉप्टर है। Mi-17V-5 (डोमेस्टिक डेजिगनेशन Mi-8MTV-5) हेलिकॉप्टरों के Mi-8/17 फैमिली का एक मिलिट्री ट्रांसपोर्ट वैरिएंट है। यह रूसी हेलिकॉप्टरों की सहायक कंपनी कजान हेलिकॉप्टर द्वारा बनाया जाता है।

इसका उत्पादन रूसी कंपनी मिल मॉस्को हेलिकॉप्टर प्लांट, कजान हेलिकॉप्टर प्लांट और उलान-उडे एविएशन प्लांट द्वारा होता है। Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर MI-8 हेलिकॉप्टर का अपग्रेडेड वर्जन है।

रूस में बने इस हेलिकॉप्टर की इंडियन एयरफोर्स सबसे बड़ी फॉरेन ऑपरेटर है।
रूस में बने इस हेलिकॉप्टर की इंडियन एयरफोर्स सबसे बड़ी फॉरेन ऑपरेटर है।
कितना सक्षम है Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर?

Mi-17V-5 ज्यादा ऊंचाई और एक्स्ट्रीम वेदर कंडीशंस में भी बेहतर तरीके से काम कर सकता है। यह Mi-8 का अपग्रेडेड वर्जन है। Mi-17V-5 को विशेष रूप से ज्यादा ऊंचाई पर और गर्म मौसम की स्थिति में बेहतर तरीके से ऑपरेट करने के लिए डिजाइन किया गया है।

Mi-17V-5 का VVIP से लेकर आर्मी तक करती है इस्तेमाल

Mi-17V-5 दुनिया का सबसे एडवांस ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर है। इसे सेना और हथियारों के ट्रांसपोर्ट, फायर सपोर्ट, रक्षक दल की गश्ती और सर्च-एंड-रेस्क्यू (SAR) मिशन में भी तैनात किया जा सकता है। साथ ही Mi-17V-5 को कार्गो ट्रांसपोर्ट के लिए डिजाइन किया गया है। इसका इस्तेमाल PM नरेंद्र मोदी, यानी VVIP के मूवमेंट से लेकर आर्मी ऑपरेशन तक में होता है।

दुनिया के करीब 60 देश 12 हजार से ज्यादा Mi-17 हेलिकॉप्टर इस्तेमाल करते हैं।

इंडक्शन सेरेमनी के दौरान इंडियन एयर फोर्स के जामनगर एयर बेस पर Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर। – फाइल फोटो
इंडक्शन सेरेमनी के दौरान इंडियन एयर फोर्स के जामनगर एयर बेस पर Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर। – फाइल फोटो
जानिए Mi-17 हेलिकॉप्टर की खासियतें

ये एक मीडियम टि्वन टर्बाइन हेलिकॉप्टर है।
इसका इस्तेमाल हैवी लिफ्ट, ट्रांसपोर्टेशन, VVIP मूवमेंट और रेस्क्यू मिशन में किया जाता है।
मिलिट्री के लिए तीन क्रू मेंबर्स के साथ ही 36 सैनिकों को ये ले जा सकता है।
36 हजार किलो तक का भार उठा सकता है।
हालांकि VVIP के लिए तैयार किए गए विशेष हेलिकॉप्टर में अधिकतम 20 लोग ही सवार हो सकते हैं।
VVIP के लिए मॉडिफाई किए गए हेलिकॉप्टर में टायलेट भी होता है।
दुनिया के करीब 60 देश 12 हजार से ज्यादा MI 17 हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं।
Mi-17 की स्पीड 250 किमी/घंटा

Mi-17 8 मीटर/सेकेंड की रफ्तार से ऊंचाई पर जा सकता है।
हेलिकॉप्टर की अधिकतम गति और क्रूज की गति क्रमशः 250 किमी/घंटा और 225 किमी/घंटा है।
हेलिकॉप्टर की रेंज 465 किमी है और सर्विस सीलिंग 6000 मीटर है।
हेलिकॉप्टर का वजन लगभग 7,489 किलो है और इसका अधिकतम वजन 13,000 किलोग्राम है।
VVIP को लाने ले जाने के अलावा इसका इस्तेमाल रेस्क्यू मिशन में भी किया जाता है।
VVIP को लाने ले जाने के अलावा इसका इस्तेमाल रेस्क्यू मिशन में भी किया जाता है।
भारत ने कब दिया था Mi-17V-5 का ऑर्डर?

रक्षा मंत्रालय ने 80 MI हेलिकॉप्टर्स के लिए रूस के साथ दिसंबर 2008 में 1.3 अरब डॉलर का करार किया था। भारतीय एयरफोर्स को Mi हेलिकॉप्टर्स की डिलिवरी 2011 में शुरू हुई थी और 2013 में 36 Mi सीरीज के हेलिकॉप्टर्स मिले थे। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने 2012-2013 के दौरान 71 Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर्स का ऑर्डर दिया था। भारत को Mi-17V-5 की आखिरी खेप जुलाई 2018 में मिली थी।

भारतीय एयरफोर्स ने अप्रैल 2019 में Mi-17V-5 हेलिकॉप्टर की रिपेयर और ओवरहॉल और फैसिलिटी का उद्घाटन किया था।

अमेरिकी रक्षा विभाग ने 2011 में अफगान सेना को 63 Mi-17V-5 देने के लिए करार किया था, जिसकी डिलिवरी कजान हेलिकॉप्टर्स लिमिटेड ने अक्टूबर 2014 में की थी।

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