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CBSE का फॉर्मूला 100 नंबर के लिए नहीं:प्रैक्टिकल्स और इंटरनल एसेसमेंट के 100% नंबर जुड़ेंगे, थ्योरी की मार्किंग अलग, 12वीं के मार्क्स देने के 1 नहीं 5 फॉर्मूले हैं

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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी CBSE ने 12वीं के करीब 12 लाख स्टूडेंट्स को 30:30:40 फॉर्मूला से नंबर देने के लिए ये टेबल जारी किया है। व्हाट्सएप समेत अन्य प्लेटफॉर्म पर स्टूडेंट और अभिभावक इस टेबल को समझने की जद्दोजहद में लगे हैं। हमने इस फॉर्मूले को बनाने वाली 13 लोगों की कमेटी के एक मेंबर संयम भारद्वाज से बात की और इसे आसान भाषा में समझा। उनसे समझे तरीके को यहां ज्यों का त्यों रख रहे हैं।

30:30:40 फॉर्मूले से अपने नंबर का अंदाजा लगाने की कोशिश करने वाले स्टूडेंट्स और पैरेंट्स के लिए 3 जरूरी बातें हैं-

  • पहलीः 11वीं में सब्जेक्ट बदलने वाले स्टूडेंट्स की मार्किंग के लिए 10वीं, 11वीं और 12वीं के कुल स्कोर की गिनती का कोई सीधा फॉर्मूला नहीं है। किसी भी सब्जेक्ट का टोटल मार्क्स फिलहाल आप नहीं निकाल पाएंगे।
  • दूसरीः 30:30:40 का फॉर्मूला भी केवल थ्योरी पर लगना है, 12वीं में प्रैक्टिकल्स और इंटरनल एसेसमेंट के नंबर भी 100% जोड़े जाने हैं। ये नंबर ज्यादातर स्टूडेंट को अभी नहीं पता है। हालांकि CBSE का कहना है कि इंटरनल एसेसमेंट के वही नंबर स्टूडेंट को मिलेंगे, जो सीबीएसई पोर्टल पर स्कूल ने पहले ही अपलोड कर दिए हैं।
  • तीसरीः प्रैक्टिकल्स वाले सब्जेक्ट के कॉम्बिनेशन भी हर स्टूडेंट का अलग-अलग होगा। इसके लिए CBSE ने संभावित 5 तरह के फॉर्मूले दिए हैं।

फॉर्मूला 1: 10वीं-11वीं से 24-24 और 12वीं से 52 नंबर
ये फॉर्मूला ज्यादातर ऑर्ट्स पढ़ने वालों के लिए हैं। CBSE में 12वीं में आर्ट्स के सब्जेक्ट में 80 नंबर की थ्योरी और 20 के प्रैक्टिकल्स होते हैं। थ्योरी के 80 नंबर की मा‌र्किंग के लिए 10वीं-11वीं में 30%-30% यानी 24-24 नंबर और 12वीं से 40% यानी 32 नंबर का फॉर्मूला लगाया जाएगा। इसमें 12वीं के असेसमेंट से 52 और 10वीं, 11वीं से 48 नंबर की मार्किंग होगी।

फॉर्मूला 2: 10वीं-11वीं से 21-21 और 12वीं से 58 नंबर
इसमें ज्यादातर साइंस स्ट्रीम की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की मार्किंग होगी। क्योंकि फिजिक्स, कमेस्ट्री और बायोलॉजी में 30 मार्क्स के प्रैक्टिकल होते हैं। बचे थ्योरी के 70 नंबर में 10वीं-11वीं से 21-21 और 12वीं से 28 पर मा‌‌र्किंग होगी। 12वीं के प्रैक्टिकल के 30 मिला लें तो इसमें कुल 58 और पिछली दो क्लास से 42 नंबर में से मार्किंग होगी।

फॉर्मूला 3: 10वीं-11वीं से 18-18 और 12वीं से 64 नंबर
होम साइंस के साथ आर्ट्स के सब्जेक्ट के ऐसे कॉम्बिनेशन होते हैं कि प्रैक्टिकल के मार्क्स 40 तक पहुंचते हैं। इसमें 10वीं-11वीं से कुल 36 और 12वीं से 64 के लिए मार्किंग की जाएगी।

फॉर्मूला 4: 10वीं-11वीं से 15-15 और 12वीं से 70 नंबर
फिजिकल एजुकेशन के साथ सब्जेक्ट का ऐसा कॉम्बिनेशन बनता है जिनमें प्रैक्टिकल के मार्क्स 50 तक हो सकते हैं। इस का पूरा एसेसमेंट 12वीं के आधार पर ही होगा। 10वीं और 11वीं से 30 और 12वीं के थ्योरी से 20 नंबर पर मार्किंग की जाएगी।

फॉर्मूला 5: 10वीं-11वीं से 9-9 और 12वीं से 82 नंबर
बीते कुछ सालों में सीबीएसई ने 12वीं के स्तर पर कुछ प्रैक्टिकल आधारित कोर्स शुरू किए हैं। इनमें प्रैक्टिकल के मार्क्स 70 तक हो सकते हैं। इसलिए 30ः30ः40 के फॉर्मूले से केवल 30 नंबर के लिए मार्किंग होगी। इनमें 10वीं-11वीं से केवल 18 और बाकी के 82 नंबर के लिए 12वीं के ऐससमेंट से दिए जाएंगे।

प्रैक्टिकल के मार्क्स पर कोई फॉर्मूला नहीं, जितने मिले पूरे जुड़ेंगे
अबकी 12वीं के रिजल्ट में प्रैक्टिकल्स वाले सब्जेक्ट सबसे बड़ा फैक्टर बनने वाले हैं। CBSE में 12वीं में 5 तरह के सब्जेक्ट हैं। इनमें प्रैक्टिकल्स के नंबर 20 नंबर शुरू होकर 70 नंबर तक जाते हैं। चूंकि फॉर्मूला केवल थ्योरी पर ही लागू होना है, इसलिए कुछ सब्जेक्ट ऐसे भी होंगे जिनमें 100 में से 70 नंबर की मार्किंग केवल 12वीं के प्रैक्टिकल के आाधर पर हो जाएगी। बचे हुए 30 नंबर में से 10वीं से 9 नंबर, 11वीं से 9 नंबर और 12वीं से 12 नंबर की मार्किंग थ्योरी के रिजल्ट पर होगी।

100 नंबर में कितने मार्क्स कहां से आएंगे, ये रहा पूरा कैलकुलेशन
10वीं, 11वीं, 12वीं के मिड टर्म एग्जाम, प्री-बोर्ड, यूनिट टेस्ट और 12वीं के प्रैक्टिकल्स की मार्कशीट लेकर बैठिए। फिर ये चार्ट देखिए, इसमें हमने भोपाल की 12वीं की एक स्टूडेंट के फिजिक्स के मार्क्स को कैलकुलेट किए हैं-

  • छात्रा को 10वीं में फिजिक्स के थ्योरी पेपर में 70 में से 66 नंबर मिले हैं। 30% के हिसाब से 10वीं में फिजिक्स में उन्हें 19.8 नंबर मिलेंगे।
  • 11वीं में उन्हें को फिजिक्स में 70 में से 62 नंबर मिले हैं। 30% के हिसाब से उनका 11वीं में फिजिक्स का स्कोर 18.6 होगा।
  • 12वीं के मिड टर्म, यूनिट टेस्ट और प्री-बोर्ड में फिजिक्स में औसतन उन्हें 70 में से 67 मिले हैं। 40% के हिसाब उनको 12वीं में फिजिक्स का स्कोर 26.8 होगा।
  • यहां तक फिजिक्स के मार्क्स पर 30:30:40 फॉर्मूले से 70 नंबर का मूल्यांकन हो गया। इसमें से उन्हें 65.2 नंबर मिल गए।
  • अब बचा 12वीं के प्रैक्टिक्स का नंबर। ये उनके कुल स्कोर में 100% जुड़ने हैं। छात्रा ने कहा कि अभी उन्हें साफ-साफ नहीं पता है कि कितने नंबर मिले हैं। क्योंकि बाहर से आए इग्जामिनर ने नंबर नहीं बताया है। लेकिन उन्हें दोस्तों और कुछ टीचर से पता चला है कि 30 में से 26 नंबर मिले हैं।
  • ऐसे में उनका फिजिक्स का फाइनल रिजल्ट 100 में से 91.2 हो जाएगा। इसी तरह एक-एक सब्जेक्ट लेकर आप मा‌र्किंग कर सकते हैं।

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