शाह से मिले कैप्टन:अमरिंदर ने कहा- 5 किसान नेताओं की जान को खतरा, सीमा पार से किसानों को भड़काए जाने का भी अंदेशा
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पंजाब में पनप रहे ड्रोन जैसे ताजा खतरे, किसान आंदोलन और किसान नेताओं की सुरक्षा पर बात की। उन्होंने शाह से सेंट्रल फोर्स की 25 कंपनियां भी मांगी हैं। इनकी तैनाती जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, मोहाली, पटियाला, भठिंडा, फगवाड़ा और मोगा में करने के लिए कहा।
कैप्टन ने बताया कि प्रदेश के 5 किसान नेताओं की जान को खतरा है। ये नेता पंजाब और हरियाणा पुलिस की सिक्योरिटी लेने से इनकार कर चुके हैं। इसलिए केंद्र इन नेताओं की सुरक्षा का इंतजाम करे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन लंबे समय से चल रहा है। अब सीमा पार से किसानों को सरकार के खिलाफ भड़काया जा रहा है। उन्होंने गृह मंत्री से कृषि कानूनों को वापस लेने की भी गुजारिश की है। कैप्टन ने पाकिस्तान सीमा पर तैनात बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) को एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी भी देने की मांग की।
किसान नेताओं की जान खतरे में, इंटेलिजेंस एजेंसियों के पास इनपुट
कैप्टन ने शाह को जो जानकारियां दीं, उनमें सबसे अहम कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में शामिल किसान नेताओं की जान को खतरा है। उन्होंने 5 किसान नेताओं के बारे में बताया, जिनके खतरे के बारे में खुफिया एजेंसियों के पास सटीक इनपुट हैं। इनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
इसके अलावा कैप्टन ने पंजाब में मंदिरों, RSS शाखा और ऑफिस, उनके नेता, भाजपा, शिवसेना नेताओं के साथ डेरा, निरंकारी भवन और समागमों को भी खतरा बताया। उन्होंने हाल ही में अमृतसर से मिली विस्फोटक सामग्री के बारे में भी बात की।
किसानों को मुद्दा नहीं सुलझा तो बिगड़ेंगे हालात
कैप्टन ने अमित शाह से किसानों के भारी विरोध का कारण बने कृषि सुधार कानूनों को भी वापस लेने को कहा। उन्होंने कहा कि लंबे आंदोलन की वजह से सीमा पार से उन्हें सरकार के खिलाफ भड़काया जा सकता है, इसलिए इस मुद्दे का जल्दी समाधान होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इससे हालात बिगड़ सकते हैं। अमरिंदर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर सकते हैं।
सोनिया गांधी की मुलाकात के बाद बोले कैप्टन:पंजाब से जुड़े कई मसलों पर चर्चा की; एक घंटे की बैठक संतोषजनक रही, अब गृह मंत्री शाह से मिलने पहुंचे
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात खत्म हो गई है। इसके बाद उनके मीडिया एडवाइजर रवीन ठुकराल ने कैप्टन के हवाले से ट्वीट कर मीटिंग को संतोषजनक बताया। उसमें कैप्टन ने कहा कि सोनिया गांधी से पंजाब से जुड़े कई मसलों पर चर्चा हुई। एक घंटे तक चली बैठक को उन्होंने संतुष्टिजनक बताया। हालांकि केबिनेट में बदलाव व सिद्धू खेमे की सरकार विरोधी बयानबाजी समेत किन मसलों पर बातचीत हुई, इसके बारे में कैप्टन का कोई बयान नहीं आया है।
कैप्टन अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए गए हैं। उनके साथ डीजीपी दिनकर गुप्ता भी गए हैं। इस बैठक में कैप्टन सीमा पार से ड्रोन के जरिए पंजाब में विस्फोटक सामग्री पहुंचाने के मामले पर चर्चा करेंगे। इसके बाद कैप्टन केंद्रीय स्वास्थ्य, रसायन व उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया से भी मिलेंगे। इसमें पंजाब में वैक्सीन की कमी के मुद्दे पर चर्चा होगी।
इससे पहले कैप्टन सुबह राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मिले थे। माना जा रहा है कि कैप्टन ने प्रशांत से विधानसभा चुनाव 2022 में पार्टी को फायदे के लिहाज से कैबिनेट में बदलाव करने पर चर्चा की।
सिद्धू की ताजपोशी के बाद पहला दौरा, कलह नहीं मिटी
नवजोत सिद्धू के पंजाब कांग्रेस प्रधान बनने के बाद कैप्टन की सोनिया गांधी से पहली मुलाकात होगी। नाराजगी के बावजूद कैप्टन ने कांग्रेस हाईकमान के फैसले को मंजूर करते हुए सिद्धू को प्रधान स्वीकार किया। वे सिद्धू की ताजपोशी समारोह में चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस भवन भी पहुंचे थे। इसके बावजूद सिद्धू खेमा लगातार कैप्टन सरकार पर हमले कर रहा है। खुद सिद्धू ने भी सोमवार को ट्वीट के जरिए नशा तस्करों व खासकर अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर कार्रवाई न करने को लेकर कैप्टन सरकार को घेरा। इसलिए कैप्टन सरकार को लेकर संगठन के रवैये को भी सोनिया गांधी के सामने उठाएंगे। कैप्टन खेमे का कहना है कि अगर अपना ही संगठन सार्वजनिक सवाल उठाएगा तो फिर लोगों में सरकार की साख गिरेगी। इसका नुकसान विधानसभा चुनाव 2022 में होगा।
कैबिनेट बदलाव से पहले मंत्रियों का सोनिया को लेटर
कैबिनेट बदलाव में कुर्सी छिनने से चिंतित सिद्धू खेमे के साथ चल रहे मंत्रियों ने सोनिया गांधी को लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने कांग्रेस हाईकमान को बताया कि कैप्टन सरकार उनके 18 सूत्रीय एजेंडे को लेकर गंभीर नहीं है। ऐसे में पार्टी को अगले चुनाव में नुकसान हो सकता है। इस लेटर में मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा, सुखबिंदर सिंह सुख सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी व रजिया सुल्ताना के साइन हैं। इन मंत्रियों ने सिद्धू को खुलकर सपोर्ट किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि कैप्टन इनकी कैबिनेट से छुट्टी करके नए चेहरों को शामिल करने के मूड में हैं। इसीलिए लेटर भेजा गया कि जब कैप्टन उनको हटाने की बात कहें तो सोनिया के सामने यह लेटर उनका पक्ष मजबूत कर सके।
कैप्टन-शाह की मुलाकात को लेकर सियासी चर्चाएं भी तेज
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात को लेकर पंजाब में सियासी चर्चाएं भी जोर पकड़ रही हैं। इसकी बड़ी वजह कैप्टन व सिद्धू को लेकर कांग्रेस में चल रही कलह है। कैप्टन सिद्धू को पंजाब प्रधान बनाने से पहले उनके सरकार के खिलाफ बयानों पर सार्वजनिक माफी पर अड़े थे, लेकिन सिद्धू ने माफी नहीं मांगी। इसके बावजूद कैप्टन ने सिद्धू के ताजपोशी समारोह में आकर हाईकमान के आगे अपना कद बढ़ा लिया। माहिर कहते हैं कि अगर कांग्रेस हाईकमान ने अब भी कैप्टन को नजरअंदाज किया तो फिर वह किसी सियासी राह के बारे में सोच सकते हैं।