Amarjeet Mehta:पांव में छाले, पिंडलियां सूजी है। चेहरा मुरझा गया है। होंठ सूखे… लेकिन जनसमर्थन से आंखों की चमक बढ़ी
डीसी दफतर कर्मचारी यूनियन पंजाब का फैसला 12 जुलाई को सभी जिलों के ज्यादा से ज्यादा मुलाजिम छुट्टी लेकर अमरजीत मेहता के साथ सरकार को सद्बुद्धि दिलाने की अरदास में श्री दरबार साहिब में करेंगे शमूलियत
व्यापारी नेता अमरजीत मेहता
किसान, व्यापारियों व कर्मचारियों को हक दिलाने को पांच दिन में पूरा करेंगे बठिंडा से श्री अमृतसर साहब 190 किलोमीटर तक कर रहे हैं पैदल मार्च
फिरोजपुर/फरीदकोट, 9 जुलाई। पांव में छाले पड़ गए हैं। पिंडलियां सूजी है। चेहरा मुरझा गया है। होंठ सूखे हुए हैं… लेकिन आंखों की चमक बढ़ गई है। सफ़ेद शीशे के बने नज़र के चश्मे के पीछे से झांकती आंखें अपनी मंजिल की झलक पाने के लिए बेताब है। यह गांधीगिरी है। सफर आधा घटा है, पर हौंसला और जुनुन पहले से की गुणा बढ़ गया है। किसान, मजदूर, व्यापारी, सरकारी कर्मचारियों की मांगों को बठिंडा से श्री दरबार साहिब तक पैदल मार्च करने वाले अमरजीत मेहता को सिर्फ दो दिन में गली कूचों, कस्बों, गांवों में जाना जाने लगा है। गांवों- कस्बों की महिलाएं, युवा, सब कोई उन्हें देखने आते हैं। कोई लस्सी ला रहा है, तो कोई लेमन सोडा। गांव की तीखी चिबड़ की चटनी का स्वाद भी अमरजीत मेहता को लुभाने लगा है। रेंज रोवर और आडी में सेंट्रल एसी बंगले के पोर्च से सवार होने वाले अमरजीत मेहता लोगों की मांगों के प्रति सरकार का ध्यान दिलाने को 190 किलोमीटर तक पैदल चलेंगे। गर्म हवाओं के थपेड़े उनकी हिम्मत नहीं तोड़ सकते। आधा सफ़र तय हो गया है। मेहता के काफिले में शामिल व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमित कपूर बल्ली कहते है कि एक मध्यम वर्गीय व्यक्ति ऐसे मौसम में इस तरह की यात्रा करने बाबत सोच के डर जाता है। पर मेहता जी के हौसले की वह दाद देते हैं। हर गांव, कस्बों में जबरदस्त रिस्पांस मिल रहा है।। अमरजीत मेहता कहते है कि पिछली दो रातें लंबवाली फौजी ढाबा और गांव टहना में एक ढाबे पर काटी। इतनी सुकून की नींद उन्होंने इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में नहीं आई थी। मेहता का विभिन्न जत्थेबंदियों की ओर से सम्मान हो रहा है। कई उम्रदराज महिलाएं उन्हें कामयाबी की दुआओं के साथ 10-20 रुपए दरबार साहिब में चढ़ाने को भी दे जाती हैं। उधर, डीसी दफतर कर्मचारी यूनियन पंजाब ने फैसला किया है कि 12 जुलाई को सभी जिलों के ज्यादा से ज्यादा मुलाजिम छुट्टी लेकर अमरजीत मेहता के साथ सरकार को सद्बुद्धि दिलाने की अरदास में श्री दरबार साहिब में शमूलियत करेंगें।।बता दें कि बुधवार व्यापारी नेता अमरजीत मेहता ने बठिंडा से श्री हरिमंदिर साहब के लिए पद यात्रा शुरू की थी। इसमें बड़े पैमाने पर जनसैलाब उमड़ा था।
*सरकार को यह बताना चाहते हैं मेहता*
न्यूज वेब पोर्टल www. namastaayindia.com से बात करते मेहता दोहराते हैं कि पंजाब सरकार द्वारा जारी की गई पे कमीशन की रिपोर्ट से पंजाब के कर्मचारी वर्ग में रोष की लहर देखने को मिल रही है। इसके अलावा किसानों पर काले कानून व मजदूरों पर इंडस्ट्री बंद होने के कारण पड़ी मार तथा अब कर्मचारियों के वेतन में कटौती के कारण पंजाब की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। प्रदेश व्यापार मंडल के सीनियर उप प्रधान अमरजीत मेहता ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार की लोकविरोधी नीतियों के कारण ऐसे हालात बने हैं। मेहता ने कहा कि समाज के लिए शिक्षा, सेहत व सुरक्षा अहम ढांचे होते हैं, पर इस सरकार ने तीनों मूलभूत सुविधाओं को समाप्त करने का प्रयास पे-कमीशन रिपोर्ट में किया है, जिसमें अध्यापकों, पुलिस कर्मियों और डाक्टरों को कुछ खास नहीं दिया गया व उनके वेतनमान में कटौती कर दी गई। मेहता ने कहा कि कोरोना महामारी दौरान लोगों की सेवा करते समय जान गंवाने वाले कोरोना पीड़ित कर्मचारियों का पिछले 2 वर्षों के दौरान एक रुपए का भी बिल सरकार द्वारा पास नहीं किया गया और यह रकम करीब 90 करोड़ रुपए बनती है, जो सरकार के पास इन कोविड पीड़ित कर्मचारियों की बकाया पड़ी है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त मुद्दों को लेकर रोष के तौर पर पैदल यात्रा शुरू की है, इस पैदल यात्रा का मुख्य मकसद किसान, मजदूर, कर्मचारी व व्यापारियों को आ रही समस्याओं और आर्थिक तंगी तथा सरकार की गलत नीतियों के प्रति लोगों को लामबंद करना है, क्योंकि जहां काले कानूनों के कारण किसानों पर मार पड़ रही है, फसलों के पूरे भाव नहीं आ रहे, मजदूरों को दिहाड़ी नहीं मिल रही, उसी तरह यदि कर्मचारियों को उनके हक नहीं मिलेंगे तो फिर व्यापारी कहां जाएगा।
उन्होंने कहा कि यदि इन तीनों ही वर्गों के पास पैसा होगा तो ही पंजाब का व्यापार चलेगा, क्योंकि किसी भी स्टेट के आर्थिक खुशहाली के लिए यही चार स्तम्भ अहम स्थान रखते हैं और आज पंजाब सरकार की गलत नीतियों के कारण चारों स्तम्भ किसान, मजदूर, कर्मचारी और व्यापारी आर्थिक तंगियों का शिकार हो रहे हैं। कांग्रेस ने चुनाव मैनीफैस्टो में जो वादे किए वह सिर्फ चुनावी वादे बनकर रह गए। व्यापारियों को 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने का वादा भी कागजों तक सीमित होकर रह गया। मेहता के काफिले में शामिल स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष करतार जौड़ा कहते हैं कि सरकार के मंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए आपस में लड़ रहे हैं, जिनको जनता की कोई परवाह नहीं है।