पंजाब सरकार कर्मचारियों के हितों के लिए बठिंडा से स्वर्ण मंदिर, श्री अमृतसर तक पद यात्रा : अमरजीत मेहता
व्यवसायी समुदाय से जुड़े मुद्दों को पूरी ताकत से उठाने वाले पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमरजीत मेहता ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों की बात को राज्य की कोंग्रेस पार्टी की बहरी सरकार के कानों तक पहुँचाने के लिए भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप में बठिंडा से दरबार साहिब तक 190 किलोमीटर से अधिक दूरी की पदयात्रा निकालने का फैसला किया है , ताकि राज्य का वित्त मंत्रालय इन सरकारी कर्मचारियों के प्रति सवेंदनशील होते हुए उनका हक ईमानदारी से देने के लिए प्रतिबद हो और वित्त मंत्रालय द्वारा इन कर्मचारियों को किसी भी रूप से ठगे जाने से बचाया जा सके।
जीवन की सुख-सुविधाओं को छोड़कर बठिंडा के समाजसेवी और सामाजिक कार्यकर्ता अमरजीत मेहता ने एक मजबूत जनमत बनाने के लिए बठिंडा शहर से स्वर्ण मंदिर, श्री अमृतसर साहिब तक पद यात्रा निकालने का फैसला किया है, ताकि राज्य सरकार पर समाज के सभी वर्गों विशेष रूप से राज्य के कर्मचारियों की वास्तविक मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके। जिन्हें हाल ही के दिनों में घोषित किए गए छठे वेतन आयोग की सिफारिशों में उनके बकाया राशि से इनकार करते हुए सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी द्वारा धोखा देने का प्रमाण दिया गया है।
व्यवसायी समुदाय से जुड़े मुद्दों को पूरी ताकत से उठाने वाले पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमरजीत मेहता ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों की बात को राज्य की कोंग्रेस पार्टी की बहरी सरकार के कानों तक पहुँचाने के लिए भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप में बठिंडा से दरबार साहिब तक 190 किलोमीटर से अधिक दूरी की पदयात्रा निकालने का फैसला किया है , ताकि राज्य का वित्त मंत्रालय इन सरकारी कर्मचारियों के प्रति सवेंदनशील होते हुए उनका हक ईमानदारी से देने के लिए प्रतिबद हो और वित्त मंत्रालय द्वारा इन कर्मचारियों को किसी भी रूप से ठगे जाने से बचाया जा सके।
अमरजीत मेहता द्वारा पिछले काफ़ी समय से सरकार से माँग की जा रही है कि बठिंडा में बंद पड़े थर्मल प्लांट की ज़मीन सरकार द्वारा बड़े पूँजीपति को ना देकर क्षेत्रीय उदयोगिक समुदाय को दी जाए ताकि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण शुरू किया जा सके, उन्होंने कहा यह सही समय है सभी वर्गों के लोगों को उन कर्मचारियों के समर्थन में सामने आना चाहिए, जिन्हें पंजाब सरकार द्वारा अवैध रूप से भुखमरी का सामना करने के लिए मजबूर करने के इरादे से उनके वित्तीय बकाया से वंचित किया गया है। उन्होंने दावा किया कि यदि कर्मचारियों को उनका बकाया नहीं दिया गया, तो पंजाब सरकार के कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के कर्मचारी छठे पंजाब वेतन आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट में की गई विषम सिफारिशों के कारण ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। कर्मचारी संगठनों ने उन सिफारिशों की तीखी आलोचना और विरोध किया है क्यूँकि यह वेतन आयोग की निर्धारित नीतियों के अनुसार नहीं हैं ।कर्मचारियों का ऐसा मानना है कि वेतन आयोग की सिफारिशों कर्मचारियों का अधिकारों का हनन करते हुए किसी भी प्रकार के लाभ से वंचित करती है।
अमरजीत मेहता द्वारा इस बात पर भी सवाल उठाए गये कि शहर प्रतिपूरक भत्ता और गैर-अभ्यास भत्ता (डॉक्टरों के मामले में) आदि जैसे विभिन्न प्रकार के भत्तों को या तो कम कर दिया गया है या पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है । इसके अलावा, वेतन और भत्तों में जो वृद्धि की गयी वह भी बहुत मामूली थी।राज्य की कांग्रेस पार्टी की सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि कर्मचारियों को केंद्र सरकार के उनके समकक्षों की तुलना में अधिक वेतन और भत्ते नहीं दिए जाएंगे, जबकि पिछले कई दशकों से पंजाब के कर्मचारियों को अपने वेतन बैंड की स्थापना के कारण हमेशा अधिक वेतन मिलता रहा है।
अमरजीत मेहता जो पहले बठिंडा वासियों के लिए थर्मल प्लांट में जगह रखवी करने की शिपारिश करते आहे है अब पंजाब सरकार के इन कर्मचारियों के समर्थन में सामने आए है ताकि एकजुट होते हुए राज्य सरकार तक इन पीड़ित कर्मचारियों की बात को पहुँचाया जा सके तथा पंजाब। वेतन आयोग द्वारा की गयी सिफ़ारिशों में यथा सम्भव शोध करते हुए पूरे कर्मचारी वर्ग को लाभ पहुँचाया जा सके।
अमरजीत मेहता ने बताया कि पद यात्रा 7 जुलाई 2021 को बठिंडा शहर से शुरू होकर स्वर्ण मंदिर अमृतसर के लिए रवाना होगी। अमरजीत मेहता द्वारा हर वर्ग व समुदाय से जुड़े जनसाधारण को इस पद यात्रा में शामिल होकर इन सरकारी कर्मचारियों के समर्थन में साथ देने के लिए आहवाहन किया गया।