कोरोना की दवा का दाम तय:990 रु. में मिलेगा DRDO की 2DG का एक पाउच, केंद्र और राज्य सरकारों को खरीद पर छूट मिलेगी
कोरोना महामारी के इलाज के लिए बनाई गई DRDO की 2DG दवा की कीमत तय हो गई है। इसका उत्पादन कर रही डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरी ने शुक्रवार को बताया कि 2DG के एक पाउच की कीमत 990 रुपए रखी गई है। केंद्र और राज्य सरकारों के साथ ही सरकारी अस्पतालों को इसकी खरीद पर छूट दी जाएगी। 2-DG दवा को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (DRDO) की लैब इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन ने डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी की मदद से तैयार किया है। शुरुआती ट्रायल में पता चला था कि इससे मरीज के ऑक्सीजन लेवल में भी सुधार होता है।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने मई महीने की शुरुआत में ड्रग 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG) को इमरजेंसी अप्रूवल दिया था। उस समय बताया गया था कि जिन मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल किया गया, उनकी RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव आई। ये दवा कोरोना मरीजों में संक्रमण की ग्रोथ रोककर उन्हें तेजी से रिकवर करने में मदद करती है।
ढाई दिन पहले ठीक हुए थे मरीज
अप्रैल 2020 में, कोविड -19 महामारी की पहली लहर के दौरान, INMAS-DRDO के वैज्ञानिकों ने हैदराबाद की सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) की मदद से 2-DG को लैब में टेस्ट किया था। स्टेंडर्ड ऑफ केयर (SoC) मानक से तुलना करें तो दवा लेने वाले मरीज दूसरे मरीजों से ढाई दिन पहले ठीक हो गए।
17 अस्पतालों में 110 मरीजों पर दूसरे फेज का ट्रायल
DGCI ने मई 2020 में कोरोना मरीजों पर 2-DG का दूसरे फेज का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया था।
अक्टूबर 2020 तक चले ट्रायल में दवा 2-DG को सुरक्षित पाया गया। इससे कोरोना मरीजों को तेजी से रिकवर होने में मदद मिली।
फेज-2 ट्रायल A और B फेज में किया गया। इनमें 110 कोरोना मरीजों को शामिल किया गया। फेज-2A में 6 अस्पतालों के मरीज शामिल थे, जबकि फेज-2B में 11 अस्पतालों के मरीज शामिल हुए।
20 मरीजों पर किया तीसरे फेज का ट्रायल
दिसंबर 2020 से मार्च 2021 तक 220 कोरोना मरीजों पर तीसरे फेज का ट्रायल किया गया। ये ट्रायल दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के 27 अस्पतालों में किया गया। ट्रायल के दौरान तीसरे दिन मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता 42% से घटकर 31% हो गई। खास बात यह है कि 65 साल से ज्यादा उम्र के मरीजों पर भी दवा का पॉजिटिव रिस्पॉन्स दिखा।
पानी में घोलकर दी जाती है दवा
दवा पाउडर के रूप में मिलती है। इसे पानी में घोलकर मरीज को पिलाना होता है। ये दवा सीधे उन कोशिकाओं तक पहुंचती है जहां संक्रमण होता है और वायरस को बढ़ने से रोक देती है। लैब टेस्टिंग में पता चला कि ये कोरोना वायरस के खिलाफ काफी प्रभावी है। DRDO ने बयान जारी कर कहा है कि इसका उत्पादन भारी मात्रा में आसानी से किया जा सकता है।