Newsportal

अनलॉक-5 में स्कूलों पर फैसला 15 अक्टूबर के बाद:राज्य ही फैसला ले सकेंगे और SOP बनाएंगे, पैरेंट्स की मंजूरी जरूरी होगी; अटेंडेंस के लिए बच्चों को मजबूर नहीं किया जा सकेगा

0 255

गृह मंत्रालय ने कहा है कि स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान खोलने का फैसला उनके प्रबंधन के साथ बात करके लिया जा सकता है।- फाइल फोटो

केंद्र सरकार ने बुधवार को अनलॉक-5 की गाइडलाइन जारी कर दी। इसमें 15 अक्टूबर के बाद स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान को खोलने के लिए राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों को छूट दी है। कहा है कि वे परिस्थितियों को देखते हुए फैसला ले सकते हैं।

गृह मंत्रालय ने कहा है कि फैसला स्कूल और संस्थानों के प्रबंधन के साथ बात करके लिया जा सकता है। पर यह साफ किया कि अटेंडेंस के लिए बच्चों को मजबूर नहीं किया जा सकेगा।

गाइडलाइन की 5 बड़ी बातें

  • सरकार ने कहा कि ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग को पढ़ाई के लिए जारी रखा जाए और इसे बढ़ावा भी दिया जाए।
  • जो स्कूल ऑनलाइन क्लास चला रहे हैं और कुछ छात्र फिजिकल रूप से उपस्थित होने के बजाय ऑनलाइन क्लास में भाग लेना पसंद कर रहे हैं, उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी जा सकती है।
  • सरकार ने कहा है कि स्टूडेंट्स को केवल अभिभावकों की लिखित सहमति के साथ स्कूलों / संस्थानों में बुलाया जा सकता है। इसमें पूरी तरह माता-पिता की सहमति जरूरी है।
  • राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्टूडेंट्स की हेल्थ और सुरक्षा के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) को तैयार करें। स्कूलों को एसओपी का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।
  • डिपार्टमेंट ऑफ हायर एजुकेशन, मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन कॉलेज/हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट को खोलने के लिए उनके समय (टाइमिंग) पर फैसला ले सकते हैं। उच्च शिक्षा संस्थानों में केवल पीएचडी और साइंस और टेक्नोलॉजी स्ट्रीम के पीजी के छात्रों के लिए लैब कार्यों की अनुमति होगी।

अनलॉक-4 में क्या फैसला लिया गया था
अनलॉक-4 की गाइडलाइन में कहा था कि स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान 30 सितंबर तक बंद रहेंगे। 21 सितंबर से 9वीं से 12वीं के बच्चे टीचर्स से गाइडेंस लेने स्कूल जा सकेंगे। इसके लिए पैरेंट्स की लिखित मंजूरी जरूरी होगी। ऑनलाइन कोचिंग और टेली काउंसलिंग जैसे कामों के लिए 50% टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ स्कूलों में बुलाया जा सकेगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.