देश में ऑनलाइन गेमिंग का क्रेज:ऑनलाइन गेमिंग का रेवेन्यू 22% की रफ्तार से बढ़ रहा; 2019 में इंडस्ट्री की वैल्यू 6200 करोड़ थी, 2024 तक 25 हजार करोड़ रु. हो जाएगी
ऑनलाइन गेमिंग की वैल्यू 2024 तक 4 गुना तक बढ़ने की उम्मीद है। यह 2019 में 6200 थी जबकि 2024 तक 25 हजार 30 करोड़ तक हो सकती है। एक गेमर हर महीने 250 से 400 मिनट स्पेंड करता है 60% से ज्यादा ऑनलाइन गेमर 24 साल से कम उम्र के हैं भारत में
देश में ऑनलाइन गेमिंग का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के मुताबिक, अभी देश में करीब 30 करोड़ ऑनलाइन गेमर हैं। रिपोर्ट्स के मानें तो 2022 तक इनकी संख्या 44 करोड़ तक पहुंच जाएगी। ऑनलाइन गेमिंग का रेवेन्यू भी 22% की रफ्तार से बढ़ रहा है।
गेमिंग का गणित
2023 तक रेवेन्यू 11 हजार 400 करोड़ रु. तक बढ़ने का अनुमान है। यह 2014 की तुलना में करीब 3 गुना है। तब रेवेन्यू 4400 करोड़ रु. था। दुनिया के गेमिंग मार्केट में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी एशिया-पैसिफिक की है। दुनिया ने 2019 में 11.25 लाख करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया। इसमें एशिया-पैसिफिक रीजन ने 5.34 लाख करोड़ रुपए की कमाई की।
2024 तक 4 गुना बढ़ जाएगी वैल्यू
- ऑनलाइन गेमिंग की वैल्यू 2024 तक 4 गुना तक बढ़ने की उम्मीद है। यह 2019 में 6200 थी, जबकि 2024 तक 25 हजार 30 करोड़ तक हो सकती है।
- दुनिया में सबसे ज्यादा रेवेन्यू जनरेट करने वाला देश अमेरिका है। उसने 2.7 लाख करोड़ रु. कमाई की। चीन (2.2 लाख करोड़) दूसरे पर है।
- 30 करोड़ ऑनलाइन गेमर हैं देश में। 2022 तक 44 करोड़ हो जाएंगे।
- 60% से ज्यादा ऑनलाइन गेमर 24 साल से कम उम्र के हैं अभी देश में।
- 55 मिनट औसत टाइम स्पेंड करता है एक ऑनलाइन गेमर प्रतिदिन।
- 800 एमबी डेटा खर्च कर देता है एक गेमर प्रतिदिन गेम खेलने के दौरान।