सामने आई सुशांत की ऑटोप्सी रिपोर्ट:अभिनेता की गर्दन पर मिला था 33 सेंटीमीटर का ‘गहरा निशान, पिता के वकील ने उठाए कई सवाल; जांच के लिए एम्स ने बनाई 5 सदस्यों की टीम
दावा किया जा रहा है कि अभिनेता का शव 14 जून को मुंबई के एक फ्लैट में पंखे से लटका हुआ मिला था सीबीआई और ईडी की टीम इस मामले में जांच कर रही है, मुंबई पुलिस ने इसमें एडीआर दर्ज की है
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की ऑटोप्सी रिपोर्ट दैनिक भास्कर के हाथ लगी है। इस रिपोर्ट में उनके गले के पास ‘लिगेचर मार्क’ की बात लिखी गई है। लिगेचर मार्क को आम भाषा में ‘गहरा निशान’ कहते हैं। आमतौर पर ये ‘यू’ शेप का होता है, जो बताता है कि गला किसी रस्सी या उसी जैसी चीज से कसा गया है। इस बीच सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर उनके पिता के वकील विकास सिंह ने सवालियां निशान लगाया है। उन्होंने कहा कि जिन बातों का मौत के वक्त जिक्र किया गया था, उस बात की डिटेल पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय क्यों नहीं है।
सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुख्य पॉइंट्स
- सुशांत के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं दिखाई दिए।
- गले और सिर के आसपास कोई हड्डी टूटी हुई नहीं थी।
- पीएम रिपोर्ट मौत के वक्त का जिक्र नहीं है।
- सुशांत की बॉडी का कोरोना टेस्ट भी नहीं किया गया था।
- अभिनेता की गर्दन की परिधि 49.5 सेंटीमीटर थी।
- सुशांत के गले के नीचे 33 सेंटीमीटर का लंबा ‘लिगेचर मार्क’ मिला था।
- रस्सी का निशान ठुड्डी से 8 सेंटीमीटर नीचे था।
- गले के दाहिनी तरफ निशान की मोटाई 1 सेंटीमीटर थी।
- गले की बांई तरफ निशान की मोटाई 3.5 सेंटीमीटर थी।
वकील विकास सिंह का पीएम रिपोर्ट को लेकर सवाल
सुशांत के पिता केके सिंह के वकील विकास सिंह ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इस रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर झोल हैं। इसी झोल में छुपे राज को बेपर्दा करने की जरूरत है। पीएम रिपोर्ट में एक्टर की मौत का समय और जूस का जिक्र नहीं है। सुशांत के चेहरे पर निशान का रिपोर्ट में कहीं कोई जिक्र नहीं है।
ऑटोप्सी की फाइलों की जांच करेगी एम्स की टीम
एम्स ने सुशांत सिंह राजपूत की ऑटोप्सी की फाइलों की जांच के लिए शुक्रवार को फॉरेंसिक विशेषज्ञों के पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। सीबीआई ने इस मामले में शुक्रवार को एम्स से राय मांगी थी। एम्स के फॉरेंसिंक विभाग के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता इस दल का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने बताया, ”हम हत्या की आशंका को देखेंगे, हालांकि सभी संभावित कोणों की गहराई से जांच की जाएगी।”
उन्होंने बताया कि सुशांत के शरीर पर घाव के निशानों को देखकर परिस्थितिजन्य सबूतों से उनका मिलान किया जाएगा। गुप्ता ने कहा, ”संरक्षित विसरा की जांच की जाएगी। राजपूत को अवसाद दूर करने के लिए जो दवाएं दी जा रही थीं उनका विश्लेषण एम्स की प्रयोगशाला में किया जाएगा।”
मुंबई में सीबीआई टीम का दूसरा दिन:सीन को रीक्रियेट और कुछ अन्य गवाहों के बयान दर्ज कर सकती है सीबीआई, अब तक जमा किए ये सबूत; अटॉप्सी की फाइलों की जांच के लिए एम्स की पांच सदस्यीय टीम बनी
- 14 जून को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का शव मुंबई के बांद्रा स्थित फ्लैट में फंदे से लटका हुआ मिला था
- एम्स ने अटॉप्सी की फाइलों की जांच के लिए फॉरेंसिंक विशेषज्ञों के 5 सदस्यीय टीम का गठन किया है
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली हरी झंडी के बाद सीबीआई की 16 सदस्यों की टीम मुंबई में है। टीम आज सुशांत के बांद्रा स्थित घर जाकर सीन को रीक्रिएट कर सकती है। इसके अलावा इस केस से जुड़े कुछ लोगों से पूछताछ भी कर सकती है। जिसमें सुशांत के घर काम करने वाले दीपेश सावंत और केशव बचनेर भी शामिल हैं। सीबीआई इस केस के सबसे अहम गवाह सिद्धार्थ पिठानी से भी आज या कल पूछताछ कर सकती है।
अटॉप्सी की फाइलों की जांच करेगी एम्स की टीम
एम्स ने सुशांत सिंह राजपूत की अटॉप्सी की फाइलों की जांच के लिए शुक्रवार को फॉरेंसिंक विशेषज्ञों के पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। सीबीआई ने इस मामले में शुक्रवार को एम्स से राय मांगी थी। एम्स के फॉरेंसिंक विभाग के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता इस दल का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने बताया, ”हम हत्या की आशंका को देखेंगे, हालांकि सभी संभावित कोणों की गहराई से जांच की जाएगी।”
उन्होंने बताया कि सुशांत के शरीर पर घाव के निशानों को देखकर परिस्थितिजन्य सबूतों से उनका मिलान किया जाएगा। गुप्ता ने कहा, ”संरक्षित विसरा की जांच की जाएगी। राजपूत को अवसाद दूर करने के लिए जो दवाएं दी जा रही थीं उनका विश्लेषण एम्स की प्रयोगशाला में किया जाएगा।”
सीबीआई ने इन चीजों को मुंबई पुलिस से अपने कब्जे में लिया
- सुशांत के 3 मोबाइल फोन, सुशांत का लैपटॉप।
- जिसमें सुशांत ने जूस पिया था वो मग।
- सुशांत ने उस समय जो कपड़े पहने थे और फंदे के लिए इस्तेमाल में किए गए हरे रंग का कपड़ा।
- ऑटोप्सी और फॉरेंसिक रिपोर्ट भी सीबीआई को मिल गई है।
- सुशांत के घर और फॉर्म हाउस से बरामद डायरी।
- 13 से 14 जून की सीसीटीवी फुटेज भी सीबीआई को सौंपी गई हैं।
- रिया चक्रवर्ती, शौविक चक्रवर्ती और इस केस से जुड़े सभी लोगों की सीडीआर।
- 56 गवाहों के बयान की कॉपी भी सीबीआई की टीम ने मुंबई पुलिस से ली है।
मुंबई पुलिस के अधिकारियों से पूछताछ
सीबीआई की टीम ने मुंबई पुलिस के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे से भी शुक्रवार को पूछताछ की है। रिया चक्रवर्ती की कॉल हिस्ट्री से यह भी पता चला है कि सुशांत की मौत की जांच के बीच रिया की अभिषेक त्रिमुखे से कई बार बात हुई थी। यह भी चर्चा है कि आज सीबीआई की टीम डीसीपी रैंक के अधिकारी परमजीत सिंह दहिया से भी पूछताछ करगेी। सुशांत के जीजाजी ने सुशांत की मौत से कुछ महीने पहले डीसीपी दहिया को मैसेज कर सुशांत की जान को खतरा बताया था। सीबीआई टीम ने इसके अलावा इस केस से जुड़े बांद्रा पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों से भी बात की है। टीम शुक्रवार को तकरीबन 10 घंटे तक बांद्रा पुलिस स्टेशन में रही।
सुशांत के कुक का 40 पन्नों का बयान हुआ दर्ज
जांच के पहले दिन यानी शुक्रवार को सीबीआई की एक टीम ने सुशांत के घर पर खाना बनाने वाले नीरज सिंह से पूछताछ की है। नीरज का 40 पन्नों का जवाब दर्ज किया गया है। नीरज सुबह करीब 9 बजे उस गेस्ट हाउस में पहुंच गया जहां पर सीबीआई की टीम रुकी हुई है। सीबीआई ने इस दौरान नीरज से यह जानना चाहा कि आखिर 14 जून यानी जिस दिन सुशांत की मौत हुई है उससे कुछ वक्त पहले से सुशांत का बर्ताव कैसा था? क्या बर्ताव पहले के मुकाबले कुछ बदला हुआ था और क्या कुछ उन्होंने नीरज के साथ साझा किया और नीरज ने क्या कुछ उस दौरान समझा। इतना ही नहीं रिया चक्रवर्ती के रोल को लेकर भी जांच एजेंसी सीबीआई ने नीरज से पूछताछ की।
सीबीआई को इन पॉइंट्स का पता लगाना है
सीबीआई की जांच बिहार पुलिस की एफआईआर पर बेस्ड होगी। इसमें आत्महत्या के लिए उकसाने, धोखाधड़ी और साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया गया था। उस एफआईआर में आईपीसी की धारा 341, 348, 380, 406, 420, 306 और 120बी शामिल हैं। इसके अलावा, सीबीआई को इन पॉइंट्स का पता लगाना है।
- सुशांत सिंह राजपूत की मौत खुदकुशी है या मर्डर? दोनों के पीछे का कारण।
- सुशांत की मौत में रिया, उनके परिवार, बॉलीवुड से जुड़े लोग और उसके घर पर काम करने वाले लोगों की क्या भूमिका थी?
- पैसों के लेन-देन, कमाई और सुशांत के पिता द्वारा लगाये आरोपों की जांच करना।
- सुशांत की बीमारी, उनके डिप्रेशन की थ्योरी और उनके डॉक्टर्स के दावों की पड़ताल करना। पिता ने डॉक्टर्स पर भी संदेह जताया है।
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की सच्चाई को परखना और फॉरेंसिक रिपोर्ट से इसका मिलान करना।
- कॉल डिटेल्स की पड़ताल और इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस के सहारे इस केस की तह तक जाने का प्रयास किया जाएगा।
- 13 और 14 जून का पूरा सच सामने लाने की पूरी जिम्मेदारी भी सीबीआई के कंधों पर रहेगी।
सीबीआई के सामने 3 चुनौतियां
1. सुशांत की मौत को 60 से ज्यादा दिन हो गए हैं। क्राइम सीन पर साक्ष्य पूरी तरह मिट चुके होंगे। सीबीआई के पास सिर्फ मौके से ली गई तस्वीरें ही सहारा होंगी।
2. मुंबई पुलिस का पूरा रिकॉर्ड मराठी भाषा में है और उसे मराठी से इंग्लिश में ट्रांसलेशन कराने में लंबा वक्त लग सकता है। इनमें 56 गवाहों के बयान भी शामिल हैं।
3. सुशांत की मौत का कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं है। केवल एक आदमी है जिसने डेड बॉडी को लटके देखा और उसने भी डेड बॉडी उतार दी। ऐसे में डेड बॉडी कहां और कैसे लटकी हुई थी उसके पैर कहां पर थे इन बातों को समझने के लिए भी सीबीआई को मशक्कत करनी पड़ेगी।