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पाकिस्तान में फौज संभालेगी डिप्लोमेसी:सऊदी अरब को मनाने इमरजेंसी विजिट पर रियाद जाएंगे पाक के आर्मी चीफ; सऊदी ने पेट्रोल-डीजल सप्लाई रोकी

प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की बयानबाजी से सऊदी सरकार नाराज पाकिस्तान को अगर सऊदी से ऑयल चाहिए तो उसे कम से कम 3 अरब डॉलर की किश्तें चुकानी होंगी, पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने मंगलवार को सऊदी एम्बेसेडर से भी मुलाकात की थी। लेकिन, इसका कोई असर नहीं हुआ। क्योंकि, अगले ही दिन यानी बुधवार को सऊदी ने पाकिस्तान को लोन और ऑयल देने से इनकार कर दिया था। 

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पाकिस्तान और सऊदी अरब के रिश्ते टूट की कगार पर हैं। इसकी वजह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की बयानबाजी मानी जा रही है। सऊदी सरकार इमरान से इतनी खफा है कि बुधवार को उसने ऑयल सप्लाई रोक दी। सऊदी ने साफ कहा- पाकिस्तान को अब कर्ज और ऑयल की सप्लाई नहीं होगी।

पाकिस्तान को सऊदी की तरफ से इतने सख्त कदम की भनक भी नहीं थी। अब बात बिगड़ चुकी है तो आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा इमरजेंसी विजिट पर सऊदी अरब जा रहे हैं। यह दौरा एक या दो दिन में होगा।

दबाव की रणनीति नहीं चलेगी
पाकिस्तान के अखबार ‘द डॉन’ के मुताबिक- आर्मी के दो आला अफसरों ने माना है कि बाजवा बहुत जल्द सऊदी अरब जाएंगे। हम ये मानते हैं कि कश्मीर पर सऊदी का रुख हमारे मनमुताबिक नहीं हो सकता। लिहाजा, हमें दबाव की रणनीति से बचना होगा। इस बात में कोई दो राय नहीं कि सऊदी हमारी तरफ से हुई बयानबाजी से नाराज है। पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग के चीफ मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा- हां, बाजवा रियाद जा रहे हैं।

ऐसे फंस गया पाकिस्तान
पिछले साल जून में पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर था। आईएमएफ और एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) लोन देने तो तैयार हो गए, लेकिन शर्तें बेहद सख्त थीं। इमरान ने सऊदी से मदद की गुहार लगाई। सऊदी ने 6.2 अरब डॉलर का लोन मंजूर किया। इसमें से 3 अरब डॉलर साधारण कर्ज था। इसके अलावा 3.2 अरब डॉलर पेट्रोल-डीजल क्रेडिट थी। पाकिस्तान को यह कर्ज एक साल में चुकाना था। अब तक वो सिर्फ वो एक किश्त (1 अरब डॉलर) चुका सका है। इसके लिए भी उसने चीन से कर्ज लिया।

बिना किश्त चुकाए, बात बननी मुश्किल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महामारी के दौर में ऑयल सप्लाई की डिमांड कम हुई। इससे सऊदी अरब की कमाई पर भी गंभीर असर पड़ा। पिछले महीने दुनिया की सबसे बड़ी ऑयल कंपनी सऊदी अरामको के मुनाफे में 72% की कमी आई। अब सऊदी पाकिस्तान पर कर्ज चुकाने का दबाव बना रहा है। दूसरी तरफ, इमरान सरकार का खजाना खाली है। ऐसे में बाजवा को सऊदी दौरे से कुछ खास हासिल होना मुश्किल है। हो सकता है कुछ महीने या हफ्तों की मोहलत मिल जाए।

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