सुशांत सिंह राजपूत केस CBI को ट्रांसफर, अब सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड की गुत्थी सीबीआई सुलाझाएगी.
बिहार सरकार ने मंगलवार को इस केस की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.
बुधवार को सुशांत सिंह राजपूत केस में बड़ा मोड़ आया. केंद्र सरकार ने इस केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया है. अब सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड की गुत्थी सीबीआई सुलाझाएगी. केंद्र से बिहार सरकार ने मंगलवार को इस केस की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. ये खबर सामने आते ही सुशांत के फैंस ने राहत की सांस ली है. वहीं एक्टर की एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे का भी रिएक्शन सामने आया है.
अंकिता ने इंस्टा पोस्ट में क्या लिखा?
जैसे ही सुशांत का केस सीबीआई को ट्रांसफर किए जाने का ऐलान हुआ, अंकिता लोखंडे ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया. जिसमें लिखा है- जिस पल के लिए हम सभी इंतजार कर रहे थे वो आखिरकार आ गया है. कैप्शन में अंकिता ने आभार जताया है. अंकिता की इस पोस्ट पर कई सेलेब्स के रिएक्शन आए हैं. एक्ट्रेस डलजीत कौर ने लिखा- हां, अभी तो बस शुरुआत हुई है. सच जरूर सामने आएगा. सत्यमेव जयते. नंदीश संधु भी ने अंकिता की पोस्ट पर कमेंट किया है.
इससे पहले जब सुशांत के पिता ने पटना के राजीव नगर थाने में रिया चक्रवर्ती के खिलाफ केस दर्ज कराया था. तब अंकिता ने पोस्ट कर लिखा था- सच जीतता है. अंकिता इस मुश्किल की घड़ी में सुशांत के परिवार के साथ खड़ी हैं. वे सुशांत की फैमिली के करीब हैं. सुशांत की बहनों संग अंकिता लोखंडे का अच्छा बॉन्ड है. मालूम हो, सुशांत और अंकिता दोनों ने 6 साल तक डेट किया था, फिर उनका ब्रेकअप हो गया था.
सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने भी सीबीआई को केस की जांच सौंपने पर रिएक्ट किया है. श्वेता ने ट्वीट कर लिखा- CBI it is!!! #JusticeForSushant #CBIEnquiryForSSR #CBIenquiry. अब सुशांत के फैंस और परिजनों को उम्मीद है कि सुशांत को न्याय मिलेगा और उनकी सुसाइड का सच दुनिया के सामने आएगा
सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर दो राज्यों की पुलिस जिस तरह से आमने-सामने खड़ी है, उसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई है. मालूम हो कि सुशांत केस की जांच करने बिहार से मुंबई आए पटना के सिटी एसपी विनय तिवारी को बीएमसी अधिकारियों ने जबरन क्वारनटीन किया था. जिसके बाद बिहार से सुशांत केस की जांच करने आई 4 सदस्यीय टीम क्वानरटीन होने के डर से मुंबई में छुपी हुई है. ऐसे में बिहार पुलिस की जांच रुक गई है.
जांच अफसर को क्वारनटीन करने पर SC ने लगाई फटकार
बुधवार को रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बिहार के जांच अफसर को क्वारनटीन किए जाने का मुद्दा भी उठा. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि जांच अधिकारी को क्वारनटीन करना सही मैसेज नहीं देता. सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा- बिहार के आईपीएस ऑफिसर के साथ बुरा बर्ताव करने से गलत संदेश जाता है. वो भी तब जब केस में मीडिया की रुचि हो. महाराष्ट्र सरकार को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि सब कुछ प्रोफेशनल तरीके से हो.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर कोर्ट को संतुष्ट करें कि इस मामले में उन्होंने प्रोफेशनल काम किया है. इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार से इस मामले से संबंधित तमाम सबूतों को सुरक्षित रखने के लिए भी कहा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच को लेकर महाराष्ट्र सरकार जवाब दे. हम तय करेंगे कि मामले की जांच कौन करेगा.
सुशांत सिंह राजपूत मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. बिहार सरकार की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट मुकुल रोहतगी, सुशांत सिंह राजपूत के पिता की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट विकास सिंह और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट आर बसंत ने पक्ष रखा. जानते हैं कोर्ट में क्या बातचीत हुई.
मुंबई पुलिस पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ का आरोप
सुशांत के पिता के वकील विकास ने कहा- मुंबई पुलिस सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रही है. मुंबई पुलिस बिहार पुलिस के साथ को-ऑपरेट करे. जबकि महाराष्ट्र सरकार की तरफ वहां मौजूद एडवोकेट बसंत ने कहा- मुंबई में जांच का अधिकार पटना पुलिस को नहीं है.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- खुद बिहार पुलिस ने इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया है. हम उम्मीद करते हैं कि हर कोई सहयोग करे.
आगे विकास सिंह ने कहा- सबूतों से छेड़छाड़ की जा रही है. जांच के लिए गए अधिकारियों को क्वरानटीन कर दिया जा रहा. अनसुना किया जा रहा. बिहार सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट मुकुल रस्तोगी ने कहा, अगले हफ्ते मामले की सुनवाई की जाए, तब तक कोई भी किसी के लिए समस्या पैदा ना करे. इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा- इस बात का फैसला कोर्ट करेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
विकास सिंह ने कहा कि इस मामले में अब कुछ भी नहीं बचा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मैंने एफआईआर पढ़ी है. सीआरपीसी के प्रासंगिक प्रावधानों को पढ़ा है. अभी हम कुछ नहीं कह रहे हैं. फिलहाल इस मामले में जल्दीबाजी नहीं दिखाई जाए.