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आईसीएमआर ने बदली जांच की रणनीति: मरीजों से मिले हैं और लक्षण नहीं दिख रहे तो भी 5 से 10 दिन में करानी होगी जांच

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कोविड-19 के जांच की रणनीति बदलने का फैसला किया है। अब ऐसे लोगों की भी जांच की जाएगी जो मरीज के सीधे संपर्क में आए हैं और उनमें लक्षण नहीं दिख रहे, वो भी 5 से 10 दिनों के अंदर। कंटेनमेंट जोन में काम कर रहे कर्मचारियों को जांच के दायरे में रखा गया है।

आईसीएमआर ने अपनी गाइडलाइन में सख्त शब्दों में लिखा है कि टेस्टिंग में कमी के कारण इस इमरजेंसी प्रक्रिया में देरी नहीं होगी। सभी जांच रियलटाइम आरटी-पीसीआर टेस्ट से होंगी। आईसीएमआर के सोमवार को जारी आंकड़े के मुताबिक, अब 90 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।

इन 8 तरह के लोगों की होगी जांच

  • ऐसे यात्री जो पिछले 14 दिनों में विदेश से आए हैं और उनमें इंफ्लूएंजा जैसे लक्षण (बुखार-खांसी और सांस लेने में तकलीफ) दिख रहे हैं।
  • लैब में मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसके सम्पर्क में आए सभी लोगों की जांच की जाएगी।
  • स्वास्थ्य व अन्य अति आवश्यक कामों में लगे कर्मचारी जो कंटेनमेंट जोन में काम कर रहे हैं और उनमें इंफ्लूएंजा जैसे लक्षण दिख रहे हैं।
  • ऐसे मरीज जो एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन की गंभीर स्थिति से जूझ रहे हैं।
  • कोविड-19 के मरीज के सीधे सम्पर्क में आए ऐसे लोग जिनमें लक्षण नहीं दिख रहे हैं, उनकी मुलाकात के 5 से 10 दिनों के अंदर जांच होगी।
  • हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट जोन में इंफ्लूएंजा जैसे लक्षण वाले लोग।
  • इंफ्लूएंजा के सभी मरीज और ऐसे लोग जिनमें इसके लक्षण दिखने शुरू हो रहे हैं।
  • इंफ्लूएंजा के लक्षण वाले प्रवासी या दूसरी जगह से लौटने वाले मजदूर की जांच तबियत खराब होने के 7 दिन के अंदर होगी।

कौन होते हैं एसिम्पटोमैटिक और सिम्प्टोमैटिक लोग 

  • एसिम्पटोमैटिक  : ये ऐसे मरीज हैं जिनकी रोगों से लड़ने की क्षमता यानी इम्युनिटी अधिक है और कोविड-19 के लक्षण नहीं दिख रहे हैं।
  • सिम्प्टोमैटिक : जिन लोगों में खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसे कोविड-19 के आम लक्षण दिख रहे हैं उन्हें सिम्प्टोमैटिक कहते हैं।

20 लाख से अधिक सैम्पल जांचे गए
आईसीएमआर के रिसर्च मैनेजमेंट हेड डॉ. रजनीकांत श्रीवास्तव के मुताबिक, शुक्रवार तक देश में पीसीआर टेस्ट का आंकड़ा 20 लाख पार हो गया। देश में 20 लाख 39 हजार 952 नमूनों की जांच की जा चुकी है। पिछले दो महीनों में जांच करने की क्षमता में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। अब करीब 1 लाख जांच रोजाना हो रही हैं।

अब 360 सरकारी और 147 प्राइवेट लैब में जांच की सुविधा
डॉ. रजनीकांत के मुताबिक, लॉकडाउन की शुरुआत में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे में एक लैब और दूसरी 100 लैब के साथ जांच शुरू हुई थी। अब 360 सरकारी और 147 प्राइवेट लैब में आरटी-पीसीआर टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है।

 

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