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लॉकडाउन 4.0: शाम 7 से सुबह 7 बजे तक बाहर निकलने पर पाबंदी जारी

गृह मंत्रालय ने देशव्यापी कोरोना संकट के मद्देनजर लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ा दिया है. गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन 4.0 के संबंध में निर्देश भी जारी किए हैं. लॉकडाउन के दौरान शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक नाइट कर्फ्यू की स्थिति रहेगी.

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  • 31 मई तक जारी रहेगा देश में लॉकडाउन
  • कंटेनमेंट जोन में बरती जाएगी ज्यादा सख्ती

लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस संकट के बीच लॉकडाउन को 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन 4.0 के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. गृह मंत्रालय के नए निर्देशों के मुताबिक शाम 7 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक बेहद जरूरी गतिविधियों को छोड़कर नागरिकों की आवाजाही पर सख्ती से रोक जारी रहेगी.

रात में केवल बेहद जरूरी कामों के लिए यात्रा की इजाजत दी जा सकती है. स्थानीय अधिकारी अपने पूरे क्षेत्राधिकार में इस संबंध में आदेश जारी करेंगे. गाइडलाइन के मुताबिक इस दौरान सीआरपीसी की धारा 144 और अन्य निषेधात्मक आदेश जारी रहेंगे. मतलब साफ है कि इस दौरान नाइट कर्फ्यू रहेगा और हर तरह के मूवमेंट पर रोक जारी रहेगी.

गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, अस्वस्थ, गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर पर ही रहना होगा. केवल गंभीर रूप से स्वास्थ्य संकट के मामले में ही गतिविधि की इजाजत दी जाएगी.

जोन बनाने का फैसला राज्यों पर निर्भर

केंद्र सरकार ने भले ही सख्ती बढ़ाने को कहा है लेकिन राज्यों को यह निर्देश दिया गया है कि वे अगर चाहें तो कुछ विशेष इलाकों में गतिविधियों को रोक सकते हैं. यह उनके अधिकार क्षेत्र में होगा. राज्य पाबंदियां और बढ़ा सकते हैं. राज्य कंटेनमेंट, बफर, रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन बना सकते हैं. यह अधिकार राज्योंको दिया गया है. इन क्षेत्रों में पाबंदियों को लगाने का अधिकार राज्यों के पास होगा.

अंतर राज्यीय परिवहन पर राज्य लेंगे फैसला

लॉकडाउन 4.0 में सरकार ने राज्यों के बीच आवाजाही की इजाजत दी है. यात्री गाड़ियों और बसों से आवाजाही कर सकेंगे. हालांकि राज्यों के बीच परिवहन की इजाजत तभी दी जा सकेगी जब राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसके लिए आपसी सहमति देंगे.

हालांकि केंद्र सरकार ने यह भी साफ किया है कि जो इलाके कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं, वहां किसी भी तरह के गतिविधि की इजाजत नहीं होगी. राज्यों के बीच परिवहन स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तरह ही होंगे.

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