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राजस्थान का राजा मान सिंह एनकाउंटर केस:35 साल बाद सजा; मथुरा कोर्ट ने डीएसपी समेत 11 पुलिसवालों को उम्र कैद दी, मान सिंह की बेटी बोलीं- देर से सही पर न्याय मिला

21 फरवरी 1985 को राजा मान सिंह समेत तीन की हुई थी हत्या सीबीआई की चार्जशीट के बाद 1990 में केस मथुरा ट्रांसफर हुआ

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भरतपुर के राजा मान सिंह का 21 फरवरी 1985 को डीग में एनकाउंटर कर दिया गया था। – फाइल फोटो

राजस्थान के राजा मान सिंह एनकाउंटर केस में आखिरकार 35 साल बाद दोषियों को सजा सुना दी गई। मथुरा के जिला जज ने दोषी डीएसपी कान सिंह भाटी समेत 11 पुलिसवालों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। 21 फरवरी 1985 को भरतपुर के राजा मानसिंह का राजस्थान के डीग में एनकाउंटर कर दिया गया था। इस मामले को 1990 में यह मामला राजस्थान से बाहर मथुरा में ट्रांसफर कर दिया गया था।

फैसला आने के बाद मान सिंह की बेटी दीपा सिंह ने कहा कि देर से सही मिला पर न्याय सही मिला। दोषियों के वकील ने कहा है कि हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे। इस मामले में 14 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से 3 को बरी कर दिया गया है।

मान सिंह एनकाउंटर की कहानी

राजस्थान के इस चर्चित एनकाउंटर की कहानी 20 फरवरी 1985 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर की डीग में हुई सभा से शुरू हुई थी। इस दिन डीग में माथुर की जनसभा थी। माथुर के सामने डीग से राज मान सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे। बताते हैं कि माथुर के समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डीग के किले पर लगा झंडा उतारकर कांग्रेस का झंडा लगा दिया था।

इस हरकत से मानसिंह खफा हो गए और अपनी जीप से माथुर की सभा में जा पहुंचे। माथुर जिस हेलिकॉप्टर से आए थे, मान सिंह ने उसे अपनी जीप से टक्कर मार दी। इस मामले में मान सिंह के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कर लिया गया। अगले ही दिन डीएसपी कान सिंह ने डीग के बाजार में राजा मान सिंह को रुकने का इशारा किया। लेकिन, मान सिंह अपनी जीप बैक करने लगे। इसी दौरान पुलिसवालों ने फायरिंग कर दी।

फायरिंग में राजा मानसिंह, उनके साथी सुमेर सिंह व हरि सिंह की मौत हो गई थी। इस एनकाउंटर के बाद मान सिंह के दामाद विजय सिंह ने डीग थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 28 फरवरी 1985 को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई ने 14 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जयपुर कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। 1990 में इस मामले को राजस्थान के बाहर मथुरा कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया।

कोर्ट ने उम्र कैद के साथ सभी दोषियों पर 10 हजार जुर्माना लगाया

जज साधना रानी ठाकुर की अदालत में मंगलवार को 11 आरोपियों पर दोष सिद्ध हुआ था। तीन लोगों को बरी कर दिया गया था। डिप्टी एसपी कान सिंह भाटी, एसएचओ डीग वीरेंद्र सिंह, सुखराम, आरएसी के हेड कांस्टेबल जीवा राम, भंवर सिंह, कांस्टेबल हरी सिंह, शेर सिंह, छत्तर सिंह, पदमाराम, जगमोहन, एसआई रवि शेखर को दोषी पाया। उम्र कैद के साथ-साथ इन पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है।

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