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भारत में पहला मामला आने के 55 दिन बाद तो पेरू में 10 दिन बाद लॉकडाउन लगा, यूरोपीय देशों में अनलॉक में मामले घटे तो भारत में बढ़े

भारत में जब 571 मामले थे, तब लॉकडाउन लगाया गया; पेरू में सिर्फ 71 मामले होने पर ही लॉकडाउन हो गया स्पेन और ब्रिटेन में लॉकडाउन के दौरान ज्यादा मरीज मिले, लॉकडाउन खुलते ही मामलों की संख्या घटने लगी

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देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 10 लाख के पार पहुंच गया है। महज तीन दिन में ही हमारे देश में 1 लाख से ज्यादा मरीज मिले। इससे पहले 8 से 9 लाख मरीज होने में भी तीन ही दिन लगे थे। देश में कोरोना से मौत का आंकड़ा भी 25 हजार के पार हो गया है। कोरोना की सबसे बुरी मार झेल रहे दुनिया के 10 देशों में से अमेरिका, ब्राजील और चिली ही ऐसे देश हैं, जहां टोटल लॉकडाउन नहीं लगाया गया। यहां के कुछ राज्यों या हिस्सों को ही लॉकडाउन किया गया। भारत में भी 67 दिन तक टोटल लॉकडाउन रहा।

10 सबसे संक्रमित देशों में लॉकडाउन कब लगा? लॉकडाउन के पहले इन देशों में कितने मामले थे? लॉकडाउन के दौरान संक्रमण कितना बढ़ा और लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद इसकी रफ्तार कितनी बढ़ी या घटी?

सबसे पहले बात, भारत की। हमारे देश में संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी को आया था। उसके 55 दिन बाद टोटल लॉकडाउन लगाया गया। ऐसा कहा जा रहा था कि भारत, दुनिया का पहला ऐसा देश है, जिसने संक्रमण के सबसे कम मामलों पर ही लॉकडाउन कर दिया। ये गलत है। पेरू में फिलहाल 3.37 लाख मामले हैं और यहां पहला मामला आने के 10 दिन बाद ही लॉकडाउन लगा दिया गया था। यहां जब लॉकडाउन लगा था, तब 71 मामले ही थे। जबकि, भारत में लॉकडाउन से एक दिन पहले तक 571 मरीज मिल चुके थे।

दुनिया के 10 में से 7 देशों का ट्रेंड, जहां लॉकडाउन तो लगा, लेकिन क्या संक्रमण की रफ्तार घटी?

1. भारत : अब तक जितने मामले आए, उसमें से 80% से ज्यादा अनलॉक होते ही मिले

भारत में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में सामने आया। उसके बाद 2 फरवरी तक केरल में ही दो मरीज और मिले। ये तीनों ही चीन के वुहान शहर से लौटे थे। इसके बाद करीब एक महीन तक देश में कोई भी नया मरीज नहीं मिला। लेकिन, 2 मार्च के बाद से देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ता रहा।

देश में पहला मरीज मिलने के 55 दिन बाद 25 मार्च से टोटल लॉकडाउन लगाया गया। उसके बाद चार बार कुछ-कुछ रियायतों के साथ लॉकडाउन बढ़ता रहा। आखिरकार 67 दिन बाद देश से लॉकडाउन हटा और अनलॉक की प्रक्रिया शुरु हुई।

16 जुलाई तक देश में 10 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 80% से ज्यादा मामले 1 जून के बाद ही आए हैं। इसी तरह अब तक 24 हजार 929 मौतें हुई हैं, जिनमें से 78% मौतें यानी 19 हजार 524 मौतें देश अनलॉक होने के बाद हुईं हैं।

2. रूस : सिर्फ 33 दिन का लॉकडाउन, खुलने के बाद 6 गुना बढ़ गए केस

रूस में कोरोना के पहले दो मामले 31 जनवरी को सामने आए। ये दोनों ही चीनी नागरिक थे। उसके बाद 27 मार्च तक यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 हजार के पार पहुंच गई। 28 मार्च से देश को टोटल लॉकडाउन कर दिया गया। रूस में पहला मामला सामने आने के 57 दिन बाद लॉकडाउन किया गया था।

यहां 28 मार्च से 30 अप्रैल तक लॉकडाउन लगा। हालांकि, बाद में भी देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन जारी रहा, लेकिन रियायतें भी मिलीं। 30 अप्रैल तक रूस में 1.05 लाख मरीज थे और लॉकडाउन हटने के बाद 1 मई से 15 जुलाई के बीच 6.39 लाख से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। यानी, लॉकडाउन खुलने के बाद रूस में कोरोना संक्रमितों की संख्या में 6 गुना से ज्यादा का इजाफा हो गया।

3. पेरू : 106 दिन तक लॉकडाउन रहा, लेकिन संक्रमण की रफ्तार नहीं थमी

लैटिन अमेरिकी देश पेरू शायद दुनिया का पहला देश होगा, जहां कोरोना का पहला मामला आने के 10 दिन बाद ही लॉकडाउन लगा दिया गया। पेरू में 6 मार्च को कोरोना का पहला मरीज मिला था। इसकी ट्रैवल हिस्ट्री भी स्पेन, फ्रांस और चेक रिपब्लिक की थी। पहला मामला आने के बाद अगले 10 दिन में यहां 71 मरीज मिल चुके थे।

16 मार्च से यहां पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया। यहां पर 30 जून तक 106 दिन तक लॉकडाउन लगा। लेकिन, कोरोना के मामले बढ़ते रहे। पूरे लॉकडाउन में यहां 2.85 लाख से ज्यादा मामले सामने आए और साढ़े 9 हजार से ज्यादा मौतें हुईं। लॉकडाउन हटने के बाद अब तक यहां 52 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। ढाई हजार से ज्यादा जानें जा चुकी हैं।

4. मैक्सिको: पहला मामला आने के 24 दिन बाद लॉकडाउन लगाया,  70 दिन के लॉकडाउन में 87 हजार से ज्यादा मामले

मैक्सिको में 23 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया। 22 मार्च तक वहां 251 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके थे। एक जून को लॉकडाउन हटा लिया गया। उस वक्त तक मैक्सिको में 87512 केस थे। लॉकडाउन हटने के बाद पिछले 45 दिन में दो लाख दस हजार से ज्यादा मामले आ चुके हैं। कुल मामले 3 लाख को पार कर गए हैं। यहां 28 फरवरी को कोरोना का पहला केस सामने आया था।

मैक्सिको में लॉकडाउन हटने के बाद कोरोना से मौत के मामले चार गुने के करीब बढ़ गए। 31 मई तक यहां 9779 लोग कोरोना से जान गंवा चुके थे। 15 जुलाई तक 36,327 लोगों की जान कोरोना ने ली। मौत के आंकड़ों में 271% का इजाफा हुआ। वहीं, कुल संक्रमितों की बात की जाए तो 31 मई तक 87,512 लोग संक्रमित थे। लॉकडाउन खुलने के बाद यहां 255% मामले बढ़े और कुल संक्रमितों की संख्या 3,11,486 हो गई।

5. साउथ अफ्रीका : लॉकडाउन खुलते ही रोजाना करीब 3 हजार मामले आने लगे

अफ्रीका महाद्वीप के सबसे ज्यादा संक्रमित देश साउथ अफ्रीका में पहला मामला 5 मार्च को आया।  26 मार्च को यहां लॉकडाउन लगाया गया। उस वक्त तक देश में 709 मामले थे। यहां महज 36 दिन का ही लॉकडाउन लगाया गया और 30 अप्रैल को हटा भी लिया गया। लॉकडाउन के 36 दिनों में यहां 4 हजार 938 मामले ही मिले थे। यानी, हर दिन औसतन 137 मरीज। लेकिन, लॉकडाउन हटने के बाद यहां 3.05 लाख से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। इस हिसाब से लॉकडाउन खुलते ही यहां रोजाना औसतन 2,880 से ज्यादा मरीज मिलने लगे।

6. स्पेन : लॉकडाउन खुलते ही संक्रमण के मामले 6 गुना घट गए

यूरोपीय देश स्पेन में कोरोनावायरस का पहला मामला 31 जनवरी को आया था। जब यहां लॉकडाउन लगाया गया, तो कोरोना के 5 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके थे। स्पेन में 14 मार्च 9 मई के बीच 58 दिनों तक लॉकडाउन रहा। पूरे लॉकडाउन में यहां 2.59 लाख से ज्यादा मामले मिले। लेकिन, लॉकडाउन हटे हुए यहां 66 दिन हो चुके हैं और तब से अब तक इन 66 दिनों में करीब 40 हजार मरीज ही मिले हैं। यानी, जितने मामले लॉकडाउन में सामने आए थे, लॉकडाउन हटने के बाद उससे 6 गुना कम मामले सामने आए हैं।

7. ब्रिटेन : यहां भी स्पेन जैसा ही ट्रेंड, लॉकडाउन खुलने के बाद मामले घट रहे

स्पेन में भी जिस दिन कोरोना का पहला मामला सामने आया था, उसी दिन ब्रिटेन में भी आया। ब्रिटेन में भी तभी लॉकडाउन लगा, जब यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 5 हजार के ऊपर पहुंच गई। ब्रिटेन में पहला मामला सामने आने के 52 दिन बाद 23 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था। 4 जुलाई से ही यहां लॉकडाउन में छूट मिलनी शुरू हुई है।

हालांकि, स्पेन के मुकाबले ब्रिटेन में 103 दिन का लॉकडाउन लगा। इस दौरान यहां 2.79 लाख से ज्यादा मरीज मिले। यानी, हर दिन औसतन 2 हजार 700 से ज्यादा मरीज। जबकि, लॉकडाउन में छूट मिले हुए 12 दिन बीत चुके हैं और इस दौरान यहां 6 हजार 182 मरीज मिले हैं। यानी, हर दिन औसतन 515 मरीज। इसका मतलब हुआ कि यूरोपीय देशों में लॉकडाउन खुलने के बाद मामले घटने शुरू हो गए हैं।

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