Newsportal

राजस्थान में गहलोत vs पायलट / विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे सचिन पायलट समेत 3 मंत्रियों को बर्खास्त करने का फैसला, प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटाए जाएंगे

जयपुर में 2 दिन में 2 बार विधायक दल की बैठक हुई, सचिन पायलट और उनके विधायक नहीं पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का 109 विधायक होने का दावा, कहा- सरकार को खतरा नहीं पायलट खेमे ने कहा- हमारे पास 30 से ज्यादा विधायक, सरकार बहुमत साबित करे

0 138

जयपुर. सचिन पायलट के लिए कांग्रेस के दरवाजे अब बंद हो गए हैं। तीन दिन से उन्हें मनाने की तमाम कोशिशें फेल होने के बाद आखिरकार कांग्रेस ने एक्शन लेने की तैयारी कर ली है। विधायक दल की बैठक में उनके साथ 3 मंत्रियों को बर्खास्त करने का फैसला ले लिया गया है। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटाया जाएगा।

दरअसल, बैठक में शामिल नहीं हुए विधायकों के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसके तहत इन्हें नोटिस जारी किया जाएगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि सभी विधायकों ने एकमत से कार्रवाई करने पर सहमति जताई। इसके पहले सीएम आवास पर सोमवार को दोपहर एक बजे विधायक दल की बैठक हुई थी। इसमें भी सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर मांग की गई थी कि बैठक में शामिल नहीं होने वाले विधायकों पर सख्त कार्रवाई की जाए और बर्खास्त किया जाए।

आज भी पायलट का इंतजार किया, बैठक एक घंटे टाली
कल दिन भर सियासी ड्रामा चलता रहा। आज भी हालात वैसे ही बने। विधायक दल की बैठक सुबह 10:30 बजे होनी थी, लेकिन यह एक घंटे देरी से 11:30 बजे शुरू हुई। बगावत पर उतरे पायलट और उनके समर्थक विधायकों का इंतजार किया गया। इससे पहले पायलट को इस बैठक के लिए न्योता भेजा गया था। हालांकि, पायलट खेमे ने फिर आने से इनकार कर दिया।

अपडेट्स

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल से मिलने के लिए रवाना हुए।
  • भाजपा नेता ओम माथुर ने कहा- सचिन पायलट के लिए पार्टी के द्वार खुले। उनका स्वागत है।
  • सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट अब गहलोत के साथ काम नहीं करना चाहते। उन्होंने अपनी यह मंशा कांग्रेस के सीनियर नेताओं के साथ बातचीत में जाहिर की है।
  • राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने मंगलवार सुबह विधायक दल की बैठ्क के पहले कहा कि हम सचिन पायलट को दूसरा मौका दे रहे हैं, उनसे आज की विधायक दल की बैठक में भाग लेने के लिए कहा। मुझे उम्मीद है कि आज सभी विधायक आएंगे और नेतृत्व को एकजुटता देंगे, जिसके लिए राजस्थान के लोगों ने मतदान किया, हम सभी राज्य के विकास के लिए काम करना चाहते हैं।
  • राज्य के खाद्य और आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘वे इस संकट में सचिन पायलट के साथ खड़े हैं।’
  • राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा, ‘कांग्रेस दावा कर रही है कि उनके नेता एकजुट हैं, लेकिन यह साफ है कि उनके बीच आंतरिक विवाद है। इसलिए सचिन पायलट पार्टी छोड़ रहे हैं। अभी हमने फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं की है।

बैठक में 22 विधायक नहीं पहुंचे
कांग्रेस विधायक: सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत।
निर्दलीय विधायक: सुरेश टांक, ओम प्रकाश और खुशवीर सिंह जोजावर।

गहलोत ने अपने विधायकों की परेड कराई थी
इससे पहले, सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने विधायकों की परेड कराई थी। इस दौरान, उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुमत (101 विधायक) से ज्यादा 109 एमएलए हैं। वहीं, पायलट ने सोमवार शाम अपने विधायकों का वीडियो जारी किया। कहा कि उनके पास 19 विधायक हैं। हालांकि, वीडियो में 17 विधायक नजर आए। खेमे ने कहा कि गहलोत सरकार अल्पमत में है। फ्लोर टेस्ट कराए। गहलोत खेमे के विधायक जयपुर के पास कूकस के फेयर माउंट होटल में ठहरे हैं। वहीं, पायलट खेमे के विधायक हरियाणा के मानेसर में रुके हैं।

राहुल, प्रियंका ने संपर्क साधा, लेकिन पायलट समझौते के लिए राजी नहीं

कांग्रेस पायलट को मनाने में जुटी है। सोमवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अलावा पी. चिदंबरम और केसी वेणुगोपाल ने उनसे संपर्क साधा था। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि पायलट समझौते को राजी नहीं हुए। उन्होंने राहुल गांधी के साथ मुलाकात से भी इनकार कर दिया। हालांकि, सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि पायलट ने शीर्ष नेतृत्व के समक्ष चार शर्तें रखी हैं। इनमें कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का पद बरकरार रखने के अलावा गृह और वित्त विभाग दिए जाने की मांग भी शामिल है। उधर, पायलट सीधे कुछ बोलने और ट्‌वीट करने के बजाय करीबियों से बयान दिला रहे हैं, ताकि पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उन पर कोई कार्रवाई न हो सके।

राजस्थान विधानसभा की मौजूदा स्थिति: कुल सीटें: 200

पार्टी विधायकों की संख्या
कांग्रेस 107
भाजपा 72
निर्दलीय 13
आरएलपी 3
बीटीपी 2
लेफ्ट 2
आरएलडी  1

राजस्थान की विधानसभा में दलीय स्थिति को देखें तो कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं। सरकार को 13 में से 10 निर्दलीय और एक राष्ट्रीय लोकदल के विधायक का भी समर्थन है। लिहाजा गहलोत के पास 118 विधायकों का समर्थन है। उधर, भाजपा के पास 72 विधायक हैं। बहुमत जुटाने के लिए कम से कम 29 विधायक चाहिए

Leave A Reply

Your email address will not be published.