Punjab सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की / शादी में 30 से ज्यादा लोग बुलाए तो एफआईआर, धरने-प्रदर्शन पर रोक, Punjab: टेस्टिंग 4 लाख पार / कोरोना से 6 की मौत, पहली बार 384 संक्रमित, इनमें 27 पुलिस मुलाजिम भी, संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 8348, अब तक 211 मौतें
आधी रात से सभी 22 जिलों में धारा-144 लागू हुई
Punjab सरकार ने नई गाइडलाइंस
- आधी रात से सभी 22 जिलों में धारा-144 लागू हुई
चंडीगढ़. पंजाब में कोरोना मरीजों की संख्या 8 हजार पार जाने के बाद सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। साेमवार आधी रात से सभी 22 जिलों में धारा-144 लागू कर सभी तरह के सार्वजनिक समारोह पर रोक लगा दी है। अब जलसे और धरने-प्रदर्शन पर राेक लग गई है। वहीं, विवाह, सामाजिक और सोशल कार्यक्रमों में लोगों के एकत्रित होने की संख्या कम कर दी है। सामाजिक कार्यक्रमों में 5 और विवाह व दूसरे कार्यक्रमों में लागों की संख्या 50 से घटाकर 30 कर दी है। अगर कार्यक्रमों में प्रोटोकाॅल का पालन नहीं होता है तो होटल, मैरिज पैलेस आदि के लाइसेंस सस्पेंड और एफआईआर दर्ज की जाएगी।
तय संख्या से ज्यादा गेस्ट आने पर होटल और मैरिज पैलेस वालाें को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। नियम लागू कराने को पुलिस और प्रशासन को जिम्मेदारी सौंपी है। नई गाइडलाइंस के मुताबिक बैठक के दौरान चाय सर्व करने से बचने और इसमें 5 से ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे। सार्वजनिक जगहों के अलावा ऑफिसों में भी मास्क पहनना जरूरी होगा।
अपील… ज्ञापन या शिकायत मैनुअल नहीं, अब ऑनलाइन दें
एक अन्य अपील करते हुए सरकार ने कहा है कि अब मेमोरेंडम या कोई भी शिकायत मैनुअल न देकर उसे ऑनलाइन दें। आग्रह है कि लोग डीसी को अपना मेमोरेंडम डिजिटल तरीके से भेजे। अगर नहीं भेज सकते हैं तो 3 या 4 लोग ही आ सकेंगे।
काेई भी अस्पताल इलाज से मना नहीं कर सकता
सरकार ने स्पष्ट किया है कि निजी इलाज केंद्रों के साथ समझौते का यह मतलब नहीं कि सरकार द्वारा रेफर किए जाने वाले मरीजों के लिए अब से ही बेड रोक लिए जाएं। सरकार सिर्फ रेफर किए मरीजों का ही चार्ज देगी। डीसी व एसपी तय करेंगे कि सभी अस्पताल जो कोरोना मरीजों का इलाज कर सकते हैं, वह बेड़ों की जानकारी मुहैया कराएं। साथ में अस्पताल किसी भी मरीज का इलाज से मना नहीं कर सकते।
बिना लक्षण वालों को अब क्वारेंटाइन में रखा जाएगा
बिना लक्षण वाले और कम प्रभावित मरीजों को कोविड सेंटरों और होम क्वारेंटाइन में रखा जाएगा। दूसरे और तीसरी श्रेणी की सुविधाओं वाले बेड्स ऐसे मरीजों के इलाज के लिए नहीं इस्तेमाल किए जाएंगे। वहीं दूसरे और तीसरी श्रेणी की सुविधा वाले बेड्स पर उपचार करवा रहे व्यक्ति को अगर इसकी जरूरत नहीं है तो उसे निचली श्रेणी के बेड पर रेफर कर दिया जाएगा।