नई दिल्ली. बिजली कंपनियों (Power Companies) की अक्षमता का बोझ अब ग्राहकों को नहीं उठाना पड़ेगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कोविड-19 आर्थिक पैकेज (Economic Package 2.0) के चौथे हिस्से के ऐलान के दौरान टैरिफ पॉलिसी (Tariff Policy) में बदलाव करने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों को पर्याप्त बिजली मुहैया करानी होगी. अगर लोड शेडिंग की समस्या आती है इसके लिए उन पर पेनल्टी लगाई जाएगी. साथ ही केंद्र शसित प्रदेशों में नई टैरिफ पॉलिसी के तहत पावर डिस्ट्रीब्यूशन किया जाएगा.
टैरिफ पॉलिसी के तहत प्राइवेटाइजेशन
वित्त मंत्री ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘टैरिफ पॉलिसी के आधार पर बिजली उद्योग में प्राइवेटाइजेशन किया जाएगा. इसे जल्द ही पूरा किया जाएगा. बिजली कंपनियों की अक्षमताओं का बोझ अब ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा. लोड शेडिंग जैसी कोई समस्या आती है तो इसके लिए कंपनियों पर पेनल्टी लगाई जाएगी.’
उन्होंने आगे कहा, ‘बिजली कंपनियों की पर्याप्त आउटपुट को और भी बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएगा. यह कहने की बात नहीं है कि इससे क्षमता में विस्तार होगा. सर्विस क्वालिटी पर बेहतर असर देखने को मिलेगा.’ वित्त मंत्री ने बताया कि पावर सेक्टर में डायरेक्ट ट्रांसफर के तहत ही सब्सिडी मुहैया कराई जाएगी. साथ ही, स्मार्ट प्रीपेड मीटर्स को भी बढ़ावा दिया जाएगा.
बता दें कि पिछले सप्ताह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था को होने वाले आर्थिक नुकसान के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था. इसके बाद बीते 4 दिन से वित्त मंत्री इस पूरे राहत पैकेज के बारे में लगातार विस्तार से जानकारी दे रही हैं. आज उन्होंने 8 सेक्टर्स के लिए कई ऐलान किया है. इसमें डिफेंस, कोल, बिजली कंपनियां, एविएशन सेक्टर आदि के बारे में बताया.
आज के ऐलान में सबसे बड़ा फैसला डिफेंस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को 25 फीसदी और बढ़ाने का था. साथ ही, अब कोल माइनिंग में प्राइवेट कंपनियां भी भाग ले सकेंगी.