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कोरोना से क्रिकेट को आर्थिक नुकसान / दर्शकों के नहीं होने से खेलों में रोमांच नहीं रहा, वायरस के बीच 16 टीमों के साथ टी-20 वर्ल्ड कप होना भी बेहद मुश्किल

इस साल टी-20 वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया में 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक होना है बीसीसीआई को 4000 करोड़ रु. और ऑस्ट्रेलिया को 910 करोड़ रु. के नुकसान की आशंका

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  • साउथैम्पटन में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच 8 जुलाई से टेस्ट खेला जा रहा है। यह मैच बगैर दर्शकों के हो रहा है। इस टेस्ट के साथ तीन महीने बाद इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी हुई।साउथैम्पटन में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच 8 जुलाई से टेस्ट खेला जा रहा है। यह मैच बगैर दर्शकों के हो रहा है। इस टेस्ट के साथ तीन महीने बाद इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी हुई।

कोरोनावायरस का खेलों पर भी गहरा असर पड़ा है। मैदान सूने हो गए हैं। खेल नहीं हैं तो दर्शक भी नहीं हैं और दर्शकों के न होने से खेलों का रोमांच भी नहीं रहा है। क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं रहा है। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप स्थगित कर दी गई है। अब नजर टी-20 वर्ल्ड कप पर है। यह इसी साल अक्टूबर से नवंबर के बीच ऑस्ट्रेलिया में होना है। लेकिन जिस तरह से दुनियाभर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, इस पर भी सवालिया निशान लग गया है।

दो टीमों के बीच सीमित संख्या में मुकाबले अलग बात है, जैसा कि इंग्लैंड-वेस्टइंडीज सीरीज के साथ है। लेकिन कई सारे अलग-अलग वेन्यूज पर 16 टीमों, उनके खिलाड़ियों और सपोर्टिंग स्टाफ के साथ किसी टूर्नामेंट का आयोजन बड़ा जोखिम भरा काम हो सकता है। इसलिए इसकी संभावना भी बहुत कम नजर आ रही है। पुराने शेड्यूल के अनुसार तो इस टूर्नामेंट के तुरंत बाद भारत को ऑस्ट्रेलिया में ही रुककर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों और तीन वन डे मैचों की शृंखला भी खेलनी है। लेकिन अगर विश्व कप निरस्त होता है या आगे बढ़ता है तो जाहिर सी बात है उसके बाद की शृंखला पर भी इसका असर होना तय है।

किस तरह होगा नुकसान?

  • अगर ऑस्ट्रेलिया में टी-20 वर्ल्ड कप और भारत के साथ होने वाली सीरिज नहीं होती है तो उससे अकेले ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड को ही 17.4 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (करीब 910 करोड़ रुपए) का नुकसान होना तय है। यह तो वह पैसा है जो ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड को मिलना था। जब भी कोई बड़ा आयोजन होता है तो उसके जुड़ी कई आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है। इससे ऑस्ट्रेलिया वंचित हो सकता है।
  • बीसीसीआई की आर्थिक ताकत का सबसे बड़ा स्रोत आईपीएल रहा है। अगर इस साल आईपीएल नहीं हुआ तो बीसीसीआई भी आर्थिक तंगहाली में फंस जाएगा जिसकी आंच दुनियाभर के क्रिकेट खेलने वाले देशों तक पहुंचेगी। क्रिकबज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार आईपीएल नहीं होने पर बीसीसीआई को सीधे-सीधे 4000 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है।

घरेलू क्रिकेट के लिए भी चुनौती
बीसीसीआई और आईपीएल फ्रेंचाइजी अपने खिलाड़ी की वार्षिक फीस का 20 फीसदी उस घरेलू क्रिकेट एसोसिएशन को देता है जिसका वह प्रतिनिधित्व करता है। अकेले आईपीएल के कारण ही खेलों की अर्थव्यवस्था में हर साल 1100 करोड़ रुपए आते हैं। यह बहुत बड़ी रकम है जिससे देश में क्रिकेट संगठनों, खिलाड़ियों और आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने में बड़ी मदद मिलती है। लेकिन कोरोना ने सबकुछ तहस-नहस कर दिया है।

कमाई बढ़ाने की पहल भी
सभी क्रिकेट बोर्ड्स की कमाई का एक बड़ा स्रोत प्रायोजक होते हैं। क्रिकेट बोर्ड्स की कुछ कमाई बढ़ सके, इसके लिए इंटरेनशनल क्रिकेट काउंसिल (अाईसीसी) ने नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है। अब तक टेस्ट मैच में किसी भी खिलाड़ी की टी-शर्ट और स्वेटर के सामने वाले हिस्से पर लोगो लगाने की अनुमति नहीं होती थी। लेकिन अब आईसीसी ने अगले एक साल तक टेस्ट मैचों में भी सीने पर लोगो लगाने की अनुमति दे दी है।

क्रिकेट और पैसा

  • 2100 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला था 2019 के आईपीएल मैचों के टीवी पर प्रसारण से स्टार इंडिया को
  • 448 करोड़ रुपए की स्पान्सर फीस है वर्ष 2017 से 2022 तक के पांच साल के टूर्नामेंट के दौरान। इसका स्पान्सर वीवो है
  • 51160 करोड़ रुपए आंकी गई थी आईपीएल टूर्नामेंट की ब्रांड वैल्यू 2019 के सीजन के दौरान डफ एंड फेल्प्स फर्म के द्वारा

बायो-सिक्योर क्रिकेट!
क्रिकेट ने कई नए शब्द और उनके विशेष अर्थ दिए है। कोरोना काल में क्रिकेट एक नए शब्द को लोकप्रिय बना रहा है और यह शब्द है- बायो-सिक्योर। यह शब्दावली इंग्लिश एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने दी है। जैसा कि नाम से साफ है, इसमें क्रिकेट सुरक्षित माहौल में खेला जाएगा। यह शब्दावली इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली जा रही सीरीज में इस्तेमाल की गई है। इस सीरीज को बायोसेक्योर बनाने के लिए खिलाड़ियों के मूवमेंट को न्यूनतम रखा गया है। टेस्ट मैच उन स्टेडियमों पर रखे गए हैं, जहां स्टेडियम के साथ ही होटल सुविधाएं भी हैं। इससे खिलाड़ी और सपोर्टिंग स्टाफ बसों के रोजाना के सफर और अनावश्यक थकान से बचेंगे।

गेम चेंजिंग बदलाव!
आईसीसी ने कोरोना काल में घरेलू अम्पायर ही रखने, अतिरिक्त डीआरएस रिव्यू लेने की अनुमति देने सहित कई बदलाव किए हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि गेंदबाज गेंद चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। हालांकि वेस्टइंडीज के अपने जमाने के तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने लार लगाने को प्रतिबंधित करके गेंदबाजों के खास हथियार को कुंद करने पर कड़ी आपत्ति जताई है।

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