गलवान घाटी में अब बेहतर हो रहे हालात / गलवान में टकराव वाले पॉइंट-15 से भारत और चीन की सेनाएं पीछे हटीं, गोगरा और हॉट स्प्रिंग में प्रोसेस जारी
गलवान घाटी में 15 जून की रात को भारत और चीन के सैनिकों के बीच पेट्रोलिंग पॉइंट 15 पर झड़प हुई थी बातचीत के बाद मंगलवार से दोनों सेनाओं ने गलवान, हॉट स्प्रिंग और गोगरा इलाके से पीछे हटना शुरू कर दिया था
नई दिल्ली. गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़प के 23 दिन बाद अब यहां हालात ठीक हो रहे हैं। सेना ने बुधवार को बताया, ‘पेट्रोलिंग पॉइंट 15 से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई हैं। चीन की सेना करीब दो किमी पीछे हटी है।’ उधर, हॉट स्प्रिंग और गोगरा इलाके में भी सेनाएं पीछे हट रही हैं और यह प्रक्रिया कुछ दिनों में पूरी हो जाएगी।
ऐसा बताया गया था कि चीन ने इन पॉइंट्स पर रविवार से अपने ढांचे गिराने भी शुरू कर दिए थे। तनाव कम करने पर जो सहमति बनी थी, उसके मुताबिक दोनों सेनाएं टकराव वाले पॉइंट्स से एक से डेढ़ किलोमीटर पीछे हटेंगी।
गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के बीच सेना के अफसरों के बीच कई दौर की बात हुई, लेकिन सहमति नहीं बन आई। इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की चीन के विदेश मंत्री मंत्री वांग यी से वीडियो कॉल पर दो घंटे चर्चा की। बातचीत के कुछ ही घंटे बाद चीन ने सेना वापस बुलाने का फैसला लिया।
इन 5 पॉइंट्स पर सहमति
- भारत और चीन के बीच पॉइंट पीपी-14, पीपी-15, हॉट स्प्रिंग्स और फिंगर एरिया में भी विवाद है। इन इलाकों से भी सैनिक पीछे हटने शुरू हो गए हैं।
- बॉर्डर पर शांति रखने और रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों को आपस में तालमेल रखना चाहिए। अगर विचार मेल नहीं खाएं तो विवाद खड़ा नहीं करना चाहिए।
- एलएसी पर सेना हटाने और डी-एस्केलेशन की प्रोसेस जल्द से जल्द पूरी की जाए। यह काम फेज वाइज किया जाए।
- दोनों देश एलएसी का सम्मान करें और एकतरफा कदम नहीं उठाएं। भविष्य में सीमा पर माहौल बिगाड़ने वाली घटनाएं रोकने के लिए मिलकर काम करें।
- एनएसए डोभाल और चीन के विदेश मंत्री आगे भी बातचीत जारी रखेंगे, ताकि दोनों देशों के समझौतों के मुताबिक सीमा पर शांति रहे और प्रोटोकॉल बना रहे।
भारत-चीन के बीच 15 जून को गलवान में हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 40 सैनिक मारे गए, लेकिन उसने यह कबूला नहीं।