कोरोना कैसे फैला / डब्ल्यूएचओ की टीम अगले हफ्ते तफ्तीश के लिए चीन जाएगी, यह भी दावा कि संक्रमण की पहली जानकारी हमने ही दी थी
डब्ल्यूएचओ का दावा है कि उसने 31 दिसंबर को चीन के वुहान में फैले वायरल निमोनिया के बारे में सूचना दी थी। राष्ट्रपति ट्रम्प का आरोप था- डब्ल्यूएचओ समय पर कोरोनावायरस की जरूरी जानकारी देने में नाकाम रहा ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ पर चीन के प्रति नरमी बरतने का भी आरोप लगाया था, डब्ल्यूएचओ ने आरोप खारिज किए
जेनेवा. दुनिया में कोरोनावायरस के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह बीमारी चीन के वुहान से दिसंबर में फैलना शुरू हुई थी। चीन पर इसकी जानकारी समय पर न देने का आरोप है, जिसकी वजह से इसके मामले सिर्फ 2 महीने में दुनियाभर में फैल गए। यह बीमारी कैसे फैली, अब यह पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम अगले हफ्ते चीन जाएगी। संगठन ने यह भी दावा किया है कि इस बीमारी के बारे में पहली जानकारी उसने ही दी थी, न कि चीन ने।
चीन में स्थानीय डब्ल्यूएचओ ऑफिस वायरल निमोनिया के मामलों पर वुहान म्युनिसिपल हेल्थ कमीशन का बयान लेगा, इसके बाद यह जांच 6 महीने से अधिक समय तक चलेगी।
ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ पर आरोप लगाया था
डब्ल्यूएचओ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आरोपों को भी खारिज किया। ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ पर महामारी रोकने के लिए जरूरी जानकारी देने में नाकाम रहने और चीन के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया था। ट्रम्प चीन पर कोरोनावायरस फैलाने का आरोप लगा चुके हैं।
डब्ल्यूएचओ ने 9 अप्रैल को जानकारी दी थी
महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ ने शुरुआती टाइमलाइन 9 अप्रैल को जारी की थी। इसमें उसने सिर्फ इतना कहा था कि हुबेई प्रांत के वुहान शहर के स्वास्थ्य आयोग ने 31 दिसंबर को निमोनिया के मामलों की जानकारी दी थी। हालांकि, इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि जानकारी किसी चीनी अधिकारी ने दी या कहीं और से पता चली।
31 दिसंबर को वायरल निमोनिया की जानकारी दी थी
डब्ल्यूएचओ के निदेशक टेड्रॉस ऐडहॉनम गेब्रिएसस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि चीन से पहली रिपोर्ट 20 अप्रैल को आई थी। उन्होंने कहा कि इसमें इस बात का जिक्र भी नहीं था कि यह रिपोर्ट चीन के अधिकारियों ने भेजी है या किसी अन्य स्रोतों की ओर से, लेकिन डब्ल्यूएचओ ने इस हफ्ते एक नई क्रोनोलॉजी जारी की है, जिसमें इन घटनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें यह संकेत दिया गया है कि चीन में स्थित डब्ल्यूएचओ के कार्यालय ने 31 दिसंबर को ‘वायरल निमोनिया’ के बारे में सूचना दी थी।