Newsportal

आमजन पर असर / देश में सबसे महंगा पेट्राेल रु. 91.24 श्रीगंगानगर में; 22 दिन में प्रति लीटर 9.74 बढ़ा तो डीजल में 10.79 रु. की वृद्धि, महंगाई बढ़ेगी

डीजल भी 84.62 रुपए प्रति लीटर पहुंचा, खेतों में बुवाई की लागत बढ़ी, ट्रक चालक भी अब भाड़ा बढ़ाने की तैयारी में लोगों में फिर बढ़ा पेट्रोल की कारों के प्रति बढ़ा रुझान, वैकल्पिक जरूरत के लिए डीजल से चलने वाले संसाधनों पर खासा असर

0 228

श्रीगंगानगर. देश में सबसे महंगा पेट्राेल श्रीगंगानगर में बिक रहा है। शनिवार काे राज्य के 33 जिलाें में से श्रीगंगानगर में पेट्राेल के दाम 91.24 और डीजल 84.62 रुपए रुपए प्रति लीटर बिका। 22 दिन में पेट्राेल में 9.64 और डीजल में 10.79 रुपए तक की वृद्धि हाे चुकी है।सूत्राें के अनुसार तेल विपणन कंपनियां देशभर में पेट्राेल और डीजल के दाम में संशाेधन करती हैं लेकिन अलग-अलग राज्याें में स्थानीय कर या वैट की वजह से खुदरा कीमताें में अलग-अलग बदलाव देखने काे मिलता है। पेट्राेल की कीमत के रूप में चुकाई जाने वाली राशि में से लगभग दाे तिहाई हिस्सा कर के रूप में जाता है। राजस्थान पेट्राेलियम डीलर एसाेसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई बताते हैं कि एेसा पहल माैका है जब देशभर के मुकाबले में श्रीगंगानगर में सबसे महंगा पेट्राेल बिक रहा है।

सबसे ज्यादा असर ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर, कृषि व फैक्ट्रियां भी हो रहे प्रभावित
डीजल बढ़ने का त्वरित असर ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर पड़ता है। ट्रकों के भाड़े और ट्रेनों के माल भाड़े बढ़ते जाएंगे। इससे अनाज-सब्जियों जैसे आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति महंगी हो जाएगी और इनकी कीमतें बढ़ेंगी। बस और रेल भाड़ा बढ़ सकता है। निजी वाहनाें से आवागमन महंगा हाे जाएगा। देश में बड़े पैमाने पर सिंचाई, थ्रेसरिंग जैसे कृषि कार्य डीजल इंजनों से ही होते हैं। ट्रैक्टर भी डीजल से चलते हैं। ऐसे में कृषि की लागत बढ़ना तय है।

से चलते हैं। ऐसे में कृषि की लागत बढ़ना तय है।

अब डीजल नहीं विकल्प, लोगों में फिर पेट्रोल की कारों के प्रति बढ़ा रुझान
डीजल की बढ़ती कीमतों से डीजल कारों की बिक्री पर असर पड़ रहा है। कुछ साल पहले डीजल कार बेहतर व विकल्प मानी जा रही थी, लेकिन अब डीजल-पेट्रोल की कीमत बराबर होने से लोग डीजल कार खरीदने से झिझक रहे हैं। वर्तमान समय में कारखानों, कॉरपोरेट सेक्टर में बिजली की वैकल्पिक जरूरत के लिए डीजल से चलने वाले जनरेटर सेट उपयाेग किए जा रहे हैं। ऐसे में उत्पादाें का लागत मूल्य बढ़ना स्वाभाविक है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.