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अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसियों का दावा / गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमले का आदेश चीन के जनरल ने दिया था; डोकलाम में भी यही अफसर तनाव के लिए जिम्मेदार था

अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनरल झाओ जोंग्की ने भारतीय सैनिकों पर हमले का आदेश दिया था डोकलाम विवाद के वक्त भी झाओ ही कमांडर था, वो चीनी सेना का काफी सीनियर कमांडर है, एक प्राईवेट जियो इंटेलिजेंस फर्म हॉकआई 360 के मुताबिक, चीन मई के आखिर से ही लद्दाख में सैनिकों की तादाद बढ़ाने लगा था। उसने यहां काफी हथियार भी जमा किए थे।

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  • 17 जून को कश्मीर के गांदरबल से लद्दाख रवाना होते भारतीय सैनिक। एक प्राईवेट जियो इंटेलिजेंस फर्म हॉकआई 360 के मुताबिक, चीन मई के आखिर से ही लद्दाख में सैनिकों की तादाद बढ़ाने लगा था। उसने यहां काफी हथियार भी जमा किए थे।17 जून को कश्मीर के गांदरबल से लद्दाख रवाना होते भारतीय सैनिक। एक प्राईवेट जियो इंटेलिजेंस फर्म हॉकआई 360 के मुताबिक, चीन मई के आखिर से ही लद्दाख में सैनिकों की तादाद बढ़ाने लगा था। 

वॉशिंगटन. 15 जून को गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों की हिंसक झड़प पर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने नया खुलासा किया। यूएस इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन कमांडर जनरल झाओ जोंग्की ने अपने सैनिकों को भारतीय जवानों पर हमले का आदेश दिया था। खास बात ये है कि झाओ ही 2017 में डोकलाम विवाद के वक्त भी चीनी सेना का कमांडर था।
15 जून को हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन के भी एक कर्नल समेत 43 सैनिक मारे गए थे।

वेस्टर्न थिएटर कमांड का जनरल है झाओ
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- जनरल झाओ चीनी सेना की वेस्टर्न थिएटर कमांड को लीड करता है। वो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए या चीनी सेना) के सबसे सीनियर कमांडर्स में से एक है। इस कमांडर का मानना है कि चीन को अमेरिका और भारत के रिश्तों की वजह से दबाव में आने की जरूरत नहीं है। वो भारत को सबक सिखाना चाहता था। हालांकि, इस बार झाओ का दांव उल्टा पड़ गया। झाओ ने 2016 में तब के आर्मी चीफ दलबीर सिंह सुहाग से भी मुलाकात की थी।

भारत को चेतावनी देना चाहता था चीन
रिपोर्ट के मुताबिक- चीन की मंशा भारत को अपनी ताकत का अहसास कराने की थी। लेकिन, मामला हाथ से निकल गया और हिंसक झड़प हो गई। अब भारत में चीन के खिलाफ गुस्सा है। भविष्य में दोनों देशों के बीच बातचीत पहले जैसी आसान नहीं रहेगी। अमेरिका और भारत अब और ज्यादा करीब आएंगे। अमेरिका ने कई महीनों पहले भारत को चेताया था कि वो 5जी नेटवर्क तैयार करने में चीन की कंपनी हुबेई की मदद न ले। 15 जून की घटना के बाद भारतीय टिकटॉक जैसे ऐप हटा रहे हैं। चीनी हैंडसेट के इस्तेमाल से बच रहे हैं।

उल्टी पड़ गई चाल
एक सूत्र के मुताबिक, “चीन जो चाहता था, वैसा नहीं हुआ और दांव उल्टा पड़ गया। यह चीन की सेना की भी जीत नहीं है।” रिपोर्ट में कहा गया है- ये दावा तो नहीं किया जा सकता कि राष्ट्रपति इस मामले में किस हद तक शामिल हैं। लेकिन, इतना तय है कि उन्हें चीनी सेना को दिए आदेश की जानकारी जरूर रही होगी। प्राईवेट जियो इंटेलिजेंस फर्म हॉकआई 360 ने मई के आखिर में बताया था चीन लद्दाख में सैनिक और हथियाााा♣

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