बठिंडा की शान GNDTP थर्मल होगा नीलाम, सरकार ने लगाईं मुहर; पुनःविकास के नाम पर पूडा काटेगा प्लाट, 2000 करोड़ अर्जित करने की प्लानिंग मिटेगी झीलें, टूटेगी चिमनियां,
पंजाब की कैप्टन सरकार की नजरे अब बठिंडा की जमीनों पड़ चुकी है जिससे 2000 करोड़ रुपए से अधिक एकत्रित करने में सरकार अब थर्मल प्लांट को भी दांव पर लगाने का फैसला कर चुकी है और इसके चलते थर्मल की 1764 एकड़ भूमि बेचने के लिए सरकार ने सोमवार को कैबिनेट के फैसले के बाद मुहर लगा दी। मुख्य मंत्री के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। इस फैसले से झीलों के शहर से मशहूर बठिंडा में झीलों का अस्तितव खत्म हो जाएगा और गुरू नानक देव थर्मल प्लांट की चिमनियों को भी खत्म कर दिया जाएगा। इसके तहत
पंजाब कैबिनेट ने सोमवार को बठिंडा के बंद गुरु नानक देव थर्मल पावर प्लांट की 1764 एकड़ जमीन के पुनर्विकास के लिए मंजूरी दे दी। इसका अधिग्रहण पंजाब शहरी विकास प्राधिकरण (पूडा) द्वारा किया जाएगा। इसका अधिग्रहण आवास और शहरी विकास विभाग के तहत किया जाएगा।
यह भूमि अब तक पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) की थी। यह 80:20 राजस्व साझाकरण योजना के माध्यम से विकसित की जाएगी। पंजाब कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई। कैबिनेट ने पुडा को इस भूमि को विकसित करने और साइट को बेचने के लिए राज्य सरकार की गारंट पर 100 करोड़ रुपये का ऋण लेने की मंजूरी भी दी। इससे वह इस क्षेत्र को विकसित की प्लाट आदि बेच सकेगा।
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल दिल खोलकर बठिंडा में विकास के लिए फंड मुहैया करवा रहे है जबकि लोगों का कहना है कि 50 करोड़ रुपए देकर 2000 करोड़ रुपए अर्जित करने पर सरकार की मोहर लग चुकी है। ऐसे में थर्मल प्लांट की बेहद कीमती जमीन बेचने का रास्ता साफ हो गया जबकि 13 फरवरी में चुपचाप यह जमीन पुड्डा को तबदील कर दी गई थी। 1970 के दशक में बने थर्मल प्लांट की निशानी अब थर्मल की राख में ही मिल जाएगी।
पुड्डा के साथ हुए करार में 80 प्रतिशत जमीन में पॉवरकाम की हिस्सेदारी होगी जबकि 20 प्रतिशत का लाभ पुड्डा को मिलेगा। पुड्डा इस जमीन पर इंडस्ट्रीयल पार्क बनाएंगी ओर इसे कर्मशीयल दरों पर बेचा जाएगा। इसमें 220 एकड़ रेलवे और 250 एकड़ थर्मल क्षेत्र की जमीन है। 850 एकड़ जमीन में राख डम्प है जब कि 280 एकड़ क्षेत्रफल में थर्मल कालोनी है। इस के अलावा 164 एकड़ क्षेत्रफल पर 3 झीलें बनी हुई है जिनमें लोग बोटिंग का आनंद भी लेते है।
पहले चरण में 250 एकड़ होगी विकसित पुड्डा
– पुड्डा की तरफ से प्राथमिक पड़ाव पर 250 एकड़ क्षेत्रफल को विकसित किया जाना है जिस के लिए 100 करोड़ रुपए की जरूरत है। पुड्डा ने 100 करोड़ रुपए का लोन लेने का फैसला किया है जिस पर गारंटी पंजाब सरकार की तरफ से डाली जाएगी। चार वर्ष में यह लोन वापिस करना होगा। पुड्डा अधिकारी कहते हैं कि उन के पास करीब 3400 करोड़ की विक्री वाली जायदादें हैं परंतु मंदा होने के कारण अभी बिक नहीं रही हैं। गौर हो कि पंजाब सरकार ने साल 1968.69 में थर्मल के लिए गांव सिविया, जोगानन्द, कोठे कामेके, कोठे सुच्चा सिंह आदि गांव की जमीन एक्वायर की थी। किसानों को प्रति एकड 10 हजार रुपए मुआवजा दिया गया था। अब इन किसान परिवार के वारिस कहते हैं कि अगर थर्मल नहीं चलाना तो जमीनें वापिस की जाएं। नौजवान नेता रजिन्दर सीवियां ने कहा कि ग्रामीण लोगों ने जनतक प्रोजैक्ट के लिए जमीनें दीं थीं, न कि कालोनियां काट कर बेचने के लिए।
सोलर प्लांट की योजना भी गई खटाई में
– पावरकॉम ने थर्मल की जगह पर सोलर प्रोजैक्ट की भी बनाई थी योजना। उस के बाद में पराली पर एक यूनिट चलाए जाने की बात भी चली थी। सरकार ने किसी की नहीं चलने दी। बठिंडा प्रशासन की तरफ से सिविल लाईन एरिया में पड़ती सरकारी कोठियां को खाली करके अधिकारी थर्मल कालोनी में शिफ्ट किये जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि सिविल लाईन एरिया के बड़े क्षेत्रफल का भी सरकार मूल्य वसूलना चाहती है जिससे खजाना भरा जा सके। गुरू नानक देव थर्मल पलांट इम्पलायज फेडरेशन के प्रधान गुरसेवक सिंह संधू का कहना हैं कि थर्मल केवल औद्योगिक प्रोजैक्ट नहीं थी बल्कि बठिंडा की विरासत है जिस को मिटाने के रास्ते सरकार पड़ गई है।
थर्मल कालोनी होगी पुलिस कालोनी में तब्दील
गुरूनानक देव थर्मल प्लांट की सरकारी कालोनी के क्वार्टर कोठियों को पुलिस कालोनी में कनवर्ट करने का सिलसिला शुरू हो गया है। यहां 1700 छोटे बड़े मकान है। पीएसईबी इंजीनियरिंग एसोसिएशन के जरनल सेक्रेटरी अजीतपाल सिंह अटवाल कहते हैं कि ब्लाक ए के 61मकानों में उनके विभाग के अधिकारी रह रहे हैं। अगर इन्हें कहीं अलग शिफ्ट किया जाता है तो यह गलत होगा। डीसी बी श्रीनिवासन इस बाबत एक बैठक भी कर चुके हैं।
फोो
बठिंडा थर्मल प्लांट का विहंगम दृश्य। बठिंडा की पहचान गुरुनानक देव थर्मल प्लांट और इसकी झीलों से रही है।
ना झीलें मिटने देंगे, ना चिमनियां टूटने देंगे: सरूप सिंगला
सरकार बठिंडा के रुप को नहीं बिगाड़ सकती
बठिंडा: अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीपीएस सरूप सिंगला ने बठिंडा थर्मल प्लांट बेचने को वित्त मंत्री मनप्रीत बादल की नालायकी बताया है।
सिंगला ने कहा कि वह
ना झीलें मिटने देंगे, ना चिमनियां टूटने देंगे। चाहे जो भी कीमत देनी पड़े वह लड़ेंगे।
सरकार बठिंडा के रुप को नहीं बिगाड़ सकती! सिंगला ने कहा कि चुनाव प्रचार दौरान मनप्रीत बादल थर्मल की चिमनियों से धुआं बंद देख बेहद भावुक दिखते थे। उन्होंने वायदा किया था कि इस थर्मल प्लांट को वह चालू करा के रहेंगें, लेकिन उन्होंने जीतने के बाद रंग बदल लिया। सिंगला ने कहा कि बादल सरकार ने थर्मल प्लांट का रैनोवेशन कराया था। पर कांग्रेस सरकार ने भट्ठा बैठा दिया। उन्होंने कहा कि उक्त प्लांट सरकार को दोबारा चालू करना चाहिए। यह बठिंडा का गर्व है। मान है। शान है।
फोटो सरूप सिंगला पूर्व सीपीएस