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कोरोना पर सरकार / मोदी ने कहा- इतनी आबादी के बावजूद भारत में कोरोना उतना नुकसान नहीं कर पाया, जितनी आफत विदेशों में आई; इसकी वजह लॉकडाउन और अनुशासन

देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3.43 लाख के पार, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा केस केंद्र और राज्य सरकारों के सामने संक्रमण रोकने और इकोनॉमी को संभालने के चैलेंज

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 21 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना के हालात पर चर्चा कर रहे हैं। अपने 15 मिनट के ओपनिंग कमेंट्स में मोदी ने कोरोना से लड़ाई में सरकार के कदम, राज्यों के सहयोग, कोरोना के बचाव के तरीकों, लॉकडाउन के असर, अनलॉक-1, इकोनॉमी और आर्थिक सुधारों की बात की।

मोदी ने कहा कि हमारी इतनी जनसंख्या होने के बावजूद भारत में कोरोना उतना विनाश नहीं दिखा पाया, जितनी दुनिया के और देशों में आफत आई। दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट लॉकडाउन और भारत के अनुशासन की चर्चा कर रहे हैं। भारत में रिकवरी रेट 50% से ऊपर चला गया है। भारत दुनिया के उन देशों में अग्रणी है, जहां संक्रमितों का जीवन बच रहा है।

मोदी के भाषण के 6 मुख्य प्वॉइंट

भारत में दुनिया में सबसे कम मौतें
हमारे लिए किसी एक भारतीय की मृत्यु भी असहज करने वाली है। भारत दुनिया के उन देशों में है जहां कोरोना से सबसे कम मौतें हो रही हैं। भारत कोरोना के इस संकट में अपने नुकसान को सीमित करते हुए आगे बढ़ सकता है। अर्थव्यवस्था को तेजी से संभाल सकता है। 2 हफ्ते के अनलॉक-1 में बड़ा सबक ये दिया है कि हम नियमों का पालन करते रहे तो कोरोना संकट से भारत को कम से कम नुकसान होगा।

सुरक्षा रखेंगे तो सुरक्षित रहेंगे
मास्क या फेस कवर पर बहुत ज्यादा जोर देना जरूरी है। बिना मास्क घर से बाहर निकलने की कल्पना करना भी अभी सही नहीं है। ये जितना खुद के लिए खतरनाक है उतना ही उसके आस-पास के लोगों के लिए। इसलिए दो गज की दूरी की बात हो, हाथ धोने की बात हो, सैनिटाइजर की बात हो, ये सभी गंभीरता से किए जाने चाहिए। घर से बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए ये बहुत जरूरी है।

लापरवाही लड़ाई को कमजोर करेगी
अब तक लगभग सभी ऑफिस खुल चुके हैं। प्राइवेट ऑफिस भी खुल चुके हैं। थोड़ी सी भी लापरवाही, अनुशासन में कमी कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करेगा और इतने दिन की तपस्या पर पानी फिर जाएगा। हमें इस बात का ध्यान रखना है कि कोरोना को जितना रोक पाएंगे उतना ही हमारी अर्थव्यवस्था खुलेगी, दफ्तर खुलेंगे, ट्रांसपोर्ट के साधन खुलेंगे और उतने ही रोजगार के साधन बढ़ेंगे।

अर्थव्यवस्था पटरी पर आनी शुरू
आने वाले दिनों में जिस तरह से इकोनॉमी का विस्तार होगा, उससे दूसरे राज्यों को भी फायदा होगा। हमारी अर्थव्यवस्था में ग्रीन शूट दिखने लगे हैं। पावर कंजम्प्शन बढ़ने लगा है। मई में फर्टिलाइजर की सेल दोगुनी हुई है। खरीफ की बुवाई इस साल 12-13% ज्यादा हुआ है। वाहनों का प्रोडक्शन लॉकडाउन से पहले के 70% के लेवल पर पहुंच चुका है। लगातार तीन महीने में एक्सपोर्ट में कमी के बाद जून में फिर से बढ़कर पिछले साल के प्री-कोविड के स्तर पर पहुंच गया है। ये सभी हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

छोटे उद्योगों को सपोर्ट कर रहे
सभी राज्यों में फिशरीज, एमएसएमई का हिस्सा बहुत बड़ा है। इन्हें सपोर्ट करने के लिए अनेक फैसले हाल में लिए गए हैं। एमएसएमई को बैंक से क्रेडिट दिलाने का प्रयास हो रहा है। 100 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले कारोबारों को 20% अतिरिक्त क्रेडिट का लाभ दिया गया है। ट्रेड और इंडस्ट्री अपनी पुरानी रफ्तार पकड़ सके, इसके लिए वैल्यू चेन पर भी मिलकर काम करना होगा। राज्यों में जहां भी स्पेसिफिक बिजनेस पॉइंट है, वहां 24 घंटे काम हो। स्थानीय स्तर पर किसी तरह की दिक्कत न हो तो इकोनोमिक एक्टिविटी और तेजी से बढ़ेगी।

रिफॉर्म्स से किसानों को फायदा होगा
जब किसान की आय बढ़ेती तो निश्चित रूप से डिमांड भी बढ़ेगी। विशेष तौर पर नॉर्थ ईस्ट और आदिवासी इलाकों में फार्मिंग और हॉर्टीकल्चर को लेकर नए अवसर आने वाले हैं। लोकल प्रोडक्ट के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड रणनीति की घोषणा की गई है उसका लाभ हर प्रदेश को होगा।

आज की मीटिंग में ये 21 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश शामिल

पंजाब असम केरल
उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़
त्रिपुरा हिमाचल प्रदेश चंडीगढ़
गोवा मणिपुर नागालैंड
लद्दाख पुडुचेरी अरुणाचल प्रदेश
मेघालय मिजोरम अंडमान-निकोबार
दादर नागर हवेली-दमन दीव सिक्किम लक्षदीप

राज्यों के साथ 3 महीने में छठी मीटिंग
कोरोना संकट पर मोदी मार्च से लगातार राज्यों से चर्चा कर रहे हैं। आज छठी बैठक है।

पिछली 5 मीटिंग कब-कब हुईं, तब क्या स्थिति थी?

मीटिंग की तारीख क्या चर्चा हुई कोरोना के केस कोरोना से मौतें
20 मार्च मोदी ने सोशल डिस्टेंसिंग और 22 मार्च के जनता कर्फ्यू पर फोकस किया। 249 5
2 अप्रैल 9 मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा हुई। मोदी ने कहा- लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे छूट देना ही बेहतर होगा। 2,543 72
11 अप्रैल लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ाने पर सहमति बनी। मीटिंग में शामिल 10 मुख्यमंत्रियों ने समर्थन किया। 8,446 288
27 अप्रैल हॉटस्पॉट के बाहर 4 मई को लॉकडाउन खोलने पर सहमति बनी। पांच राज्य 3 मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाने के फेवर में थे। 29,451 939
11 मई मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा- 15 मई तक बताएं कि अपने राज्य में कैसा लॉकडाउन चाहते हैं। 70,768 2,294

सबसे ज्यादा प्रभावित 15 राज्यों से कल बात होगी
मोदी लगातार दो दिन मुख्यमंत्रियों से चर्चा करेंगे। बुधवार को यानी कल महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पश्चिम बंगाल समेत 15 राज्यों से बात होगी। महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे ज्यादा 1 लाख 10 हजार 744 केस हैं। दिल्ली में भी केस तेजी से बढ़ रहे हैं।

अनलॉक-1 में इकोनॉमी का ज्यादातर हिस्सा शुरू हुआ
सरकार ने देश में एक जून से अनलॉक-1 की शुरुआत की थी। शर्तों के साथ पिछले हफ्ते होटल-रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल्स और धार्मिक स्थल भी खोल दिए गए। पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी शुरू हो गया है।

कोरोना से 9915 लोगों की मौत
केंद्र और राज्य सरकारों के सामने कोरोना संक्रमण पर ब्रेक लगाने और इकोनॉमी को रफ्तार देने की चुनौतियां हैं। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3.43 लाख से ज्यादा हो गई है। सोमवार को 10 हजार से ज्यादा नए केस आए, तो एक ही दिन में 10 हजार से ज्यादा मरीज ठीक भी हुए। कोरोना से अब तक 9 हजार 915 लोगों की मौत हो चुकी।

दिल्ली में केंद्र सरकार ने मोर्चा संभाला
दिल्ली में कोरोना मरीजों को सुविधाएं नहीं मिलने और लाशों को कचरे के ढेर में रखने की शिकायतें भी मिल रही थीं। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। उसके बाद केंद्र सरकार ने मोर्चा संभाल लिया है। दिल्ली के हालातों पर मोदी ने शनिवार को अपने मंत्रियों और सीनियर अफसरों से चर्चा की। अगले दिन गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ मीटिंग की। सोमवार को शाह ने ऑल पार्टी मीटिंग भी रखी।

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