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300 करोड़ रु का ड्रायफ्रूट कोल्ड स्टोरेज में, एक ट्रक स्टॉक करने के लिए 40 हजार रुपए किराया देना पड़ रहा है

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कटरा के रास्ते माता वैष्णोदेवी श्राइन जाते समय अक्सर यात्री वहां की दुकानों में रखे ड्राई फ्रूट्स की महक महसूस करते हैं। 18 मार्च के बाद से ये सभी रास्ते वीरान पड़े हैं। इसी दिन श्री वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने कोरोनावायरस के चलते एहतियातन तीर्थयात्रा बंद कर दी थी। यात्री कटरा नहीं जा रहे हैं। होटल बंद पड़े हैं, बस और रेलवे स्टेशन सूने हैं। और बाजार दोबारा गुलजार होने को मुंह ताके खड़े हैं।

यात्रियों की गैरमौजूदगी में मंदिर के पुजारी ही पूजा कर रहे हैं और सैटेलाइट टेलीविजन पर इसका सीधा प्रसारण किया जा रहा है। लॉकडाउन में ढील के बाद भी यहां सिर्फ जरूरी चीजों की ही दुकानें खुलीं हैं। ड्राई फ्रूट्स की दुकानें जो यहां की स्थानीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, अभी भी पूरी तरह से बंद हैं।

यहां400 से अधिक दुकानदार जो ड्राई फ्रूट्स और प्रसाद बेचने का काम करते हैं, उन्होंने अपना पूरा स्टॉक सड़ने से बचाने को जम्मू के कोल्ड स्टोर में रख दिया है।

कारण यह है कि 400 से अधिक दुकानदार जो ड्राई फ्रूट्स और प्रसाद बेचने का काम करते हैं, उन्होंने अपना पूरा स्टॉक सड़ने से बचाने को जम्मू के कोल्ड स्टोर में रख दिया है। गौरव खुजारिया, कटरा की सबसे बड़ी ड्राई फ्रूट्स शॉप के मालिक हैं। कहते हैं हमने अपने स्टॉक को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोर में रख दिया है। अगर कोल्ड स्टोर में नहीं रखते तो हमारा पूरा स्टॉक बर्बाद हो जाता। हम अपने स्टॉक को सड़ने के लिए बंद दुकान में नहीं छोड़ सकते थे।

खजूरिया कहते हैं, ‘पैसा कमाने की जगह हम स्टॉक को बचाने के लिए हर महीने उलटा पैसा दे रहे हैं।’ कहते हैं एक ट्रक स्टॉक को कोल्ड स्टोर में रखने के लिए 40 हजार रुपए देने पड़ रहे हैं। इसके अलावा 5 हजार रुपए एक ट्रक के ट्रांसपोर्टेशन के लग जाते हैं।

खजूरिया के मुताबिक कल क्या होगा कोई नहीं जानता। कह नहीं सकते कि आने वाले सीज़न में क्या होने वाला है। अगर सबकुछ ठीक भी रहता है और चीजें पटरी पर लौट आती हैं तो भी हमें अपने बिजनेस के लिए फ्रेश ड्राई फ्रूट का स्टॉक रखना होगा।

कटरा में कुछ बड़े व्यापारी फ्रैश स्टॉक खरीदने के लिए पैसा लगा सकते हैं, लेकिन ऐसे तमाम दुकानदार हैं जिनके लिए गुजर बसर मुश्किल है। लगभग 4 से 6 ट्रक ड्राई फ्रूट्स हर दुकानदार ने कोल्ड स्टोर में रखा हैं। एक ट्रक में 5 से 6 किलो के 500 बॉक्स भरे होते हैं।

लगभग 4 से 6 ट्रक ड्राई फ्रूट्स हर दुकानदार ने कोल्ड स्टोर में रखा हैं। एक ट्रक में 5 से 6 किलो के 500 बॉक्स भरे होते हैं।

कटरा में ड्राई फ्रूट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष, कुलदीप सदोत्रा कहते हैं, ‘हम कश्मीर से ड्राई फ्रूट्स का स्टॉक खरीदते हैं। पिछले साल अगस्त से ही उन्हें घाटा हो रहा है। इस सीजन में यात्रा धीरे-धीरे बढ़ रही थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण सब कुछ रुक गया है।

बड़ी संख्या में ऐसे छोटे दुकानदार हैं जो फ्रूट्स के पैकट भरने का काम करते हैं, बिक्री नहीं होने से उनके सामने संकट खड़ा हो गया है। उनके पास पैसे नहीं है कि वे अपने कर्मचारियों को सैलरी दे सकें।

सदोत्रा कहते हैं उन्होंने सभी व्यापारियों के लिए जीसी मुर्मू से मदद मांगी है। वह चाहते हैं कि कोरोना के कारण प्रभावित व्यापारियों के लिए एक आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाए। साथ ही बिजली बिल, जीएसटी और अन्य करों के भुगतान में छूट दी जाए। उनका कहना है कि लोन के लिमिट को हमारे पिछले जीएसटी रिटर्न के अनुपात में बढ़ाया जाना चाहिए। ढाबा मालिक, होटल व्यवसायी, ऑटो रिक्शा चालक, टूर ऑपरेटर, टैक्सी चालक, स्ट्रीट हॉकर सभी का व्यवसाय चौपट हो गया है। इन सभी को सरकार की मदद की जरूरत है।

जम्मू के विभिन्न कोल्ड स्टोरेज में ड्राई फ्रूट्स के 300 करोड़ रुपए के स्टॉक रखे गए हैं। जम्मू में कोल्ड स्टोरेज की कुल क्षमता 25 हजार टन है।

जम्मू में बहू कोल्ड स्टोरेज और आइस फैक्ट्री चलाने वाले रमन गुप्ता के मुताबिक ड्राई फ्रूट बेचने वालों ने 50 हजार से अधिक बॉक्स उनके नरवाल स्थित कॉम्पलेक्स में रखा है। उनके पास 6 हजार टन स्टॉक रखने की क्षमता है। अभी इसका 60 प्रतिशत इस्तेमाल हो रहा है। जम्मू में अलग-अलग कोल्ड स्टोरेज की क्षमता 25 हजार टन है।

रमन गुप्ता कहते हैं, “कई ड्राई फ्रूट विक्रेता आमतौर पर अपना कुछ स्टॉक कोल्ड स्टोर में रखते हैं, लेकिन इस साल लॉकडाउन के कारण कटरा के दुकानदारों को अपना पूरा स्टॉक कोल्ड स्टोरेज में शिफ्टकरना पड़ा है। सामान्य दिनों में हम अपने सप्लाई को रोटेट करते रहते हैं। फ्रेश सप्लाई आने के बाद कोल्ड स्टोर से पुराने स्टॉक उठा लेते हैं।’

टूरिज्म इंडस्ट्री और बागवानी जम्मू और कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इनपर कोरोना का बुरा प्रभाव पड़ा है। जम्मू में दुकानें तो खुली हैं लेकिन बाजार वीरान हैं। जम्मू रेलवे स्टेशन के पास स्थित शिव मार्केट, जो तीर्थयात्रियों की जरूरतों को पूरा करता है, सुनसान पड़ा है।

शिव मार्केट में ड्राई फ्रूट की दुकान चलाने वाले बिनय कुमार अपनी दुकानें खोलने के लिए हर दिन आ रहे हैं लेकिन कोई कारोबार नहीं है। स्थानीय ग्राहक नहीं आ रहे हैं और तीर्थयात्रियों का आना अभी संभव नहीं।

टूरिज्म इंडस्ट्री और बागवानी जम्मू और कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इनपर कोरोना का बुरा प्रभाव पड़ा है।

300 करोड़ का ड्रायफ्रूट स्टॉक कोल्ड स्टोरेज में

1. जम्मू के विभिन्न कोल्ड स्टोरेज में ड्राई फ्रूट्स के 300 करोड़ रुपए के स्टॉक रखे गए हैं। जम्मू में कोल्ड स्टोरेज की कुल क्षमता 25 हजार टन है।

2. लॉकडाउन की वजह से कटरा में व्यापार को हर दिन 10 से 12 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है।

3. हर दुकानदार ने औसतन 4 से 6 ट्रक स्टॉक कोल्ड स्टोरेज में रखा है। एक ट्रक में 5 से 6 किलोग्राम ड्राई फ्रूट्स के 500 बॉक्स रखे जाते हैं।

4. कटरा में ड्राई फ्रूट्स की करीब 400 दुकानें हैं लेकिन सिर्फ 128 रजिस्टर्ड हैं।

कोरोनावायारस महामारी के कारण वैष्णोदेवी यात्रा बंद है। इससे यहां के ड्राई फ्रूट्स बेचने वाले कारोबारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

 

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