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महामारी में जीने के 5 नियम, लॉकडाउन हटने के बाद सोशल बबल मॉडल से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं

सोशल बबल मॉडल में दो पड़ोसी घरों के लोग एक अपना खुद का सोशल सर्कल बनाते हैं बंद जगहों पर भी मास्क का उपयोग करें, किसी व्यक्ति के नजदीक जाकर बात न करें आपके इलाके में दो हफ्तों तक पॉजिटिव टेस्टिंग रेट 5% से नीचे है तो जोखिम कम है

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कोरोनावायरस का कहर अभी भी जारी है, लेकिन सरकार ने लॉकडाउन हटा दिया है। मॉल, धार्मिक स्थल जैसी कई जगहों पर सामान्य गतिविधियां शुरू हो गई हैं। ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स कोशिश कर रहे हैं कि अब नुकसान कम से कम हो। एक्सपर्ट्स लोगों को ‘सोशल बबल’ मॉडल अपनाने की सलाह दे रहे हैं। मतलब, आप अपने करीबियों से कम से कम मिलें।

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में इंफेक्शियस डिसीज एपिडेमियोलॉजिस्ट और असिस्टेंट प्रोफेसर जूलिया मार्कस बताती हैं कि यह अनुमान लगाना बेहद मुश्किल है कि हम कैसे दोबारा संक्रमण की लहर को रोकेंगे। इसलिए लोगों को बड़े जोखिम से दूर रखने के लिए सावधानियां बेहद जरूरी हैं। अब जब हम मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रहना सीख गए हैं और बार-बार हाथ धोना आदतों में शामिल हो गया है तो हमें कुछ बेसिक रूल्स को ध्यान में रखना है, ताकि हम जोखिम को कम कर सकें।

हेल्थ एक्सपर्ट्स और साइंटिस्ट ने जिंदगी जीने के 5 नियम बताए-

1- अपने इलाके में स्वास्थ्य के हालात देखें

  • किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के जोखिम को कम करने के लिए अपने इलाके में कोविड 19 के हाल देखें। पहले तो यहां पॉजिटिव मामलों और रुझानों पर ध्यान दें। इलाके में कोविड 19 के पॉजिटिव मामलों के प्रतिशत को समझें। इससे आपको पता लगेगा कि क्या टेस्टिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग से हल्के और बिना लक्षणों वाले केस का पता चल रहा है।
  • अगर पॉजिटिव टेस्टिंग रेट लगातार 2 हफ्तों तक 5 प्रतिशत या इससे कम रहता है तो अच्छा है। इसका मतलब है कि आपके इलाके में टेस्टिंग बेहतर तरीके से हो रही है और आपके वायरस के संपर्क में आने की संभावना बहुत कम है।
  • हालांकि यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स में बायोलॉजी प्रोफेसर एरिन ब्रोमेज के मुताबिक इसका मतलब यह नहीं कि आप एकदम आजाद हैं। अगर संक्रमण के मामले बढ़ते हैं तो आपको सावधानियां बरतनी चाहिए।

2- अपने करीबियों को सीमित करें

  • अपने करीबियों को कम से कम करने की कोशिश करें। इसका एक तरीका “सोशल बबल” तैयार करना है। इसके तहत दो पड़ोसी घरों के लोग अपना खुद का एक सोशल सर्कल बनाते हैं। दोनों घर सावधानियों को लेकर नियम तय करते हैं।
  • इस तरह की व्यवस्था में भरोसे की जरूरत होती है। बबल में शामिल सभी लोगों के बीच खुलकर बातचीत हो, जिसमें जोखिम और अनुमानित खतरे का जिक्र शामिल हो। डॉक्टर मार्कस के मुताबिक, लोगों की एक्टिविटीज रोज बदल रही है। यह केवल एक बार का समझौता नहीं है। जोखिम को लेकर बातचीत और लगातार और खुलकर होनी चाहिए।

3- अपने एक्सपोजर बजट को मैनेज करें

  • रिस्क लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में आपको यह सोचना होगा कि, हमारे लिए जरूरी क्या है। उदाहरण के लिए ऑफिस पार्टी में जाने के बजाए बुजुर्ग पैरेंट्स से मिलना। अपनी डाइट की तरह ही वायरस रिस्क को मैनेज करने के बारे में सोचें।
  • महामारी के दौरान घर के हर सदस्य को खुद का एक्सपोजर बजट मेनटेन करना चाहिए। आप बाहर एक्सरसाइज करने के दौरान कम और इंडोर डिनर पार्टी में ज्यादा रिस्क बजट खर्च कर देते हैं। अगर आप भीड़ में ज्यादा वक्त गुजारेंगे तो आपका बजट बिगड़ जाएगा।
  • स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में कंप्यूटेशनल सोशल साइंटिस्ट और साइकोलॉजी प्रोफेसर जोहानस आइश्टेड के अनुसार, लंबे वक्त तक मैनेजमेंट फेज में जाने के लिए हम इस तरह से सोचना होगा। जहां जरूरत नहीं है, वहां रिस्क न लें। आपकी हेल्थ और प्रायोरिटीज के खिलाफ कोई निर्णय न लें।

4- ज्यादा जोखिमों वाली चीजों को छोटे से छोटा रखें

  • जब भी आप कोई प्लान बनाएं तो पहले खुद से पूछें कि अगर आपको कोई संक्रमित व्यक्ति मिल गया तो आप उसके साथ कितना वक्त गुजारेंगे। वर्जीनीया टेक में एयरोसोल साइंटिस्ट लिंसे मार के मुताबिक संक्रमित व्यक्ति के साथ देर तक करीब या बिना वेंटिलेशन वाले कमरे में रहने से जोखिम बढ़ा सकता है।
  • इंडोर ईवेंट्स को छोटा रखें और सोशल ईवेंट्स का आयोजन बाहर करें। इस दौरान मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। हम नहीं जानते कि संक्रमित होने के लिए कितने वायरस की जरूरत होती है, इसलिए नजदीक की बातचीत को छोटा रखें।

5- लाॅकडाउन के दौरान रखीं सावधानियों को जारी रखें
वक्त के साथ कई लोगों ने मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना छोड़ दिया है। कुछ भी हो इन नियमों का पालन करना अच्छा उपाय हैं।

  • दुकान, ऑफिस जैसी बंद जगहों पर मास्क पहनें।
  • घर के लोगों के अलावा दूसरों से 6 फीट की दूरी बनाकर रखें। सोशल एक्टिविटीज बाहर करें।
  • बार-बार हाथ धोएं और किसी भी सतह को छूने को लेकर सतर्क रहें।
  • अगर आपके आसपास का कोई इलाका ज्यादा जोखिम में है तो होम क्वारैंटाइन प्रैक्टिस का सख्ती से पालन करें।

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