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केबीसी’ फेम नवीन गुलिया ने निभाया अमिताभ से किया वादा, लॉकडाउन के बीच बना डाला जरूरतमंदों के लिए आशियाना

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हरियाणा के नवीन गुलिया पिछले साल ‘कौन बनेगा करोड़पति 11’ में बतौर कंटेस्टेंट पहुंचे थे। व्हीलचेयर पर नजर आए नवीन ने शो में 12.50 लाख रुपए जीते थे और बिग बी से वादा किया था कि वे इस रकम का इस्तेमाल जरूरतमंदों की मदद में करेंगे। देश में जारी लॉकडाउन के बीच उन्होंने अपना वादा पूरा कर दिया है।

नवीन ने दिल्ली बॉर्डर से लगभग चार किमी. दूरी पर झज्जर जिले में एक शेल्टर बनवाया है, जहां हर तरह के जरूरतमंद ठहर सकते हैं। यहां उन्हें खाने-पीने से लेकर मेडिकल तक की सुविधा बिल्कुल निशुल्क दी जाएगी। खास बात यह है कि इस शेल्टर के निर्माण के दौरान उन्होंने उन मजदूरों को भी काम दिया, जो लॉकडाउन के कारण काम बंद होने के पैदल ही अपने घर के लिए रवाना हुए थे।

नवीन गुलिया का सपना भारतीय सेना में जाने का था। लेकिन पैरा कमांडो की ट्रेनिंग के आखिरी चरण में एक हादसा हुआ और वे अपने पैर गंवा बैठे। बावजूद इसके वे समाज सेवा में लगे हुए हैं। नवीन ने बिग बी से किया वादा कैसे पूरा किया, पढ़िए उन्हीं की जुबानी:-

‘केबीसी’ के अगले सीजन से पहले वादा पूरा किया

मैंने ‘केबीसी’ में अमिताभ सर से जो वादा किया था, वह अगला सीजन शुरू होने से पहले पूरा कर दिखाया। पिछले साल सितंबर में यह शो ऑनएयर हुआ था और अगले ही महीने मुझे सर्जरी के लिए अस्पताल में एडमिट होना पड़ा था। मैं वहां दो महीने भर्ती रहा, जिसके चलते काम शुरू नहीं हो पाया। फिर जब काम शुरू हुआ तो लॉकडाउन घोषित हो गया। लेकिन मैंने तय कर लिया था कि इस काम को रुकने नहीं दूंगा।

मजदूरों के लिए शेल्टर की जगह ही लगवाए टेंट
लॉकडाउन के दौरान जब आजीविका प्रभावित हुई तो कई मजदूर पैदल ही अपने घर के लिए निकल पड़े। यह देखकर मैंने उन्हें रोका और अपने शेल्टर के काम में लगा दिया। सभी को एक ही जगह ठहराने के लिए हमने शेल्टर वाली जगह ही मजदूरों के लिए टेंट लगवा दिए थे।

वह एरिया पूरी तरह आइसोलेटेड है। इसलिए मजदूर वहां से कहीं बाहर नहीं गए। न उनमें वायरस फैला और न ही उनकी वजह से किसी को तकलीफ हुई। साथ ही इन मजदूरों ने पैसा भी कमा लिया। उनका भी भला हो गया और हमारा काम भी पूरा हो गया।

15 साल से अच्छे काम से जुड़ा हूं

तकरीबन 40 मजदूरों ने मिलकर मेरा सपना पूरा किया। पहले दिन से मैं भी टेंट लगाकर वहीं रहा। यूं तो ‘केबीसी’ से मैंने 12.50 लाख रुपए जीते थे। लेकिन टैक्स कटकर मेरे हाथों में करीब-करीब 8 लाख रुपए ही आए। शेल्टर को बनाने में लगभग 40 लाख रुपए लग गए हैं। हालांकि, ‘केबीसी’ के कारण कई लोग मदद के लिए आगे आए। 15 साल से अच्छे काम से जुड़ा हूं, तो साधन की कभी कमी नहीं हुई।

हर जरूरतमंद के लिए है ये आशियाना

दूसरी कई संस्थाओं की तरह हमारे यहां ऐसा नहीं कि सिर्फ हैंडीकैप लोगों की ही मदद होगी या सिर्फ बुजुर्गों को ही यहां जगह दी जाएगी। हम हर तरह के जरूरतमंद की मदद करेंगे। कई तरह के पीड़ित अब तक हमारे पास आते रहे हैं। लेकिन तब मेरे पास जगह नहीं थी। अब जब जगह हो गई हैं तो उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने यहां रख सकूंगा। उनकी मदद करूंगा और उन्हें सक्षम बनाऊंगा।

‘अपनी दुनिया अपना आशियाना’ संस्था चलाते हैं

नवीन गुलिया ‘अपनी दुनिया अपना आशियाना’ नाम की संस्था चलाते हैं, जो दिव्यांग बच्चों और महिलाओं के लिए काम करती है। कर्म योगी के नाम से फेमस नवीन के पैर काम नहीं करते। बावजूद इसके 2004 में अपनी बनाई हुई गाड़ी खुद चलाकर दिल्ली से दुनिया के हाइएस्ट मोटरेबल पास मारसिमिक ला तक जाने वाले वे पहले व्यक्ति थे। लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज है।

18632 फीट तक जाने के लिए उन्होंने गाड़ी में खुद ही मॉडिफिकेशन किए थे। एक्सलरेटर, ब्रेक और क्लच सहित सभी कंट्रोल्स हाथों में रखकर उन्होंने 55 घंटो तक लगातार बगैर ब्रेक लिए ड्राइव किया था। नवीन ने एक बातचीत में कहा था, “एक्सीडेंट के बाद मैंने जब 55 घंटों तक गाड़ी चलाई तो लोगों ने मेरी उस सफलता को पहचाना। लेकिन उस एक सफलता के पहले मैं एक हजार बार असफल हुआ था।”

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