मोदी कैबिनेट का फैसला-अनाज, दाल, प्याज एसेंशियल कमोडिटी एक्ट से हुआ बाहर, किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी
केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने बुधवार को साढ़े छह दशक पुराने एसेंशियल कमोडिटी एक्ट (Essential Commodities Act) में संशोधन को मंजूरी दे दी ताकि अनाज (cereals), दलहन (edible oils) और प्याज (onion) सहित खाद्य वस्तुओं को नियमन के दायरे से बाहर किया जा सके.
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने बुधवार को साढ़े छह दशक पुराने एसेंशियल कमोडिटी एक्ट (Essential Commodities Act) में संशोधन को मंजूरी दे दी ताकि अनाज (cereals), दलहन (edible oils) और प्याज (onion) सहित खाद्य वस्तुओं को नियमन के दायरे से बाहर किया जा सके. उम्मीद है कि इससे इन वस्तुओं का व्यापार मुक्त तरीके से किया जा सकेगा और इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी.
मंत्रिमंडल ने कृषि उपज के बाधा मुक्त व्यापार को सुनिश्चित करने के लिए कृषि उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सहायता) अध्यादेश, 2020′ को भी मंजूरी दी. सरकार ने किसानों की स्थिति को, प्रोसेसर, एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों के सामने सशक्त बनाने के लिए मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अध्यादेश, 2020 पर ‘किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौते’ को भी मंजूरी दी.
कैबिनेट के फैसलों की घोषणा करते हुए, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, इससे कृषि क्षेत्र की सूरत बदलेगी और इसके साथ-साथ भारत के किसानों की मदद करने की दिशा में इसका दूरगामी प्रभाव होगा. उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रस्तावित संशोधन से अत्यधिक विनियामकीय हस्तक्षेप के संबंध में निजी निवेशकों को आशंकायें खत्म होंगी.
तोमर ने कहा कि ‘कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020’ राज्य कृषि उपज विपणन कानून के तहत अधिसूचित बाजारों के अहाते के बाहर अवरोध मुक्त अंतर-राज्य और अन्य राज्यों के साथ व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देगा. उन्होंने कहा, यह देश में व्यापक रूप से विनियमित कृषि बाजारों को खोलने का एक ऐतिहासिक कदम है.
तोमर ने कहा कि मूल्य आश्वासन और फार्म सेवा अध्यादेश, 2020 ‘ पर किसानों के (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौते से किसान, किसी प्रकार के शेषण के भय के बिना, प्रोसेसर, एग्रीगेटर, बड़े खुदरा विक्रेताओं, निर्यातकों आदि से समान स्तर पर जुड़ने के लिए सशक्त होंगे. ये प्रस्ताव कोविड-19 के प्रसार को थामने के लिए लगाये गये लॉकडाऊन से प्रभावित लोगों की मदद के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का हिस्सा हैं.
किसानों के लिए हुए बड़े ऐलान
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, किसानों के लिए वन नेशन, वन मार्केट (One Nation, One का ऐलान किया गया है. किसानों के हित में अहम सुधार किए गए हैं. किसानों को देखते हुए ये बदलाव किए गए हैं., किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे. कृषि उपज समझौते के आधार पर बेचने की अनुमति मिलेगी.
उन्होंने कहा, एपीएमसी, मंडिया रहेंगी. कंपनियां किसानों से डायरेक्ट माल खरीद सकेगी. इस खरीद और बिक्री पर किसी भी प्रकार का किसी सरकार कोई टैक्स नहीं होगा. किसानों और खरीदार के बीच वाद-विवाद की सुनवाई स्थानीय स्तर पर होगी. किसानों की सुरक्षा देने के लिए सरकार ने ये कदम उठाए हैं. इलेक्ट्रॉनिक व्यापार के लिए किसानों की राह आसान होगी, किसान अपनी उपज को मंडी में ले जाने से बचेंगे.
अगर कोई निर्यातक है, कोई प्रोसेसर है, कोई दूसरे पदार्थों का उत्पादक है तो उसको कृषि उपज आपसी समझौते के तहत बेचने की सुविधा दी गई है. इससे सप्लाई चेन खड़ी होगी. भारत में पहली बार ऐसा कदम उठाया गया है.
किसानों की उपज को अच्छा मूल्य उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त विकल्प प्रदान करने को एक केंद्रीय कानून तैयार किया जाएगा. इसके संकेत पिछले दिनों ही सरकार द्वारा दिए गए थे. इससे बाधा रहित अंतरराज्यीय व्यापार और कृषि उपज के ई-ट्रेडिंग की रूपरेखा तैयार की जा सकेगी. ऐसा हो जाने के बाद किसान अपनी उपज को कहीं भी बेच सकेंगे.
एसेंशियल कमोडिटी एक्ट में संशोधन को मंजूरी-
कैबिटने ने एसेंशियल कमोडिटी एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी है. इस एक्ट के तहत जो भी चीजें आती हैं केंद्र सरकार उनकी बिक्री, दाम, आपूर्ति और वितरण को कंट्रोल करती है. उसका अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) तय कर देती है. कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं जिसके बिना जीवन व्यतीत करना मुश्किल होता है. ऐसी चीजों को आवश्यक वस्तुओं की लिस्ट में शामिल किया जाता है.
केंद्र सरकार को जब भी यह पता चल जाए कि एक तय वस्तु की आवक मार्केट में मांग के मुताबिक काफी कम है और इसकी कीमत लगातार बढ़ रही है तो वो एक निश्चित समय के लिए एक्ट को उस पर लागू कर देती है. उसकी स्टॉक सीमा तय कर देती है. जो भी विक्रेता इस वस्तु को बेचता है, चाहे वह थोक व्यापारी हो, खुदरा विक्रेता या फिर आयातक हो, सभी को एक निश्चित मात्रा से ज्यादा स्टॉक करने से रोका जाता है ताकि कालाबाजारी न हो और दाम ऊपर ना चढ़ें.
निवेश बढ़ाने के लिए एम्पावर्ड ग्रुप को बनाने की मंजूरी
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, सरकार निवेश बढ़ाने के लिए एम्पावर्ड ग्रुप को बनाने की मंजूरी दी गई है. इसके अलावा, प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल बनाने का फैसला किया गया है.
कैबिनेट ने कोलकाता पोर्ट का नाम बदलने को मंजूरी दी है. कोलकाता पोर्ट नाम बदलकर श्याया प्रसाद मुखर्जी रखा जाएगा.
फार्माकोपिया आयोग की स्थापना को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री ने कहा, कैबिनेट ने भारतीय आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) के अधीनस्थ कार्यालय के रूप में भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी (PCIM & H) के लिए फार्माकोपिया आयोग की स्थापना को मंजूरी दी है.