इलेक्ट्रो होम्योपैथी को बुलंदियों तक पहुंचाने में जुटे प्रो. हरविंदर अटवाल, निःशुल्क क्लास में देते हैं ईएच की शिक्षा
इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के लिए पंजाब का सबसे विश्वसनीय अस्पताल अटवाल ईएच हास्पिटल बठिंडा, ईएच दवाओं के लिए अलकेमी रिसर्च लैब ने देश में पहचान बनाई
बठिंडा, 30 अप्रैल (श्रीवास्तव) इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन के नेशनल वाइस प्रेसिडेंट, अटवाल ईएच हास्पिटल और अलकेमी रिसर्च लैब के एमडी प्रो. हरविंदर सिंह अटवाल इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा को बुलंदियों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। पूरे देश में ईएच की दुनिया में उनका नाम अदब से लिया जाता है। उनकी ओर से संचालित इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति का पंजाब का सबसे विश्वसनीय अस्पताल अटवाल ईएच हास्पिटल और ईएच दवाओं के लिए अलकेमी रिसर्च लैब ने देश में अहम पहचान बनाई है । इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा के पितामह काउंट सीजर मैटी 11 जनवरी 1809 में इटली में पैदा हुए थे। उक्त पद्धति 100 से ज्यादा साल से हिंदोस्तान में रैकोनाईजेशन के लिए संघर्ष कर रही है । देश में ईएच के पांच लाख से अधिक प्रेक्टीशिनियर है। प्रो हरविंदर सिंह अटवाल इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की मान्यता को लेकर पिछले 20 साल से सक्रिय हैं। आज एक मुलाकात में प्रो. हरविंदर सिंह ने कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी से लाइलाज बीमारियों का इलाज संभव है। बाकायदा केंद्रीय परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में बनी आईडीसी को इस बाबत कनीलीक्ल एवीडेंस सहित रिपोर्ट सबमिट की है। सैकड़ों मरीजों की केस हिस्ट्री इस बात का सुबूत हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की 38 मूल दवाओं से 250 से ज्यादा बीमारियों पर फार्मूले बनाने के उनकी ओर से हर शनिवार चलाई निःशुल्क क्लास में टिप्स दिए जाते हैं। प्रो हरविंदर सिंह अटवाल की उक्त क्लास कई वर्षों से चल रही है।