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कैंसर अवेयरनेस को लेकर 7 अप्रैल को वाकथन की युद्ध स्तर पर प्लानिंग, रिहर्सल्स का दौर शुरू, सेन्ट्रल युनिवर्सिटी ऑफ पंजाब के वीसी ने किया पोस्टर रिलीज

लारित वेलफेयर फाउंडेशन (एल.डब्ल्यू.एफ) की डायरेक्टर लता श्रीवास्तव, बठिंडा विकास मंच के प्रधान राकेश नरूला(डायरेक्टर, एल.डब्ल्यू.एफ) के नेतृत्व में कराईं जा रही वाकथन मानव सेवा केन्द्र के चेयरमैन ज्ञान प्रकाश गर्ग, चैंबर आफ कामर्स के राम प्रकाश जिन्दल कर रहे हैं सहयोग

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बठिंडा, 3 मार्च ()कैंसर की नामुराद बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 7 अप्रैल को एक वाकथन का आयोजन किया जा रहा है। लारित वेलफेयर फाउंडेशन(एल.डब्ल्यू.एफ) की डायरेक्टर लता श्रीवास्तव, बठिंडा विकास मंच के प्रधान
राकेश नरूला(डायरेक्टर, एल.डब्ल्यू.एफ) के नेतृत्व में कराईं जा रही उक्त दूसरी वाकथन को लेकर विभिन्न क्षेत्रों में रिहर्सल्स का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत अवेयरनेस मुहिम युद्ध स्तर पर जारी है। इसके तहत डीडी मित्तल टावर में कैंसर वाकथन को लेकर रिहर्सल का आयोजन किया गया। इसी तरह सेन्ट्रल युनिवर्सिटी ऑफ पंजाब के वाइस चांसलर प्रो राधवेंद्र तिवारी ने वाकथन का पोस्टर रिलीज किया। इस दौरान लारित वेलफेयर फाउंडेशन(एल.डब्ल्यू.एफ) की डायरेक्टर लता श्रीवास्तव ने बताया कि
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक कैंसर दुनिया भर में मौत का दूसरा प्रमुख कारण है। ग्लोबल लेबल पर बात करें तो 6 में से 1 मौत का कारण कैंसर से होता है। साल 2020 में WHO द्वारा जारी ‘इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर’ (IARC) ‘वर्ल्ड कैंसर रिपोर्ट’ में कहा गया कि एशिया घातक बीमारी के वैश्विक मामलों की कुल संख्या का 49.3% हिस्सा शेयर करता है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2020-2040 तक एशिया में बीमारी के नए मामलों में 59.2% की वृद्धि दर्ज की जाएगी। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 10 में से एक भारतीय को अपने जीवनकाल में कैंसर हो जाएगा और 15 में से 1 की इससे मृत्यु हो जाएगी। एल.डब्ल्यू.एफ की ओर से पेश किए आंकड़ों के मुताबिक
वॉकहार्ट हॉस्पिटल के अनुसार, भारत में हर साल 1.1 मिलियन नए कैंसर के मामले सामने आते हैं और इनमें से अधिकांश मामलों का पता तब चलता है जब बीमारी थर्ड स्टेज में पहुंच चुकी होती है।       एल.डब्ल्यू.एफ की डायरेक्टर लता श्रीवास्तव ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार,’कैंसर बीमारियों का एक बड़ा समूह है जो शरीर के लगभग किसी भी अंग या टिश्यूज में शुरू हो सकता है जब असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं, अपनी सामान्य सीमाओं से परे जाकर शरीर के आस-पास के हिस्सों पर आक्रमण करती हैं और/या अन्य अंगों में फैल जाती हैं. बाद वाली प्रक्रिया को मेटास्टेसिसिंग कहा जाता है और यह कैंसर से मृत्यु का एक प्रमुख कारण है’।

कैंसर का सबसे आम प्रकार
पुरुषों में फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और लीवर कैंसर सबसे आम प्रकार के कैंसर हैं, जबकि महिलाओं में स्तन, कोलोरेक्टल, फेफड़े, गर्भाशय ग्रीवा और थायरॉयड कैंसर सबसे आम हैं।

कैंसर का कारण क्या है?                                       लारित वेलफेयर फाउंडेशन (एल.डब्ल्यू.एफ) के अनुसार
कैंसर होने पर एक टिश्यूज बहुत सारे स्टेज से गुजरकर एक ट्यूमर में बदल जाता है. जो आमतौर पर कैंसर या घाव का रूप ले लेता है. आपकी खराब लाइफस्टाइल कैंसर के प्रमुख कारण हो सकते हैं. स्तन कैंसर और कोलोरेक्टम कैंसर अधिक वजन और कम शारीरिक गतिविधि से जुड़े हैं।
WHO के अनुसार, कैंसर के खतरे को निम्न तरीकों से कम किया जा सकता है।

लाइफस्टाइल में करें ऐसा सुधार
एल.डब्ल्यू.एफ के डायरेक्टर राकेश नरूला (प्रधान बठिंडा विकास मंच) मानव सेवा केन्द्र के चेयरमैन ज्ञान प्रकाश गर्ग, चैंबर आफ कामर्स के राम प्रकाश जिन्दल ने कहा कि
विभिन्न स्वास्थ्य सेवा संगठन, सरकारी एजेंसियां, और गैर-लाभकारी समूह कैंसर जागरूकता के लिए जागरूकता अभियान, सेमिनार और स्क्रीनिंग आयोजित करने के लिए सहयोग करते हैं और देश भर में कैंसर के मामले कम हो इस दिशा में काम करते हैं। लाइफस्टाइल में सुधार करने के टिप्स दिए। इसमें शरीर  का वजन मेंटेन रखेंहे। ल्दी डाइट लेना, (अपने आहार में फल और सब्जियां शामिल करें)फिजिकल एक्टिविटी बेहद जरूरी है। शराब पीने से बचें या कम करना। एचपीवी और हेपेटाइटिस बी के खिलाफ टीका लगवाना।पराबैंगनी विकिरण से बचना (धूप और कृत्रिम टैनिंग उपकरणों के अत्यधिक संपर्क से बचें)स्वास्थ्य देखभाल में विकिरण का सुरक्षित और उचित उपयोग सुनिश्चित करना। बाहरी और आंतरिक वायु प्रदूषण के जोखिम को कम करना

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