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डॉ. अनिल श्रीवास्तव की किताब “प्रेक्टिस ऑफ मेडिसिन इन माई एक्सपीरियंस” इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सकों के लिए वरदान से कम नहीं

"ए हैंड बुक ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी" की जबरदस्त सफ़लता के बाद प्रेक्टिस ऑफ मेडिसिन इन माई एक्सपीरियंस की रिकॉर्डतोड़ बुकिंग, डॉ अनिल श्रीवास्तव की किताब के प्रेरणा स्त्रोत गुरु स्वर्गीय डा. रमाशंकर, पुस्तक के प्रकाशक शनसाइन हेल्थ केयर ट्रस्ट अजाद नगर हिसार हरियाणा

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नई दिल्ली, 12 मई ( डॉ. ऋतेश श्रीवास्तव). उत्तर प्रदेश के शहर बस्ती के प्रसिद्ध डॉक्टर अनिल कुमार श्रीवास्तव की किताब प्रेक्टिस ऑफ मेडिसिन इन माई एक्सपीरियंस की रिकॉर्डतोड़ बुकिंग हो रही है। ए हैंड बुक ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी की जबरदस्त सफ़लता के बाद डॉक्टर अनिल की पुस्तक को मंगवाने वालों की लंबी कतारें है। इलेक्ट्रो होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति से जुड़े प्रैक्टिशनियर ऑन लाइन आवेदन कर रहे हैं। पुस्तक जून के दूसरे सप्ताह तक मिलने लगेगी। प्रेक्टिस ऑफ मेडिसिन इन माई एक्सपीरियंस की रिव्यू के लिए कॉपी इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के सीनियर डॉक्टर्स के पास भेजी गई है। तकरीबन 350 पेजेस वाली उक्त पुस्तक में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सकों के लिए बहुत ही रोचक जानकारियां हैं। उन्होंने उक्त किताब का प्रेरणा स्त्रोत अपने गुरु स्वर्गीय डा. रमाशंकर को बताया है। उक्त पुस्तक के प्रकाशक शनसाइन हेल्थ केयर ट्रस्ट अजाद नगर हिसार हरियाणा है। इस पुस्तक में डा. अनिल श्रीवास्तव ने अपने 38 वर्ष के गहन प्रेक्टिस अनुभव को शामिल किया है। इस पुस्तक में अंगवार विभाजित औषधियों की कार्यविधि, रोगी का भौतिक प्रक्षिण, इलैक्ट्रोहोम्यपैथी औषधी की कार्यप्रणाली के अलावा जायडिस, क्लोमग्रंथी शोध, कफ-खासी, रैसप्रेयटी फेलियर, पलोमनियरी, फायबरोसिस, दमा, ह्रदय रोग की पहचान, उच्च रक्त दाब, हाइपरटाइसन, एनजाइना, कार्डिक एरेस्ट, ह्रदय का बंद होना, ह्रदय का फेल होना, ह्रदय की सूजन, मूत्र संस्थान के रोग, डायबिटिस, निफरोटिक सिड्रोम, किडनी शोध, मूत्र से रक्त, मूत्र में अवरोध, यूरिमिया, एसिडिटी, कब्ज, भोजन की अनिच्छा, अफारा, योनीप्रदाह, मिनोपोज सहित सैकड़ों रोगों पर विस्तृतपूर्वक जानकारी दी है। उक्त पुस्तक में इलैक्ट्रोहोम्योपैथी औषधियों के विभिन्न शारीरिक सिस्टम पर कार्य करने बाबत बखूबी समझाया गया है। नए व पुराने प्रैक्टिसनियर्स के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगी।

बताते चलें कि डॉ अनिल श्रीवास्तव, निःशुल्क आनलाईन क्लास से इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की अलख जला रहे हैं। वे तकरीबन 550 निःशुल्क क्लास लगा चुके हैं, और इसका आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
सैकड़ो इलेक्ट्रो होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति से जुड़े प्रेक्टिशिनियर्स उनके मुरीद हैं। अनिल श्रीवास्तव कहते हैं कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी पद्धति की मान्यता के लिए वह संघर्ष कर रहे है, और मरते दम तक करते रहेंगे।
साल 1986 में कानपुर यूनिवर्सिटी से जन्तु विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएट डाक्टर अनिल कुमार श्रीवास्तव, साल 1983 से इलेक्ट्रो होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति से जुड़े। 1990 से एक कॉलेज में प्रिंसिपल की सेवा निभा रहे डॉ. अनिल पूर्व चीफ प्रॉक्टर के.एन.ई.एच मेडिकल कॉलेज कानपुर भी रहे हैं। पिछले 37 साल से इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रचार प्रसार में जुटे हुए डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव का नाम देश भर में किसी परिचय का अब मोहताज नहीं है।
इलेक्ट्रो होमियोपैथी औषधियों की वैज्ञानिक समीक्षा, डायबिटीज और इलेक्ट्रो होम्योपैथी। इलेक्ट्रो होम्योपैथी औषधियां एंजाइम क्यों। आदि विषयों पर वह तकरीबन 150 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। वह हीमोफीलिया में ईएच का योगदान पर विशेष शोध कर चुके हैं। याद रहे कि उन्हें शिक्षा और समाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सम्मान से 2019 में सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें डॉ रमाशंकर अवार्ड, मैटी लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, आई.ई.एच.एम.सी की ओर से दिया जा चुका है। डॉ. अनिल श्रीवास्तव को उनकी पुस्तक प्रेक्टिस ऑफ मेडिसिन इन माई एक्सपीरियंस की सफलता पर डॉ एमएच इदरीसी, डॉ. वी. कुमार, डॉ. वी. के शुक्ला, डॉ. यू पी सिंह, डॉ परमिंदर पांडेय, डॉ.प्रो हरविंदर सिंह, डॉ. कैप्टन एमपीएस पुज्जी, डा.एच.एन.लाल, डा.आर.के.भर्द्वाज, डा.सविता सिंह, डा.वीनावोहरा, डा.रायसाहब यादव, डा.अशोक शुक्ला, डा.एम.के.मद्धेशिया, डा.जे.के.भार्गव सहित देश के हजारो EH चिकित्सको ने मैसेज, फोनकॉल, वाट्सअप एप अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित की है।

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