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हादसों की ज़द में हैं तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें, जलजलों के खौफ से क्या घर बनाना छोड़ दें: डॉ. अनिल श्रीवास्तव

ए हैंड बुक ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी की जबरदस्त सफ़लता के बाद अब प्रेक्टिस ऑफ मेडिसिन इन इलेक्ट्रो होमियोपैथी। मेल एंड फीमेल डिसीइज इन ईएच। किताब लिखने में व्यस्त हैं डॉ. अनिल श्रीवास्तव, एडवांस बुकिंग शुरू

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डॉ. ऋतेश श्रीवास्तव
हादसों की ज़द में हैं तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें,
जलजलों के खौफ से क्या घर बनाना छोड़ दें।…

और
मेरी हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न करना
पहले भी कई तूफानों का रुख मोड़ चुका हूँ।

…ये दो शेयर है जो यूपी के शहर बस्ती के निवासी डॉ. अनिल श्रीवास्तव पर खरे उतरते हैं। इलेक्ट्रो होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति में वो अपनी एंडो एंजाइम्स की थ्योरी पर हर जलजले का सामना करने को तैयार हैं। वह कहते हैं कि लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ, सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे???बस उनकी यही बात सैकड़ो इलेक्ट्रो होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति से जुड़े प्रेक्टिशिनियर्स के दिल में घर कर गई। डॉ अनिल श्रीवास्तव के चाहने वालों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। 1986 में कानपुर यूनिवर्सिटी से जन्तु विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएट डाक्टर अनिल कुमार श्रीवास्तव साल 1983 से इलेक्ट्रो होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति से जुड़े। 1990 से एक कॉलेज में प्रिंसिपल की सेवा निभा रहे डॉ. अनिल पूर्व चीफ प्रॉक्टर के.एन.ई.एच मेडिकल कॉलेज कानपुर भी रहे हैं। पिछले 37 साल से इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रचार प्रसार में जुटे हुए डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव का नाम देश भर में किसी परिचय का अब मोहताज नहीं है। इलेक्ट्रो होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति से जुड़े लोग उनको जानते पहचानते हैं।

अपनी पुस्तक “ए हैंड बुक ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी” की जबरदस्त सफ़लता के बाद अब वह “प्रेक्टिस ऑफ मेडिसिन इन इलेक्ट्रो होमियोपैथी। मेल एंड फीमेल डिसीइज इन ईएच” किताब लिखने में व्यस्त हैं। इलेक्ट्रो होमियोपैथी औषधियों की वैज्ञानिक समीक्षा, डायबिटीज और इलेक्ट्रो होम्योपैथी। इलेक्ट्रो होम्योपैथी औषधियां एंजाइम क्यों। आदि विषयों पर वह तकरीबन 150 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। वह हीमोफीलिया में ईएच का योगदान पर विशेष शोध कर चुके हैं। 17 अप्रैल से लगातार 450 से ज्यादा आन लाइन क्लास लगा कर बस्ती यूपी के डाक्टर अनिल कुमार श्रीवास्तव इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की अलख जगाने में जुटे हैं। याद रहे कि उन्हें शिक्षा और समाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सम्मान से 2019 में सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें डॉ रमाशंकर अवार्ड, मैटी लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, आई.ई.एच.एम.सी की ओर से दिया जा चुका है।

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