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पंजाब में भगवंत AAP का CM चेहरा:केजरीवाल ने कहा – मान को 93% वोट मिले, कांग्रेस प्रधान सिद्धू सिर्फ 3.6% लोगों की पसंद

मान के CM चेहरा बनने की इनसाइड स्टोरी:दिग्गज हस्ती नहीं आई; पंजाब में बाहरी नेता कबूल नहीं; केजरीवाल ने जनता की राय से पल्ला झाड़ा, आम आदमी पार्टी के पंजाब के जॉइंट सेक्रेटरी और प्रवक्ता अमरजीत मेहता बोले कि बधाई हो, सूबे में आप की सरकार बनने वाली है। भगवंत मान पंजाब के नए मुख्यमंत्री होंगे।

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पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) ने CM चेहरे का औपचारिक ऐलान कर दिया। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल मोहाली पहुंचे और उन्होंने भगवंत मान के नाम का ऐलान किया। आप ने CM कैंडिडेट चुनने के लिए मोबाइल नंबर जारी करके जनता की राय मांगी थी। 3 दिन में 21.59 लाख लोगों ने राय दी। करीब 15 लाख लोगों ने भगवंत मान का नाम लिया है। केजरीवाल ने इस रिजल्ट के साथ ही भगवंत मान के नाम का ऐलान करते हुए कहा कि मान को 93.3% और सिद्धूू को सिर्फ 3.6% वोट मिले। आम आदमी पार्टी के पंजाब के जॉइंट सेक्रेटरी और प्रवक्ता अमरजीत मेहता कहते हैं कि बधाई हो, सूबे में आप की सरकार बनने वाली है। भगवंत मान पंजाब के नए मुख्यमंत्री होंगे।

अरविंद केजरीवाल पहले ही कहा था कि वह पंजाब में CM की दौड़ में नहीं हैं। पंजाब का CM चेहरा सिख समाज से होगा। 2017 में आप को इसी वजह से बड़ा झटका लगा था कि CM फेस सिख समाज से नहीं था। विरोधियों ने कहा कि बाहर से आकर कोई मुख्यमंत्री बन सकता है, जिससे पंजाबी आप से दूर होते चले गए।

केजरीवाल बोले- 93.3% लोग मान के हक में, सिद्धू को सिर्फ 3.6% वोट मिले

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो CM चेहरा हम ऐलान कर रहे हैं, वह पंजाब का अगला CM बनने जा रहा है। पंजाब के लोगों ने अपना अगला CM चुनने के लिए पंजाबियों ने 21.59 लाख वोट दिए। उसमें कई लोगों ने मेरा नाम डाल दिया था। मैंने कह दिया था कि मैं रेस में नहीं हूं। बचे वोट में 93.3% लोगों ने भगवंत मान का नाम लिया। दूसरे नंबर पर नवजोत सिद्धू थे, जिन्हें 3.6% वोट मिले। जिसके बाद केजरीवाल ने CM चेहरे के लिए औपचारिक तौर पर भगवंत मान की घोषणा कर दी।

सिद्धू पर भी कसा तंज

अरविंद केजरीवाल सिद्धू पर भी तंज कसने से पीछे नहीं हटे। उन्होंने कहा कि सब हमसे पूछते थे कि आम आदमी पार्टी का दूल्हा कौन है तो हमने इसकी घोषणा कर दी है। बता दें कि नवजोत सिद्धू ही केजरीवाल पर निशाना साधते थे कि उनकी बारात पूरे पंजाब में घूम रही है, लेकिन दूल्हा कौन है, उसका पता नहीं है।

मान बोले- युवाओं के हाथ से टीके छीन टिफिन पकड़ाएंगे

CM चेहरा घोषित किए जाने के बाद भगवंत मान ने कहा कि जब मैं कॉमेडियन था तो लोग मुझे देख हंस देते थे। जब राजनीति में आया तो लोग रोने लगे कि हमें बचा लो। मान ने कहा कि पंजाब को सिर्फ लोग ही बचा सकते हैं। वह सिर्फ इसका जरिया बन सकता है। पंजाब के युवाओं के हाथ से टीके छीनकर टिफिन पकड़ाएंगे। मान ने कहा कि आज पार्टी ने मुझे बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है। लाखों लोगों ने अपनी राय देकर मुझ पर भरोसा जताया। अब मैं डबल जिम्मेदारी से काम करूंगा।

CM चेहरा घोषित किए जाने के बाद मान भावुक हो उठे
CM चेहरा घोषित किए जाने के बाद मान भावुक हो उठे

हरे रंग का पैन चमचों नहीं गरीबों के हक में चलेगा
मान ने कहा कि अगर हरे रंग का पैन मेरे हाथ में आया तो वह हमेशा जरूरतमंद और गरीबों के हक में चलेगा। वह किसी चेले या चमचे के हक में नहीं चलेगा। मान ने कहा कि हमें जंग जीतने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी। पंजाब पैरों पर खड़े होना जानता हैं। पंजाब की धरती पर गिद्दा और भंगडा डालते हुए दिखाएंगे। जो यूथ IELTS कर विदेश जा रहे हैं, उन्हें भी यहीं रोकेंगे। सबको डिग्री के मुताबिक पंजाब में ही नौकरी दिलाएंगे।

नहीं रखी कोई प्रतियोगिता

आप यह दावा जरूर कर रही है कि पहली बार उसने जनता की राय से CM चेहरा तय किया। इसमें कोई प्रतियोगिता नहीं रखी गई थी। हालांकि आप ने नेताओं के नाम आगे करके वोटिंग नहीं करवाई। बता दें कि भगवंत मान के अलावा विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल चीमा और कुलतार संधवां को भी इस रेस में माना जा रहा था।

प्रचार अब भी केजरीवाल के चेहरे पर

पंजाब में आप का प्रचार अभी भी अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर हो रहा है। आप केजरीवाल के नाम पर पंजाब में एक मौका मांग रही है। आप ने एक पोस्टर भी जारी किया है, जिसमें भ्रष्टाचार, कमजोर सरकारी स्कूल, खराब अस्पताल, महंगे बिजली-पानी बिल और बेरोजगारी का एक ही सॉल्यूशन केजरीवाल को बताया गया है।

 

मान के CM चेहरा बनने की इनसाइड स्टोरी:दिग्गज हस्ती नहीं आई; पंजाब में बाहरी नेता कबूल नहीं; केजरीवाल ने जनता की राय से पल्ला झाड़ा

मान न मान, केजरीवाल की मजबूरी बन गए भगवंत मान’, ऐसा इसलिए क्योंकि किसी बड़े चेहरे की तलाश में पूरी जोड़तोड़ के बाद भी अंत में सांसद भगवंत मान आम आदमी के CM कैंडिडेट बन गए। बॉलीवुड स्टार सोनू सूद से लेकर दुबई के होटल कारोबारी एसपीएस ओबेरॉय और किसान नेता बलबीर राजेवाल का नाम सीएम चेहरे के लिए चला। चर्चा यही रही कि AAP और इनके बीच बात नहीं बनी।

पंजाब का सीएम बनने की ख्वाहिश दिल्ली वाले नेताओं की भी चर्चा में रही लेकिन पंजाबी किसी बाहरी नेता को कबूल नहीं करते। इसलिए यह विकल्प पिट गया। तमाम कोशिश के बीच चुनाव सिर पर आ गए तो अरविंद केजरीवाल की मजबूरी बन गई कि भगवंत मान के नाम की घोषणा कर दे। हालांकि इसमें भी केजरीवाल थोड़ी चालाकी कर गए। रायशुमारी के बहाने केजरीवाल ने मान के चयन की जिम्मेदारी पंजाब की जनता पर डाल दी। इसके जरिए उन्होंने वोटरों पर भी दबाव बनाने की कोशिश की है।

दूसरे चेहरों से टूटती चली गई बात

दिल्ली के बाद पंजाब में आप को सबसे बड़ा मौका नजर आता है। ऐसे में आप की कोशिश थी कि कोई बड़ा चेहरा सीएम की रेस में हो। आप का बड़ा चेहरा अरविंद केजरीवाल हैं लेकिन पंजाब के सिख स्टेट होने की वजह से बाहरी को लोग स्वीकार नहीं करते। 2017 में आप ने इसका खामियाजा भी भुगता। जब किसान आंदोलन चला तो आप की नजर किसान नेता बलबीर राजेवाल पर जा टिकी। हालांकि किसान अलग चुनाव लड़ने के हक में थे और आप उन्हें पार्टी में शामिल होकर लड़वाना चाहती थी। इसलिए बात टूट गई।

भगवंत मान के हक में आप कार्यकर्ता इस तरह रैली निकालते रहे
भगवंत मान के हक में आप कार्यकर्ता इस तरह रैली निकालते रहे

पंजाब की सियासत में केजरी को पटखनी दे गए मान

पंजाब के लिहाज से यह भी चर्चा है कि भगवंत मान केजरी को पटखनी दे गए। ऐसा इसलिए क्योंकि भगवंत मान आप के कद्दावर चेहरे तो हैं लेकिन सीएम के दावेदार होंगे, ऐसा पार्टी के भीतर माहौल नहीं था। हालांकि चुनाव नजदीक आते भगवंत मान ने माहौल बनाना शुरू कर दिया। जब बाहर के किसी दूसरे दिग्गज की बात न बनी तो मान ने दिल्ली जाकर दावा ठोक दिया। उससे पहले करीबी विधायकों को भी भरोसे में लिया। केजरीवाल ने बात न सुनी तो नाराज होकर घर बैठ गए। पार्टी गतिविधियों से दूरी बनाकर केजरी के आगे सवाल खड़े करने शुरू कर दिए। आप के वालंटियर नाराज होने लगे और बठिंडा देहाती से विधायक रहीं रूपिंदर रूबी तो यही बात कहकर पार्टी छोड़ गईं। नतीजा केजरीवाल पर दबाव बढ़ता चला गया। पंजाब में केजरीवाल की सभाओं में भगवंत मान के नारे लगने लगे। इसका असर खीझ के तौर पर अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर साफ दिखता था।

CM चेहरा न बनाए जाने पर नाराज होकर घर बैठे मान ने शक्ति प्रदर्शन भी किया
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जब मोदी लहर में भी जीत गए भगवंत मान

भगवंत मान पहले पंजाब में मशहूर और सफल कॉमेडियन थे। 2011 में मान सियासत में आए। उन्होंने कांग्रेस सरकार में वित्तमंत्री मनप्रीत बादल की पंजाब पीपुल्स पार्टी जॉइन की। 2012 में लेहरागागा से चुनाव लड़े लेकिन हार गए। 2014 में भगवंत मान ने मनप्रीत का साथ छोड़ आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली। इसी साल चुनाव लड़े और संगरूर से सांसद बन गए। तब मान के साथ 3 और उम्मीदवार जीते। उस वक्त कहा गया कि पंजाब में आप की लहर थी, इसलिए मान जीते। हालांकि 2019 में दूसरी बार लोकसभा चुनाव में सिर्फ भगवंत मान ही दोबारा जीतकर पंजाब में AAP की इज्जत बचाने में कामयाब रहे। इसके बाद मान का पार्टी के भीतर दबदबा बढ़ता चला गया। पंजाब के मुद्दों पर संसद में मान की जोरदार आवाज गूंजती चली गई।। इसके बाद उनका पार्टी में कद बढ़ता चला गया।

मनीष सिसोदिया ने मान के शराब न पीने की कसम खाने का ट्वीट किया था
मनीष सिसोदिया ने मान के शराब न पीने की कसम खाने का ट्वीट किया था

शराब के विवाद से जुड़ा नाम, PM मोदी ने भी कसा था तंज

भगवंत मान का नाम विवादों से भी जुड़ा रहा है। 2016 में उन्होंने संसद भवन परिसर में वीडियो शूट कर सोशल मीडिया पर डाल दिया। इससे वह खूब विवाद में रहे। लोकसभा स्पीकर ने जांच के लिए कमेटी बनाई तो मान ने माफी मांग ली। इसी दौरान AAP से निलंबित सांसद हरिंदर खालसा ने मान के शराब पीकर आने का मुद्दा उठा दिया। खालसा ने तत्कालीन लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को इसकी शिकायत कर दी थी। एक बार संसद में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी भगवंत मान पर तंज कस दिया था। पंजाब में अब भी विरोधी अक्सर उन पर शराब पीने को लेकर आरोप लगाते रहते हैं। हालांकि मान हमेशा कहते हैं कि जब वह कॉमेडियन थे तो तब सिर्फ ऐसी एक्टिंग करते थे। उन्हीं वीडियो को तोड़मरोड़ कर विरोधी उन्हें बदनाम कर रहे हैं।

आप छोड़ कांग्रेस में शामिल हुई MLA रूबी भी मान को CM चेहरा बनाने की मांग करती रही
आप छोड़ कांग्रेस में शामिल हुई MLA रूबी भी मान को CM चेहरा बनाने की मांग करती रही

जब मान ने स्टेज पर खाई थी मां की कसम

साल 2019 में आम आदमी के सांसद भगवंत मान पर शराब पीने के आरोप ज्यादा लगने लगे तो अरविंद केजरीवाल की रैली के दौरान मान अपनी मां के साथ मंच पर आए। उन्होंने कहा कि वे पहले कभी-कभी शराब पी लिया करते थे लेकिन उन्हें शराबी कहकर बदनाम किया जा रहा था। भगवंत मान ने मां की कसम खाई कि मैंने 1 जनवरी से शराब पूरी तरह छोड़ दी है, अब इसे कभी हाथ भी नहीं लगाऊंगा। मान ने कहा था कि मां ने उन्हें कहा मैं शराब तो कम पीता हूं, लेकिन बदनाम ज्यादा हो रहा हूं। तुम्हें लोग इतना बोलते हैं तो शराब छोड़ क्यों नहीं देते? इसके बाद मैंने मां की बात मानते हुए शराब छोड़ दी। मैंने मां से वादा किया कि अब मैं शराब को कभी हाथ नहीं लगाऊंगा।

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