इलेक्ट्रो होमियोपैथी की मान्यता हर कीमत पर, हर परिस्थिती में ली जाएगी: डॉ. परमिंदर पांडेय* इलैक्ट्रो होमियोपैथी के मसीह-उल- हिन्द डॉ. एन.एल. सिन्हा की 132 वीं जयंती मनाई, जयंती को राष्ट्रीय इलेक्ट्रो होम्योपैथी दिवस के रूप में मानने का आह्वान
डॉ. पांडेय ने बठिंडा, पंजाब की अलकेमी रिसर्च लैब और सीसीएमआई ईएच हास्पिटल का निरिक्षण भी किया
इलेक्ट्रो होमियोपैथी की मान्यता हर कीमत पर, हर परिस्थिती में ली जाएगी: डॉ. परमिंदर पांडेय*
इलैक्ट्रो होमियोपैथी के मसीह-उल- हिन्द डॉ. एन.एल. सिन्हा की 132 व
बठिंडा, 30
आज 30 नवंबर को इलैक वीं जयंती को
राष्ट्रीय इलेक्ट्रो होम्योपैथी दिवस के रूप में मानने का आह्वान के बीच इलेक्ट्रो होमियोपैथी फाउन्डेशन के राष्ट्रीय चेयरमैन डाक्टर परमिंदर एस पांडेय, मुंबई ने
एन.एल. सिन्हा जी को पुष्प अर्पित कर के श्रद्धा सुमन भेंट किए। इस दौरान उन्होंने बठिंडा पंजाब की अलकेमी रिसर्च लैब और सीसीएमआई ईएच हास्पिटल का निरिक्षण भी किया। इस मौके उनके साथ अलकेमी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. प्रो. हरविंदर सिंह, सीईओ अलकेमी डॉ. परमिंदर सिंह चौहान, ई एच एफ के नेशनल मीडिया कोआर्डिनेटर डॉ. रितेश श्रीवास्तव, डॉ. मंदीप सिंह धूड़िया, डॉ. बलजीत सिंह, गुरबख्श सिंह शगन आदि खास तौर पर उपस्थित रहे। इस दौरान डॉ. परमिंदर पांडेय ने कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की मान्यता के मुद्दे पर लगातार संघर्ष चल रहा है। ज्वाइंट बाडी इलेक्ट्रो होम्योपैथी प्रपोजलिस्ट कमेटी आफ इंडिया के बैनर तले सभी लोग इकट्ठा इलेक्ट्रो होम्योपैथी के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। मान्यता हर कीमत पर, हर परिस्थिती में ली जाएगी।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति ने गंभीर से गंभीर बीमारी के खात्मे में एक सकारात्मक छवि दी है।
डॉ पांडेय ने कहा कि बगैर दृढ़ निश्चय किये हम अपने किसी भी लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते। इसलिए हमें मान्यता के लिए दृढ़ निश्चय कर संघर्ष करना होगा। इस मौके डॉ. प्रो हरविंदर सिंह ने कहा कि
भारत में इलेक्ट्रो होम्योपैथी के रिसर्च एंड डेवलपमेंट में डॉ. एन.एल. सिन्हा जी के अहम योगदान को सभी इलेक्ट्रो होम्योपैथ समझते हैं और जानते हैं। उनकी पुस्तकों ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी के जन्मदाता डॉ. काउंट सीजर मैटी जी के जीवन को भारतीय जमीं पर जीवंत रूप दिया है। आज अगर डॉ. एन.एल. सिन्हा जी के शब्दों से हम सभी दूर हो जाये तो यकीन मानिए इलेक्ट्रो होम्योपैथी के क्षेत्र में हम सभी के सामने एक संकट जैसी स्थिति होगी।
डॉ. एन.एल. सिन्हा ने चिकित्सा जगत में भारत के लोगों को स्वस्थ भारत की एक भाषा दी, जिसके माध्यम से हम सभी डॉ. काउंट सीजर मैटी जी से खुद को जोड़ने में सफल हुए हैं। इस योगदान को हमें हर हाल में अपने आदर्श के रूप में स्थापित करना होगा। वक्ताओं ने कहा कि यकीन है कि डॉ. एन.एल. सिन्हा जी को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए देश भर में इलेक्ट्रो होम्योपैथी पद्धति के चाहवान 30 नवंबर के दिन को ऐतिहासिक बनाएंगे। इस दिन इलेक्ट्रो होम्योपैथी को मान्यता दिलाने का मुद्दा सब का उद्देश्य होना चाहिए। इस बाबत बगैर संकल्प और प्रतिज्ञा के हम सबकी श्रद्धांजलि अधूरी रह जायेगी।
डॉ पांडेय ने दोहराया कि भारत की जमीं पर डॉ. एन.एल. सिन्हा के इलेक्ट्रो होम्योपैथी में अहम योगदान को देखते हुए 30 नवंबर उनके जन्मदिन के विशेष अवसर पर इलेक्ट्रो होम्योपैथ के सभी चिकित्सकगण के साथ तमाम देशवासी राष्ट्रीय इलेक्ट्रो होम्योपैथी दिवस के रूप में इस दिन को हर्ष और उल्लास के साथ सेलिब्रेट करें।
इसके साथ ही इलेक्ट्रो होम्योपैथी के जन्मदाता डॉ. काउंट सीजर मैटी जी के जन्म तिथि 11 जनवरी के दिन विश्व इलेक्ट्रो होम्योपैथी दिवस के रूप में इस दिन को विशेष रूप से मनाया जाए।
फोटो
इलैक्ट्रो होमियोपैथी के मसीह-उल- हिन्द डॉ. एन.एल. सिन्हा की 132 वीं जयंती को राष्ट्रीय इलेक्ट्रो होम्योपैथी दिवस के रूप में मानने का आह्वान करते इलेक्ट्रो होम्योपैथी फाउंडेशन के राष्ट्रीय चेयरमैन डाक्टर परमिंदर एस पांडेय, अलकेमी रिसर्च लैब के एमडी प्रो. डॉ. हरविंदर सिंह, आदि। फोटो अशोक