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11 सितंबर से महाकाल की भस्मारती में शामिल होंगे भक्त:7 सितंबर से रजिस्ट्रेशन होंगे, एक दिन में एक हजार श्रद्धालु शामिल हो सकेंगे; ऑनलाइन बुकिंग पर 200 रुपए लगेंगे

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उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में 11 सितंबर से श्रद्धालु भस्म आरती में शामिल हो सकेंगे। 7 सितंबर से भस्मारती की बुकिंग भी शुरू हो जाएगी।इसके साथ ही ऐप और वेबसाइट की लिंक के साथ-साथ ऑफलाइन विंडो भी आम लोगों के लिए खोल दी जाएगी। ऑनलाइन बुकिंग के लिए 200 रुपए चुकाने होंगे।

कोरोना संक्रमण के कारण 17 मार्च 2020 से भस्मारती में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। डेढ़ महीने से कोरोना संक्रमण काबू में होने की स्थिति में शुक्रवार को महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने यह फैसला लिया है। मंदिर प्रबंध समिति की बैठक कोठी रोड स्थित बृहस्पति भवन में आयोजित की गई।

कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि भस्मारती की शुरुआत 11 सितम्बर से होगी। देश भर में कहीं भी बैठकर ऑनलाइन या मोबाइल एप पर भस्मारती में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।

एक दिन में एक हजार को अनुमति
बुकिंग 7 सितंबर से सुबह 10 बजे से शुरू होगी। महाकाल ऐप या महाकाल मंदिर की ऑफिशियल वेबसाइट पर पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर अनुमति दी जाएगी। 850 श्रद्धालु ऑनलाइन बुकिंग करा सकेंगे, जबकि 150 श्रद्धालु ऑफलाइन बुकिंग करा सकेंगे। ऑनलाइन बुकिंग कराने की स्थिति में श्रद्धालुओं को 200 रुपए चुकाना होंगे। ऑनलाइन विंडो पर भस्म आरती में शामिल होने की बुकिंग नि:शुल्क होगी।

गर्भगृह और नंदी हाल में प्रवेश पर रोक रहेगी
भस्मारती में हरिओम जल चढ़ाने के लिए भी श्रद्धालुओं को अनुमति नहीं दी जाएगी। भस्मारती के दौरान गर्भ गृह और नंदी हाल में श्रद्धालुओं का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। सिर्फ कार्तिकेय मंडपम और गणेश मंडप में ही श्रद्धालुओं को बैठने की अनुमति रहेगी। मंदिर में कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी।

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सदस्यों ने लिया फैसला।
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सदस्यों ने लिया फैसला।

प्रोटोकॉल दर्शन के 100 रुपए शुल्क की व्यवस्था भी 11 से शुरू होगी
महाकाल मंदिर में आने वाले सभी वीआईपी को प्रोटोकॉल के दर्शन के लिए अब 100 रुपए प्रति व्यक्ति भेंट राशि चुकानी होगी। ये व्यवस्था भी 11 सितंबर से मंदिर समिति शुरू करेगी। बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह, महाकाल मंदिर के प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी, महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरि, प्रदीप गुरु, आशीष शर्मा, दीपक मित्तल, निगमायुक्त क्षितिज सिंघल, विकास प्राधिकरण के सीईओ सुजान सिंह रावत आदि मौजूद थे।

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