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ऑनलाइन गेमिंग पर चीन सख्त:बच्चे अब वीकेंड और छुटि्टयों में एक-एक घंटे गेम्स खेल पाएंगे, स्कूल के दिनों में पूरी तरह बैन

चीन सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश के 62% नाबालिग ऑनलाइन गेम्स खेलते हैं। माता-पिता को शिकायत थी कि गेमिंग से किशोरों की पढ़ाई और सेहत पर बुरा असर पड़ रहा

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बच्चों में गेमिंग की बढ़ती लत और दुष्प्रभावों को देखते हुए चीन ने ऑनलाइन गेमिंग के नियम और कड़े करने का फैसला किया है। नए नियमों के तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों को हफ्ते में तीन घंटे से ज्यादा ऑनलाइन गेम खेलने की इजाजत नहीं होगी। स्कूल के दिनों में गेम्स पूरी तरह बैन रहेंगे। वीकेंड और छुट्‌टी के दिनों में भी बच्चे एक घंटे से ज्यादा वक्त गेम्स को नहीं दे सकेंगे।

सोमवार को इसे लेकर नियम जारी किए गए हैं। 1 सितंबर से ये लागू हो जाएंगे। चीन के नेशनल प्रेस एंड पब्लिकेशन ट्रस्ट के मुताबिक पुराने नियमों के अनुसार आम दिनों में डेढ़ घंटे और वीकेंड में हर दिन तीन घंटे तक ऑनलाइन गेमिंग की छूट थी। पर माता-पिता को शिकायत थी कि ये नियम बहुत उदार थे। सख्ती से लागू नहीं किए गए थे। नए नियम सिर्फ शुक्रवार, शनिवार और रविवार को रात 8 से 9 बजे तक खेलने की इजाजत देता है।

सरकार निगरानी तंत्र को भी मजबूत कर रही है ताकि वह सुनिश्चित कर सके कि गेमिंग कंपनियां इस प्रतिबंध को सही तरीके से लागू कर रही हैं। इसे लेकर हुए ऑनलाइन सवाल-जवाब में कई अभिभावकों ने बताया कि गेमिंग की लत किशोरों की पढ़ाई, जिंदगी के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक सेहत पर गंभीर असर डाल रही है। चीन सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश के 62% नाबालिग ऑनलाइन गेम्स खेलते हैं।

वहीं, 13.2% मोबाइल गेम यूजर रोजाना औसत दो घंटे से ज्यादा वक्त गेमिंग में बिताते हैं। बीजिंग चिल्ड्रन लीगल एड एंड रिसर्च सेंटर द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें शिकायत मिल रही थी कि बच्चे गेमिंग के लिए तय सीमा को बढ़ाने के लिए नए-नए तरीके खोजने लगे थे। माता-पिता का कहना था कि गेमिंग की लत के बाद किशोरों के स्वभाव और व्यक्तित्व में भी बदलाव दिखने लगे थे। इसलिए सरकार पर सख्त रुख अख्तियार करने का दबाव था।

गेम डेवलपर्स के लिए चीन अहम, 4.27 लाख करोड़ की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री
यह सख्ती वैश्विक गेमिंग बाजार के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है। चीन में लाखों युवा ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े हैं और गेम डेवलपर्स चीन को अहम बाजार मानते हैं। स्टेटिस्टा के मुताबिक चीन की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री करीब 4.27 लाख करोड़ रु. की है। 2021 में इससे 3.33 लाख करोड़ रु. कमाई का अनुमान है। पर सरकार की सख्ती के बाद कंपनियों ने रणनीति बदली है। गेमिंग के लिए आईडी से रजिस्ट्रेशन जरूरी किया है, ताकि सही उम्र पता चले। वहीं, अलीबाबा ग्रुप और टेंसेंट जैसी कंपनियों पर सरकार पहले ही नकेल कस चुकी है।

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