कोरोना की लहरों में फंसा देश:एक्सपर्ट्स का दावा- केस बढ़ रहे हैं, तीसरी लहर बस आने वाली है; सरकार ने कहा- अभी दूसरी ही खत्म नहीं हुई
देश में कोरोना की कौन सी लहर चल रही है, इस सवाल का जवाब सरकार और एक्सपर्ट्स के पास अलग-अलग है। एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि तीसरी लहर बस आने वाली है। ऐसा होते ही कोरोना के केस बढ़ने लगेंगे। वहीं, केंद्र सरकार का कहना है कि अभी देश में दूसरी लहर ही खत्म नहीं हुई है। कई राज्यों में संक्रमण की रफ्तार फिर बढ़ने लगी है। इसे रोकने की जरूरत है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को बताया कि कोरोना का रिप्रोडक्टिव नंबर (R नंबर या R वैल्यू) हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और केरल समेत 8 राज्यों में एक से ज्यादा हो गया है। रिप्रोडक्टिव नंबर से संक्रमण के फैलने की रफ्तार का पता चलता है। इसके एक से ज्यादा होने का मतलब है कि कोरोना से एक संक्रमित मरीज एक से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर रहा है। इसका यह भी मतलब है कि संक्रमण की गति बढ़ रही है।
18 जिलों में देश के 47.5% केस
स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने बताया कि 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 24 जिलों में 2 अगस्त को खत्म हुए हफ्ते में 10% से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट मिली है। केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर सहित 6 राज्यों के 18 जिलों में पिछले 4 हफ्तों से कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं। इन जिलों से देश के 47.5% केस आ रहे हैं। इसका मतलब है कि दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है।
दुनिया भर में मामले फिर बढ़े
लव अग्रवाल ने कहा कि दुनिया भर में बड़ी संख्या में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। जहां तक भारत का सवाल है, दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है। 10 मई को देश में 37 लाख एक्टिव केस थे। ये घटकर अब 4 लाख रह गए हैं। सिर्फ केरल ऐसा राज्य है जहां एक लाख से ज्यादा (1.65 लाख) एक्टिव केस हैं।
पिछले हफ्ते कोरोना के कुल मामलों में से 49.85% मामले केरल में ही मिले हैं। 8 राज्यों में 10 हजार से 1 लाख एक्टिव केस हैं। 27 राज्यों में 10 हजार से भी कम मरीजों का इलाज चल रहा है।
57 जिलों में 100 से ज्यादा केस
1 जून को 279 जिले थे, जहां 100 से ज्यादा केस सामने आए थे। अब ऐसे 57 जिले रह गए हैं। देश में वैक्सीनेशन का दायरा भी बढ़ रहा है। ऐसे कुछ राज्य हैं, जहां 3 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज सप्लाई किए गए हैं। UP को 4.88 करोड़ और महाराष्ट्र को 4.5 करोड़ डोज दिए गए हैं। गुजरात को 3.4 करोड़ डोज मिले हैं।
R नंबर के आधार पर ही तीसरी लहर का दावा
सोमवार को सामने आई एक स्टडी में एक्सपर्ट्स ने R नंबर के आधार पर ही दावा किया था कि देश तीसरी लहर की चपेट में आने वाला है। इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमैटिकल साइंस चेन्नई के प्रोफेसर सिताभ्र सिन्हा ने कहा है कि देश में कोरोना की रिप्रोडक्शन वैल्यू 1 पर पहुंच गई है।
देश में दूसरी लहर के दौरान 7 मई को 4 लाख से ज्यादा केस आए थे, तब देश में कोरोना की रिप्रोडक्शन वैल्यू 1 थी। आज एक बार फिर हम उसी डराने वाले आंकड़े पर आकर खड़े हो गए हैं। यानी अब संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और देश तीसरी लहर की चपेट में आने वाला है।
सीरो सर्वे गलत जानकारी देने का तरीका नहीं
ICMR की ओर से कराए गए सीरो सर्वे के सवाल पर नीति आयोग के मेंबर डॉ. वीके पॉल ने कहा कि सीरो सर्वे यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि कितने लोगों में कोरोना की एंटीबॉडी बन चुकी है। कितने लोगों को कोरोना हो चुका है। इससे जितने सैंपल लिए गए, वे देश के हालात को कवर करने के लिए किए गए हैं।
यह डेटा का एनालिसिस करने या गलत जानकारी देने का तरीका नहीं है। अगर किसी में एंटीबॉडी पाई गई हैं तो ये बताता है कि वह वायरस के संपर्क में आया है। इसका मतलब ये नहीं है कि कोई सीरियस डिजीज हुई है। 80% से ज्यादा लोगों में लक्षण नहीं मिले हैं।
तीसरी लहर पर तीन अनुमान
- इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के सीनियर साइंटिस्ट प्रोफेसर समीरन पंडा ने पिछले महीने कहा था कि तीसरी लहर अगस्त में शुरू हो सकती है। अगर वायरस म्यूटेट होता है तो स्थिति बिगड़ सकती है।
- IIT-हैदराबाद के मथुकुमाली विद्यासागर और IIT-कानपुर के मनींद्र अग्रवाल ने अपनी रिसर्च में कहा है कि अगस्त में कोविड की तीसरी लहर आ सकती है। अक्टूबर में इसका पीक आ सकता है।
- रिसर्चर्स के मुताबिक तीसरी लहर का पीक रोज 1 लाख नए इन्फेक्शन तक जाएगा, यानी पहली लहर की तरह। वहीं, अगर स्थिति बिगड़ी तो 1.50 लाख नए केस सामने आ सकते हैं।