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दैनिक भास्कर पर दबिश के विरोध में संसद ठप:राज्यसभा में विपक्ष ने भास्कर ग्रुप पर छापे के विरोध में नारेबाजी की, लोकसभा में भी हंगामा; दोनों सदन स्थगित

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मानसून सत्र में दैनिक भास्कर ग्रुप पर सरकारी दबिश का मुद्दा विपक्ष ने जोर-शोर से उठाया है। विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में भास्कर ग्रुप पर इनकम टैक्स विभाग के छापों का विरोध किया और नारेबाजी की। इसके बाद सदन दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में भी हंगामा हुआ, यहां फोन टैपिंग और जासूसी का मुद्दा भी उठा। लोकसभा को भी 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया है।

बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश के सामने सरकारी मिसमैनेजमेंट की असल तस्वीर रखने वाले दैनिक भास्कर ग्रुप के कई दफ्तरों पर गुरुवार तड़के इनकम टैक्स विभाग ने छापा मारा है। विभाग की टीमें दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान स्थित दफ्तरों पर पहुंची है और कार्रवाई जारी है।

कांग्रेस बोली- सच को निर्भीकता से उजागर कर रहे मीडिया समूह को दबाने की कोशिश
भास्कर ग्रुप पर दबिश के बाद कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि ये देश के सच को निर्भीकता से उजागर कर रहे मीडिया समूह को दबाने की कोशिश है। उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि छापे मीडिया को डराने का प्रयास हैं।

सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार:गंगा में लाशों से लेकर कोरोना से मौतों के सही आंकड़े देश के सामने रखने वाले भास्कर ग्रुप पर सरकार की दबिश

नई दिल्ली4 मिनट पहले
  • लेकिन भास्कर में चलेगी पाठकों की मर्जी

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश के सामने सरकारी खामियों की असल तस्वीर रखने वाले दैनिक भास्कर ग्रुप पर सरकार ने दबिश डाली है। भास्कर समूह के कई दफ्तरों पर गुरुवार तड़के इनकम टैक्स विभाग ने छापा मारा है। विभाग की टीमें दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान स्थित दफ्तरों पर पहुंची है और कार्रवाई जारी है।

इसके साथ ही आईटी टीम ने भास्कर में काम करने वाले कई लोगों के घरों पर भी रेड की है। दफ्तरों में मौजूद कर्मचारियों के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं और उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। नाइट शिफ्ट के लोगों को भी दफ्तर से बाहर जाने से रोक दिया गया है। रेड मे शामिल अधिकारियों का कहना है कि वो इनके प्रोसेस का हिस्सा है और पंचनामा होने के बाद इन्हें जाने दिया जा रहा है। डिजिटल की नाइट टीम दोपहर एक बजे रिलीज की गई।

भोपाल और अहमदाबाद समेत जहां-जहां छापेमारी हुई है वहां भास्कर की डिजिटल विंग में कई महिला कर्मचारी भी काम पर मौजूद हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि IT टीम में कोई भी महिला मेंबर नहीं है। टीम के आला अधिकारियों ने अब तक इस कार्रवाई का कोई कारण साफ नहीं किया है।

हमारी पत्रकारिता से क्यों डर रही सरकार, बस कुछ नजीर देख लीजिए…
दूसरी लहर के दौरान 6 महीने तक भास्कर ने देश और कोरोना प्रभावित प्रमुख राज्यों में असल हालात को पूरे दमखम के साथ देश के सामने रखा है। गंगा में लाशें बहाए जाने का मामला हो या फिर कोरोना से होने वाली मौतों को छिपाने का खेल, भास्कर ने निडर पत्रकारिता दिखाई और जनता के सामने सच ही रखा। देखिए कुछ रिपोर्ट्स…

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उत्तर प्रदेश में नदियों में लाशें बहाने और किनारों को श्मशान बनाने की रिपोर्ट।
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भास्कर ने मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर सरकार का खेल उजागर किया।
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गुजरात में किस तरह कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा छिपाया जा रहा था, इस पर रिपोर्ट।
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उत्तर प्रदेश सरकार में कोरोना की टेस्टिंग और सरकारी मिसमैनेजमेंट पर रिपोर्ट।
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मौतों के आंकड़ों पर सरकारी खेल का सच उजागर किया।
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सरकार ने रोजगार का वादा किया, लेकिन हमने असलियत बताई कि किस तरह 5 साल में किस तरह करोड़ों का रोजगार छिन गया।
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