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इंडियन बाॅर्डर के 4 किमी भीतर तक एक्टिव पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क, इसके कॉल को ट्रेस करना मुश्किल; तस्करी और आतंक फैलाने में इस्तेमाल हो सकता है

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LOC पर सीजफायर के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भारत में सेंसेटिव इन्फॉर्मेशन लेने के लिए नए हथकंडे अपना रही है। पिछले 2 महीने से राजस्थान में बाॅर्डर की तारबंदी से 4 किलोमीटर अंदर तक पाकिस्तानी माेबाइल नेटवर्क मिल रहा है। बॉर्डर एरिया में पाकिस्तानी सिमकार्ड के जरिए ISI के एजेंट सामरिक महत्व की जानकारियां चुरा सकते है।

इधर, ISI ने राजस्थान सीमा पर ड्रग्स और हथियारों की स्मगलिंग की गतिविधियां भी बढ़ा दी हैं। खासतौर पर श्रीगंगानगर और बीकानेर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पिछले 3 से 4 साल में ड्रग्स और हथियाराें की तस्करी के मामले सामने आए हैं।

सीमा के पास पाकिस्तान ने लगाए मोबाइल टॉवर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान ने राजस्थान सीमा के उस पार गब्बर केह मंगल, भावल नगर, जुमंतर, मंथर बंगलो, मिनचंदाबाद, खोखरापार, रहिमयार खान, डुंगबंगा, हारुनाबाद, सादिकाबाद, फकीरवानर, हसिलपुर,मुबारका किला अब्बास, मंडी सादी मंगल, मंडी सादिकगंज और गब्बर केह गावाें में मोबाइल टॉवर लगाए हैं। इनके जरिए पाक पाल, वेरिडेटल, टेलीनाेर, पीकेपीएल, ओएसिस पाक, मोबिलिंग, पीटी सोरल, यू-फोन कंपनियाें की सर्विस इस्तेमाल की जा सकती हैं।

पाकिस्तान नेटवर्क से जुड़ी 3 बड़ी चिंताएं

1. पाकिस्तानी नेटवर्क से पाकिस्तानी सिमकार्ड ही इस्तेमाल हाे सकता है। इसकाे ट्रैक करने की हमारे पास काेई तकनीक नहीं है। इसलिए यह नेटवर्क बेहद चिंताजनक है। 2. इसके इस्तेमाल से ISI काे सेना और अर्द्ध सैनिक बलाें की गतिविधियाें, संसाधनाें, सेना की यूनिट, अधिकारियाें की जानकारी देने वाले लोगों को पकड़ पाना मुश्किल होगा। 3. पाकिस्तानी सिमकार्ड और माेबाइल के जरिए हेराेइन, हथियार और जाली नाेट भारत में भेजने की घटनाओं को भी अंजाम दिया जा रहा है। बाॅर्डर पर कई तस्कर पकड़े भी गए हैं।

ISI के मुखबिर इस्तेमाल कर सकते हैं पाकिस्तानी नेटवर्क
राजस्थान के बाॅर्डर पर इस तरह से नेटवर्क का लगातार बढ़ाया जा रहा दायरा इसका साफ संकेत है कि ISI ने बाॅर्डर के आसपास के दाे से तीन किलाेमीटर तक के दायरे में अपने मुखबिर तैयार कर रखे हैं और उनकाे पाकिस्तानी सिमकार्ड व माेबाइल भी भिजवा रखे हैं। इससे बाॅर्डर एरिया की सामरिक महत्व की गाेपनीय जानकारियां चाेरी हाेने का पूरा शक है।

साेशल मीडिया काॅल ट्रैक से बचने की चाल
भारतीय खुफिया एजेंसियाें के सूत्राें ने बताया कि पाकिस्तानी माेबाइल कंपनियाें का नेटवर्क आना सामरिक नजरिए से काफी चिंता की बात है, क्याेंकि इस नेटवर्क काे पाकिस्तानी सिमकार्ड से ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे पहले भारतीय खुफिया एजेंसियां सोशल मीडिया कॉल्स को इंटरसेप्ट करके पाकिस्तान की कई चालों को नाकाम कर चुकी हैं।

राजस्थान में पकड़ी गईं पाकिस्तानी सिम

बीएसएफ की G ब्रांच ने 28 जून काे अनूपगढ़ शहर में 9 एलपीएम निवासी गुरविंद्रसिंह उर्फ गुरी पुत्र बूटासिंह काे एक पाकिस्तानी सिमकार्ड, आईफाेन और स्विफ्ट कार सहित पकड़ा। आराेपी के पास सिमकार्ड अनएक्टिवेट था। अनूपगढ़ पुलिस ने शांतिभंग के आराेप में गिरफ्तार किया।
नग्गी बाॅर्डर पर पिलर संख्या 318 पर 2018 में 10 अप्रैल की रात काे पाकिस्तान की ओर से आए तीन लाेगाें ने एक स्मार्टफाेन विद पाकिस्तानी सिमकार्ड काे भारतीय सीमा में पहुंचाया। तारबंदी के इस पार भी दाे लाेगाें के पैराें के निशान देखे गए। गेहूं के खेत से उक्त स्मार्टफाेन बरामद भी किया गया था।

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