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भारत दुनिया के उन देशों में जहां 60 हफ्ते से बंद हैं स्कूल, जानिए दोबारा स्कूल खोलने को लेकर क्या है राज्यों की तैयारी और एक्सपर्ट्स की राय

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कोरोना की वजह से भारत में पिछले करीब 15 महीनों से स्कूल बंद हैं। इसका असर करोड़ों स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर हो रहा है। हालांकि ऑनलाइन क्लासेस जारी हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बच्चे के बेहतर विकास के लिए स्कूल के माहौल में हुई पढ़ाई ज्यादा जरूरी है। साथ ही ऑनलाइन क्लासेस की वजह से स्कूली बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर हो रहा है।

यूनाइटेड नेशंस के मुताबिक, दुनियाभर के करीब 160 करोड़ बच्चों की पढ़ाई स्कूलों के बंद होने से प्रभावित हुई है। भविष्य में बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति से लेकर पोषण तक पर इसके नकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।

कोरोना के कम होते केसेस के बीच कई राज्यों में स्कूल खोलने की तैयारियां हो रही हैं। वहीं, कुछ राज्यों ने स्कूल खोलने का ऐलान भी कर दिया है। कुछ राज्यों में स्कूल शुरू हो चुके हैं। दुनिया की बात करें तो 50 से अधिक देशों में स्कूल पूरी तरह या आंशिक रूप से खुल चुके हैं।

भारत के किन-किन राज्यों में स्कूल खुल चुके हैं? कहां क्या तैयारियां हैं? क्या आपके बच्चे को स्कूल भेजना अभी सुरक्षित है? स्कूलों में बच्चों के लिए किस तरह सुरक्षित माहौल तैयार करना चाहिए? दुनियाभर में स्कूलों के क्या हालात हैं? एक्सपर्ट्स का स्कूल खोलने को लेकर क्या कहना है? आइए जानते हैं…

महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, हरियाणा में खुले स्कूल
महाराष्ट्र: 
ग्रामीण इलाकों में 15 जुलाई से 8वीं से 12वीं तक के करीब 5,900 स्कूलों में ऑफलाइन क्लासेस शुरू कर दी गई हैं। ये सभी स्कूल ऐसे इलाकों में हैं जहां कोरोना के नए केस नहीं आ रहे हैं। इन स्कूलों में करीब 4 लाख स्टूडेंट्स भर्ती हैं। हालांकि स्टूडेंट्स की सुरक्षा के लिए इन स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे बड़े शहरों में फिलहाल स्कूल बंद ही रहेंगे।

गुजरात: 15 जुलाई से 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए ऑफलाइन क्लासेस शुरू कर दी गई हैं। कॉलेज और टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स भी 50% कैपेसिटी के साथ शुरू हो चुके हैं। स्टूडेंट्स के लिए स्कूल आना ऐच्छिक है और पैरेंट्स की सहमति जरूरी है। जो बच्चे अभी स्कूल नहीं आना चाहते, उनके लिए ऑनलाइन क्लासेस भी जारी रहेंगी।

हरियाणा: 16 जुलाई से 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोल दिए गए हैं। 23 जुलाई से 6वीं से 8वीं तक के स्कूल भी शुरू किए जाएंगे। स्टूडेंट्स को पैरेंट्स की लिखित सहमति के बाद ही स्कूल आने दिया जाएगा। ऑनलाइन क्लासेस भी जारी रहेंगी। स्कूल में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी होगा।

पंजाब: कम से कम 15 दिन पहले वैक्सीन का एक डोज लेने वाले स्टूडेंट्स को ऑफलाइन क्लास में शामिल होने की अनुमति। 19 जुलाई से चंडीगढ़ में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोल दिए गए। हालांकि इसके लिए पैरेंट्स की सहमति जरूरी और ऑनलाइन क्लासेस भी चलती रहेंगी।

बिहार:12 जुलाई से 11वीं, 12वीं, डिग्री कॉलेज, सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटी और टेक्निकल इंस्टीट्यूट को 50% कैपेसिटी के साथ खोल दिया गया है। कोरोना के हालात को देखते हुए बाकी क्लासेस के लिए भी स्कूल खोलने का फैसला जल्द होगा। सभी शैक्षणिक संस्थानों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है।

कर्नाटक: मेडिकल और डेंटल कॉलेज खोल दिए गए हैं। वैक्सीन का एक डोज लिए छात्र ऑफलाइन क्लासेस अटेंड कर सकते हैं। जल्द ही बाकी कॉलेज खोलने पर भी फैसला लिया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश: 19 जुलाई से 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोल दिए गए। हालांकि इसके लिए पैरेंट्स की सहमति जरूरी और ऑनलाइन क्लासेस भी चलती रहेंगी।

वे राज्य जहां जल्द ही स्कूल खोले जाने की तैयारी है
मध्यप्रदेश: 
11वीं और 12वीं क्लास के लिए 26 जुलाई से स्कूल शुरू होंगे। 15 अगस्त के बाद तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए बाकी कक्षाओं के स्कूल भी खोले जाएंगे। इसके साथ ही 1 अगस्त से कॉलेजों में भी ऑफलाइन क्लासेस शुरू करने की तैयारी है। स्कूल और कॉलेज दोनों आधी कैपेसिटी के साथ ही खोले जाएंगे। स्टूडेंट्स को दो बैच में बांटा जाएगा और हर बैच को एक दिन छोड़कर स्कूल आना होगा। यानी स्टूडेंट्स का एक बैच पहले दिन और दूसरा बैच अगले दिन कक्षाओं में शामिल होगा।

ओडिशा: 26 जुलाई से 10वीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने की तैयारी है। हालांकि स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लासेस भी जारी रहेंगी और स्कूल आना ऐच्छिक होगा।

आंध्र प्रदेश: राज्य में 16 अगस्त से स्कूलों को दोबारा खोलने का फैसला लिया है।

राजस्थान, यूपी, दिल्ली में अभी नहीं हुआ स्कूल खोलने पर कोई फैसला
राजस्थान: 
राज्य में अगस्त से स्कूल खोले जा सकते हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि स्कूल खोलने पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। स्कूल किस तरह खुलेंगे इस पर शिक्षा विभाग एक प्रस्ताव बना चुका है।

उत्तर प्रदेश: 1 जुलाई से टीचर्स और बाकी स्टाफ के लिए स्कूल खुल गए हैं, लेकिन स्टूडेंट्स को फिलहाल ऑनलाइन ही पढ़ाई करनी होगी। राज्य में स्कूल कब तक खुलेंगे इसको लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है।

दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फिलहाल दिल्ली में स्कूल खोलने से इनकार कर दिया है। केजरीवाल ने कहा है कि जब तक वैक्सीनेशन पूरा नहीं हो जाता तब तक स्कूलों को दोबारा खोलने की कोई योजना नहीं है।

इसके साथ ही छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड, तमिलनाडु, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी में भी अभी स्कूल बंद हैं।

क्या अब स्कूल खोलना सुरक्षित है?
दुनियाभर के 170 देशों में जुलाई की शुरुआत में स्कूल खोले जा चुके हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्री-प्राइमरी, प्राइमरी और मिडिल क्लासेस के स्टूडेंट्स जिनकी उम्र करीब 2 से 11 साल तक होती है उन्हें कोरोना से संक्रमण का खतरा कम है। उन्हें स्कूल भेजा जा सकता है।

अलग-अलग सीरो सर्वे में बच्चों में 80% तक सीरोपॉजिटिविट रेट मिली है। यानी उन्हें कोरोना होने का खतरा काफी कम है।

काफी देशों में महामारी के पीक के दौरान बहुत कम समय के लिए स्कूल बंद किए गए थे। जैसे ही केसेस कम होने लगे स्कूल दोबारा शुरू कर दिए गए।

कोरोना से बच्चों को कितना खतरा है?

महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर चंद्रकांत लहारिया के मुताबिक…

  • इस बात का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक होगी। पहली और दूसरी लहर को देखें तो बच्चों पर कम असर पड़ा है। कुल गंभीर मरीजों में केवल 10 से 11% लोग ही 18 साल से कम उम्र के हैं।
  • बच्चों को रिस्क कम होने का एक वैज्ञानिक आधार भी है। वायरस फेफड़ों में मौजूद एसीई-2 नाम के रिसेप्टर्स में जुड़ता है। बच्चों में ये रिसेप्टर्स अंडर-डेवलप होते हैं। इसी वजह से बच्चों में इन्फेक्शन होने के बाद भी गंभीर लक्षण नहीं होते।
  • जिन देशों में तीसरी या चौथी लहर आई है, वहां भी बच्चे अधिक प्रभावित नहीं हुए हैं। नए वैरिएंट्स भी बच्चों को अधिक प्रभावित नहीं कर रहे। यानी तुलनात्मक रूप से देखें तो बच्चों को कोई रिस्क नहीं है।

स्कूल खोलने से पहले बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाने होंगे?

  • स्कूलों में वेंटिलेशन और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे सुरक्षा उपायों का पालन करने के लिए ढांचागत बदलाव करना होगा। खुली और छायादार जगहों पर भी क्लासेस लगाई जा सकती हैं।
  • स्कूल पूरी प्लानिंग के साथ चरणबद्ध तरीके से खोले जाएं। शुरुआत में क्लासेस रोजाना न होकर एक या दो दिन छोड़कर लगाई जाएं।
  • बच्चों को अलग-अलग बैच में बांटकर ऑल्टरनेट दिनों में बुलाया जाए। सप्ताह के तीन दिन एक बैच बाकी तीन दिन दूसरी बैच की क्लासेस लगाई जाएं।
  • 9वीं से 12वीं के स्कूल पहले खोलने की बजाय छोटी क्लासेस को पहले खोलना चाहिए, क्योंकि छोटे बच्चों पर कोरोना के संक्रमण होने के चांसेस कम हैं।
  • साथ ही बच्चों को स्कूल भेजना है या नहीं इसका फैसला पैरेंट्स के हाथों में होना चाहिए।

दुनियाभर में कहां-कहां स्कूल खुल चुके हैं?

वर्ल्ड बैंक, जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी और यूनिसेफ ने मिलकर ग्लोबल एजुकेशन रिकवरी ट्रैकर बनाया है। उसके मुताबिक चीन, यूके, फ्रांस और स्पेन को मिलाकर दुनियाभर के 51 देशों में स्कूल पूरी तरह खुल चुके हैं। इसके साथ ही 90 देश ऐसे हैं जहां आंशिक तौर पर स्कूल खुल चुके हैं। यहां अलग-अलग मोड में स्टूडेंट्स को पढ़ाया जा रहा है। कहीं ऑनलाइन क्लासेस तो कहीं स्टूडेंट्स को एक दिन छोड़कर स्कूल बुलाया जा रहा है।

दुनियाभर के कई देशों में स्कूल केवल थोड़े समय के लिए ही बंद हुए थे जब वहां कोरोना पीक पर था। इसके अलावा स्कूल हमेशा खुले रहे। हालांकि इस दौरान बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी था। कई देशों ने इस दौरान अपने एजुकेशन सिस्टम में बड़े बदलाव भी किए हैं।

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