Punjab Congress Crisis: आहत कैप्टन को अब सिद्धू कतई स्वीकार नहीं, आज कर सकते हैं बड़ा धमाका
कैप्टन के पक्ष में रविवार को दस विधायकों ने हाईकमान से आग्रह किया था कि पार्टी कैप्टन को अनदेखा न करे और सिद्धू जब तक कैप्टन से सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगते तब तक उनकी नियुक्ति का एलान न किया जाए। लेकिन हाईकमान ने कैप्टन खेमे की कोई बात नहीं सुनी और देर शाम सिद्धू की नियुक्ति का पत्र जारी कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार, कांग्रेस हाईकमान ने जिस तरह कैप्टन को अनदेखा करते हुए नवजोत सिद्धू को प्रधान नियुक्त करने का एलान किया है, वह कैप्टन को बहुत नागवार गुजरा है। कैप्टन ने हाईकमान के फैसले का सम्मान करते हुए सिद्धू को प्रधान बनाने पर सहमति जता दी थी और एक मामूली शर्त यही रखी थी कि सिद्धू उन पर की गई अभद्र टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें, तभी वे सिद्धू से बात करेंगे।
सिद्धू को ज्यादा तरजीह कैप्टन को गुजरी नागवार
कैप्टन के पक्ष में रविवार को दस विधायकों ने हाईकमान से आग्रह किया कि पार्टी कैप्टन को अनदेखा न करे और सिद्धू जब तक कैप्टन से सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगते तब तक उनकी नियुक्ति का एलान न किया जाए। लेकिन हाईकमान ने कैप्टन खेमे की कोई बात नहीं सुनी और देर शाम सिद्धू की नियुक्ति का पत्र जारी कर दिया गया।
अगले चुनाव में जीत से सारे दरवाजे बंद
ताजा घटनाक्रम के बाद पंजाब कांग्रेस के अनेक विधायकों ने मान लिया है कि पार्टी हाईकमान ने 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के सारे दरवाजे बंद कर लिए हैं। इन विधायकों का मानना है कि पंजाब में कांग्रेस का एकमात्र चेहरा कैप्टन अमरिंदर सिंह ही हैं और उनके नेतृत्व में ही कांग्रेस अगले चुनाव में पूरे विश्वास के साथ उतर कर जीत हासिल कर सकती थी। विधायकों का यह भी कहना है कि सिद्धू प्रकरण के कारण राज्य कांग्रेस की जो छिछालेदार आम जनता के बीच अब तक हो चुकी थी, उसे भी कैप्टन ही सुधार सकते थे लेकिन नवजोत सिद्धू को कमान सौंपकर हाईकमान ने पार्टी को पटरी से उतार दिया है। दशकों से पंजाब में कांग्रेस के लिए तन-मन से समर्पित रहे नेता खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।