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UP चुनाव से पहले मायावती का बड़ा दांव:18 मंडलों में ब्राह्मण सम्मेलन कराएगी BSP, अयोध्या से होगा आगाज; बसपा सुप्रीमो बोलीं- ब्राह्मण अब BJP को कभी वोट नहीं देंगे

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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने बड़ा दांव खेला है। एक बार फिर से बसपा सुप्रीमो मायावती ने दलित-ब्राह्मण कार्ड चल दिया है। मायावती ने रविवार को इसका ऐलान कर दिया।

उन्होंने कहा कि 23 जुलाई से प्रदेश के 18 मंडलों में BSP की तरफ से ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसका आगाज अयोध्या से होगा। BSP के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।

1. विपक्ष के लिए क्या बोलीं मायावती ?
बसपा सुप्रीमो ने कहा, जनता, देश और प्रदेश के बहुत से मुद्दों पर केंद्र सरकार की जवाहदेही चाहती है। जिन पर सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट और गंभीर होकर सरकार को कटघरे में खड़ा करना चाहिए। जनता भी यही चाहती है। यह समय की मांग भी है।

2. किसानों के साथ BSP, BJP पर किया हमला
मायावती ने बोलीं कहा कि केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसान लंबे समय से दिल्ली बॉर्डर और अन्य स्थानों पर धरना दे रहे हैं। केंद्र सरकार का उदासीन रवैया दुखद है। इनकी मांगों के संबंध में संवेदनशील होकर काम करने के लिए संसद में हर प्रकार का दबाव बनाना जरूरी है।

3. महंगाई पर भी सरकार को घेरा
BSP चीफ मायावती ने कहा, ‘केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। आर्थिक संकट पैदा हो चुका है। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस आदि की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। महंगाई आसमान छूने लगी है। केंद्र सरकार की लापरवाही से जनता त्रस्त है।

4. कोरोना पर क्या बोलीं ?
मायावती ने कहा कि देश में कोरोना पीड़ित की मदद और देश में टीकाकरण कराना बहुत जरूरी है। लेकिन इस पर अमल ना होने की वजह से देश की जनता काफी निराश है। BSP इन सभी मुद्दों के साथ मानसून सत्र में केंद्र सरकार से सवाल करेगी।

5. आखिर में खेला ब्राह्मण कार्ड
मीडिया से बातचीत के दौरान आखिर में मायावती ने ब्राह्मण कार्ड खेला। वे बोलीं कि भाजपा सरकार की खराब नीतियों से जनता निराश है। अलग-अलग तरह से सभी समाज के लोगों का शोषण हो रहा है, जो ठीक नहीं हैं। खासकर ब्राह्मण समाज तो बहुत ही दुखी है। जिन्होंने पिछले चुनाव में BJP के बहकावे में आकर उन्हें एकतरफा वोट किया था। पूरे 5 साल की सरकार भी बनाई।

ब्राह्मण समाज के लोग अब इनके (BJP) बहकावे में नहीं आएंगे। मुझे पूरी उम्मीद है ब्राह्मण समाज के लोग BSP से जुड़कर एक बार फिर से सर्व समाज की सरकार बनाएंगे। अब किसी भी बहकावे में नहीं आएंगे। बल्कि दलितों की तरह अटल रहेंगे। BSP के साथ जुड़ेंगे। ब्राह्मण समाज इस सरकार में बहुत दुखी है। हमने इनके हितों का हर मामले में ध्यान रखा था और रखेंगे।

कैसी है ब्राह्मण सम्मेलन की तैयारी ?
बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत अयोध्या से 23 जुलाई को होगी। बसपा ने अपने ब्राह्मण चेहरे सतीश चन्द्र मिश्रा को लेकर ब्राह्मणों को एकत्र करने कोशिश की है। मंडलों के अलावा प्रदेश के सभी जिलों में भी ब्राह्मण सम्मेलन होगा। अयोध्या में ब्राह्मण सम्मेलन के लिए स्थान अभी तय नहीं है। अयोध्या में आयोजन की जिम्मेदारी बसपा नेता करुणाकर पांडे को दी गई है।

2007 में कामयाब हुआ था यह फॉर्मूला
बसपा का ब्राह्मण सम्मेलन 2007 के चुनावी अभियान की तर्ज पर होगा। शुक्रवार को लखनऊ में पूरे प्रदेश से 200 से ज्यादा ब्राह्मण नेता और कार्यकर्ता बसपा दफ्तर पहुंचे थे, जहां आगे की रणनीति पर चर्चा हुई थी। दलित-ब्राह्मण-ओबीसी के फॉर्मूले के साथ मायावती 2022 चुनाव में उतरेंगी। मायावती ने 2007 में यूपी के चुनाव में 403 में से 206 सीटें जीतकर और 30 फीसदी वोट के साथ सत्ता हासिल करके देश की सियासत में खलबली मचा दी थी।

बसपा 2007 का प्रदर्शन कोई आकस्मिक नहीं था, बल्कि उसके पीछे मायावती की सोची समझी रणनीति थी। प्रत्याशियों की घोषणा चुनाव से लगभग एक साल पहले ही कर दी गई थी। इसके अलावा ओबीसी, दलितों, ब्राह्मणों और मुसलमानों के साथ एक तालमेल बनाया था। बसपा इसी फॉर्मूले को फिर से जमीन पर उतारने की कवायद में है।

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