चित्रकूट मंथन की इनसाइड स्टोरी:संघ गुप्त बैठक कर रहा; सरकार के लिए धर्म, संस्कृति और सियासी मोर्चे पर मास्टर प्लान की तैयारी
चित्रकूट के दीनदयाल उपाध्याय रिसर्च फाउंडेशन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठक चल रही है। बैठक की गोपनीयता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि करीब 3 किलोमीटर के दायरे में बैरिकेडिंग की गई है। 5 जिलों सतना, सीधी, शहडोल, बांदा और चित्रकूट की पुलिस पहरेदारी में तैनात है। बैठक में रियल या वर्चुअल, किसी भी तरह से शामिल लोगों को हिदायत दी गई है कि वे अंदर की किसी बात का बाहर जिक्र न करें।
सूत्रों की मानें तो मंथन के दौरान देश में चर्चित सबसे अहम मुद्दों के लिए ‘मास्टर प्लान’ बनाने की दिशा में काम चल रहा है। धर्म, संस्कृति और सियासत तीनों मोर्चों पर संघ के भीतर ब्रेन स्टॉर्मिंग जारी है। संघ के पदाधिकारी, हर मुद्दे पर घंटों बहस कर रहे हैं।
संघ के सामने 4 सवाल
1. बहस इस दिशा में भी हो रही है कि क्या संघ को अपना चेहरा सेक्युलर दिखाने की कोशिश करनी चाहिए?
2. क्या सेक्युलर छवि देश और राज्यों में भाजपा की सरकार बनाने में मददगार होगी?
3. क्या पारंपरिक वोटर संघ की इस नई सेक्युलर छवि को लेकर सहज हो पाएगा?
4. अगर देश में कोरोना की थर्ड वेव आती है तो संघ किस तरह सेवा की भूमिका निभाएगा?
5 मुद्दों पर बहस के बाद सरकार के लिए बनेगा संघ का संविधान
पहला: धर्म परिवर्तन के खिलाफ केंद्रीय कानून को लेकर एकमत
बैठक में धर्म परिवर्तन के खिलाफ केंद्रीय कानून की जरूरत को लेकर एकराय है। सूत्रों के मुताबिक, संघ मोदी सरकार के सामने यह प्रस्ताव रखेगा कि धर्म परिवर्तन के खिलाफ केंद्रीय कानून बने। ऐसा करने वालों को गंभीर सजा हो। हालांकि अभी इस पर दुविधा है कि इस कानून को 2024 के मेनिफेस्टो में दर्ज कर उसे चुनावी मुद्दा बनाया जाए या फिर लोकसभा चुनाव से पहले पारित कर इसे अपनी उपलब्धियों में गिनाया जाए?
दूसरा: धर्म परिवर्तन रोकने के लिए कानून और घर वापसी
चर्चा धर्म परिवर्तन रोकने के लिए कानून पर भी हुई है। साथ ही यह भी कि कानून के तहत सजा कैसी हो। साथ ही कार्रवाई का तरीका कितना सख्त या नर्म हो। संघ के सूत्रों का कहना है कि मुस्लिमों का एक बड़ा तबका खुद ही घर वापसी चाहता है। इसके लिए किसी सख्ती की कोई जरूरत नहीं। तो एक बात तय है कि आने वाले समय में धर्म परिवर्तन की उल्टी गंगा भी बहने के मामले सामने आ सकते हैं।
तीसरा: जनसंख्या नियंत्रण कानून
देश में मुसलमानों की बढ़ती आबादी संघ के लिए चिंता का बड़ा सबब है। इस मुद्दे पर भी केंद्रीय कानून जल्द से जल्द लाने की रणनीति को लेकर भी विचार-विमर्श जारी है।
चौथा: योगी की छवि सुधारने पर काम
सूत्रों की मानें तो उत्तरप्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए संघ ने प्लान लगभग तय कर लिया है। दरअसल, यह भी चर्चा है कि ब्लॉक प्रमुख पद के लिए हो रहे चुनाव में भी संघ का ही फॉर्मूला लगाया जा रहा है। कई विधायकों के टिकट कटने तय हैं। इनमें से कइयों की पत्नियों या करीबियों को ब्लॉक प्रमुख के टिकट देकर संतुष्ट करने का काम शुरू भी किया जा चुका है। लिहाजा टिकट आवंटन से लेकर योगी की छवि में सुधार तक को लेकर संघ काम करेगा। संघ के कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर यह बात साफ करेंगे कि केंद्रीय नेतृत्व और योगी सरकार के बीच कोई मतभेद या मनभेद नहीं है। योगी सरकार से जनता की शिकायतों को दूर करने के लिए विधायकों के टिकट काटे जाएंगे। यूपी कैबिनेट री-शफल भी केंद्र की तर्ज पर बड़े स्तर पर करने की तैयारी है। संघ इस रीशफलिंग में भी बड़ी भूमिका निभा सकता है।
पांचवां: कोरोना की थर्ड वेव
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भी संघ ने तैयारियां की हैं। इस दौरान संघ बेहद सक्रिय दिखाई देगा। क्षेत्र प्रचारकों और प्रांत प्रचारकों से कोरोना की थर्ड वेव को लेकर प्लान मांगा गया है। उनसे यह भी पूछा गया है कि सेकेंड वेव में संघ के कार्यकर्ता जमीन पर क्यों नहीं दिखे? सेवा कार्य को लेकर संघ की चर्चा क्यों नहीं हुई? सभी को हिदायत दी गई है कि थर्ड वेव में संघ की चर्चा सेवा कार्यों के लिए होनी चाहिए। गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। हालांकि अभी प्लान फाइनल होना बाकी है।
छवि पर दुविधा, शाखाएं अनलॉक करने पर विचार
संघ की छवि को लेकर अभी दुविधा है। इसके अलावा धर्म परिवर्तन और जनसंख्या के खिलाफ कानून बनाने के मुद्दों पर जमकर चर्चा हो रही है। कोरोना में शाखाओं पर लगी रोक के बाद अब इन्हें सामान्य माहौल में फिर से शुरू करने की प्रोसेस को लेकर भी चर्चा हो रही है। दरअसल, पांच राज्यों के चुनाव को देखते हुए शाखाओं की तालाबंदी नुकसानदेह साबित हो सकती है। लिहाजा, शाखाओं को कोरोना प्रोटोकॉल के साथ कैसे शुरू किया जाए, इसको लेकर भी एक चाक चौबंद प्लान बनाने की दिशा में चर्चा हुई।
पांच दिवसीय बैठक में 50-55 लोग शामिल, 250 वर्चुअली जुड़े
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में क्षेत्र प्रचारक और प्रांत प्रचारक शामिल हुए। 9-10 जुलाई को 11 क्षेत्रों के क्षेत्र प्रचारक शामिल हुए तो 12 जुलाई को देशभर के 45 प्रांतों के प्रांत प्रचारकों एवं सह प्रांत प्रचारकों ने हिस्सा लिया। कुल मिलाकर 50-55 लोग चित्रकूट पहुंचे और करीब 250 लोग वर्चुअली इससे जुड़े।