पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का बड़ा आदेश:जमानत देने या इनकार करने के लिए क्या आधार है आदेश में बताना जरूरी, न्याय अधिकारियों को जारी करें निर्देश
किसी आरोपी को जमानत देने या न देने के निर्णय के लिए किन तथ्यों को आधार बनाया गया है, यह न्याय अधिकारी अपने आदेश में लिखना सुनिश्चित करें। इसके लिए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ ज्यूडिशियल एकेडमी के निदेशक को आदेश जारी किए हैं। निदेशक को अब हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के न्याय अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी करने होंगे।
मामला गुरुग्राम में पिज्जा डिलीवरी करने वाले व्यक्ति से पिज्जा और मोटर साइकिल छीनने से जुड़ा हुआ है। आरोपी सुमित तंवर ने इस मामले में निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि गुरुग्राम के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश ने जमानत देने से इनकार करने के आदेश में तथ्यों को वर्णित तक नहीं किया है। ऐसे में यह आदेश न्यायोचित नहीं है।
हाईकोर्ट को यह भी बताया गया कि छीनी गई वस्तुओं की बरामदगी हो चुकी है और सहआरोपी को भी जमानत मिल चुकी है। ऐसे में याची को भी जमानत मिलनी चाहिए। तमाम दलीलों के बाद हाईकोर्ट ने याची को अग्रिम जमानत देते हुए चंडीगढ़ ज्यूडिशियल एकेडमी के निदेशक को आदेश दिया कि वह सभी न्याय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी करें।
उन्हें बताया जाए कि जमानत देने या इनकार करने के लिए क्या आधार बनाया गया, उन तथ्यों को आदेश में वर्णित करना अनिवार्य है।