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मेहनत से नहीं जनून से जीती जाती हैं जंग : अजीत सिंह चौधरी -पंजाब-उतराखंड के 9 जिलों में चला रहें चैरीटेबल ब्लड बैंक -Ajit singh हैं punjab के पहले लैब टैक्निशियन LT, जिनके चलते हैं अपने Blood Bank

Ajit तमाम ब्लड बैंकों के मुकाबले आधे रेट पर जरूरतमंदों के रक्त मुहैया करवा रहे है। जोकि हाई टेक्निॉलजी द्वारा की जाने वाली बल्ड टेस्टिंग कॉस्ट है। मालवा के पहले गुरु नानक देव चैरीटेबल बल्ड सैंटर में अत्याधुनिक मशीनें जैसे कैमील्यूमिनोसेंस (एचआईवी, एचसीवी, एचबीएसएजी की एडवांस टेस्टिंग), लीकोरडियूस्ड बल्ड कंपोनेंटस सैपरेटर, क्रॉस मैचिंग बॉय जैल टेक्निक (जोकि इरैगुलर एंटीबॉडिज़ को डिटेक्ट करती है) से बल्ड की टैस्टिंग कर पूरी तरह से सुरक्षित बल्ड मरीजों तक पहुंचाया जाता है। यह हाई टेक्निक टैस्टिंग मालवा के पहले चैरिटेबल बल्ड सैंटर गुरु नानक देव में ही की जाती है। सन 2017 में मोगा मित्तल अस्पताल बल्ड सैंटर से इस श्रृंख्ला का आगाज किया। संगरूर, लुधियाना, श्री मुक्सतर साहब, बठिंडा, श्री अमृतसर साहिब, जालंधर, हरिद्वार में इनके ब्लड बैंक चल रहे है। इसके अलावा अभी दो अन्य प्लानिंग अधीन है। इन श्रृंख्लाओं के तहत स्थापित बल्ड बैंक में अब दो लाख जरूरतमंद मरीजों सुरक्षित रक्त मुहैया करवाया जा चुका है। इसके साथ गरीब परिवारों के जरूरतमंद मरीजों के अलावा, डायलसिस मरीज और थैलासीमिया मरीजों को निशुल्क रक्त भी मुहैया करवाया जाता है।

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न्यूज़ पोर्टल www.namastaayindia.com से बात करते Ajit Singh Chaudhary  कहते हैं कि उन्हें कुछ बड़ा करने की प्रेरणा पिता RAM kumar से मिली, लेकिन अपनी सफलता के पीछे अपनी पत्नी pooja का हाथ मानते हैं। वह कहते हैं कि पूजा ने हर कदम पर उनका साथ दिया है। उनका घर और आफिस दोनों संभालें है। Pooja के बिना वो सफलता की उम्मीद नहीं कर सकते थे।

बिल गेटस कहते हैं कि जो व्यक्ति एक ही काम को पूरे जुनून के साथ मेहनत करता है, वहीं दुनिया में इतिहास रच सकता है और अगर आपको कुछ बड़ा करना हैं, तो लग जाए उस काम में जिसमें आपका इंटरेस्ट हैं, तो कोई भी ताकत आपको रोक नहीं सकती। बिल गेटस की यह बात जींद Haryana के जन्मे 35 वर्षीय अजीत सिंह चौधरी Ajit Singh Chaudhary पर स्टीक बैठती है। जिन्होंने छोटी सी उम्र में ही पंजाब और उतराखंड में 9 बल्ड सैंटर स्थापित कर अपनी अलग पहचान बनाई। अजीत सिंह चौधरी राज्य के पहले ऐसे लैब टैक्निशियन LT जिनके अपने बल्ड बैंक हैं। नो प्रोफिट नो लॉस पर चल रहे गुरु नानक देव ब्लड सैंटर का मक्सद ही जन जन में रक्तदान के महत्तव को समझाते हुए प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति रक्त मुहैया करवाना है।

 


टीन एजर अजीत सिंह पापा से इंस्पॉयर जींद से बठिंडा पहुंचे
टीन एजर अजीत सिंह के पिता राम कुमार एक किसान हैं, जिन्होंने ताउम्र खेती कर अपने परिवार को पाला। पिता जी को कड़ी मेहनत करते देख घर की बागडोर अपने हाथों में लेने के लिए 18 साल की उम्र में जींद से बठिंडा पहुंचे। लैब टैक्निशियन का डिपलोमा करने के बाद साइकिलों पर घुमते हुए अपनी नौकरी करने लगे। उन्होंने कई ब्लड बैंक में बतौर इंचार्ज डियूटी भी संभाली। पिता ने कृषि के काम से विराम लेते हुए अजीत सिंह से कहा कि वे इस दौड़ में आखिरी बार दौड़ रहें और तुम्हें भी अपने काम में इसी तरह काम करना हैं, जैसे वो अंतिम हो। पिता की जरूरत से ज्यादा अच्छी फसल को लहराते हुए देख फैसला लिया कि वे कुछ अलग करेंगे। बठिंडा शहर में अपना पहला ब्लड बैंक खोलने का निर्णय लिया। उसके बाद तो एक के साथ एक बल्ड बैंक खुलते गए और लोगों का काफिला उनके साथ जुड़ता गया।

पैसा बचाना नहीं, जिंदगी बचाना हैं मक्सद
अजीत सिंह ने बताया कि उनके बल्ड बैंक का मुख्य मक्सद जिंदगी बचाना हैं। इसलिए शहर के तमाम ब्लड बैंकों के मुकाबले आधे रेट पर जरूरतमंदों के रक्त मुहैया करवा रहे है। जोकि हाई टेक्निॉलजी द्वारा की जाने वाली बल्ड टेस्टिंग कॉस्ट है। मालवा के पहले गुरु नानक देव चैरीटेबल बल्ड सैंटर में अत्याधुनिक मशीनें जैसे कैमील्यूमिनोसेंस (एचआईवी, एचसीवी, एचबीएसएजी की एडवांस टेस्टिंग), लीकोरडियूस्ड बल्ड कंपोनेंटस सैपरेटर, क्रॉस मैचिंग बॉय जैल टेक्निक (जोकि इरैगुलर एंटीबॉडिज़ को डिटेक्ट करती है) से बल्ड की टैस्टिंग कर पूरी तरह से सुरक्षित बल्ड मरीजों तक पहुंचाया जाता है। यह हाई टेक्निक टैस्टिंग मालवा के पहले चैरिटेबल बल्ड सैंटर गुरु नानक देव में ही की जाती है। सन 2017 में मोगा मित्तल अस्पताल बल्ड सैंटर से इस श्रृंख्ला का आगाज किया। संगरूर, लुधियाना, श्री मुक्सतर साहब, बठिंडा, श्री अमृतसर साहिब, जालंधर, हरिद्वार में इनके ब्लड बैंक चल रहे है। इसके अलावा अभी दो अन्य प्लानिंग अधीन है। इन श्रृंख्लाओं के तहत स्थापित बल्ड बैंक में अब दो लाख जरूरतमंद मरीजों सुरक्षित रक्त मुहैया करवाया जा चुका है। इसके साथ गरीब परिवारों के जरूरतमंद मरीजों के अलावा, डायलसिस मरीज और थैलासीमिया मरीजों को निशुल्क रक्त भी मुहैया करवाया जाता है। बठिंडा में स्थिति गुरू नानक चैरीटेबल बल्ड सैंटर नो प्राफिट नॉ लॉस के तहत रक्त और उसके घटक मुहैया करवाया जाता है।
गुरु नानक देव चैरीटेबल अस्पताल भी नॉ प्रॉफिट नॉ लास पर देगा अपनी सुविधाएं
अजीत सिंह ने बताया कि उनकी श्रृंख्ला के तहत अब बल्ड बैंक के बाद नाम देव रोड़ पर गुरु नानक देव चैरीटेबल अस्पताल का भी निर्माण किया गया है। जो महामारी कोरोन की तीसरी लहर से मरीजों को बचाने के लिए स्थापित किया गया है। जिसमें आईसीयू वार्ड विद वैंटीलेटर, सैंटरल आक्सिज़न सप्लाई, कोरोना से ठीक हुए मरीजों को होने वाली परेशानी के अलावा 24 घंटे एम्रजैंसी के साथ स्थापित किया गया है।
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